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MpGwalior: कॉलेज संचालक बेटे की अपहरण के बाद दिनदहाड़े हत्या, आरोपी पुलिस को नहीं बता पा रहा कि कहां फेंका शव
ग्वालियर के एक कॉलेज संचालक प्रशांत परमार के बेटे प्रखर परमार की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामले में नगर निगम के कर्मचारी करन वर्मा और उसके दो साथियों को हिरासत में लिया है।

जानकारी के अनुसार ग्वालियर के एक कॉलेज संचालक प्रशांत परमार के बेटे प्रखर परमार की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामले में नगर निगम के कर्मचारी करन वर्मा और उसके दो साथियों को हिरासत में लिया है। पुलिस आरोपियों को साथ लेकर शव तलाशने में जुटी है। इधर प्रशांत परमार का कहना है कि पुलिस मेरे बच्चे का शव नहीं ढूंढ पा रही है।
पिता ने बताया हत्या का मोटिव
प्रशांत परमार का आरोप है कि उनके बेटे का हत्यारा उनके ही कॉलेज का पूर्व स्टूडेंट करन वर्मा है। जो अब नगर निगम में नौकरी कर रहा है। प्रशांत का आरोप है उन्होंने जमीन के सिलसिले में करन को सात लाख रुपये दिए थे वो उसे लौटा नहीं रहा था। कल करन फोन आया था वो पैसे लोटने के तैयार हो गया। मैनें बेटे प्रखर को उसके पास भेज दिया और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसका अपहरण किया ओर उसकी हत्या कर दी। पिता प्रशांत ने बताया कि जब बेटा करन से रुपये लेने गया था, पर देर शाम तक नहीं लौटा तो चिंता होने लगी। उसका फोन भी बंद आ रहा था। प्रशांत ने देर शाम यूनिवर्सिटी थाना पुलिस को खबर दी। पुलिस ने नगर निगम के बाहर से आरोपी की गाड़ी पकड़ी और फिर आरोपी करन को भी दबोच लिया।
इधर आरोपी करन ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने अपने दो साथियों के साथ प्रखर का अपहरण किया था। वह उसे गाड़ी में बैठाकर ले गया था और ग्वालियर शहर से निकलते ही कट्टे से दो गोलियां मारकर प्रखर को मौत के घाट उतार दिया। उसकी लाश को ले जाकर दतिया-झांसी के बीच ठिकाने लगा दिया। हालांकि पुलिस को शव अब तक नहीं मिल सका है। पुलिस आरोपियों को साथ लेकर भी गई थी, पर वे गुमराह कर रहे हैं। ग्वालियर एसपी ने शव तलाशने के लिए चार टीम बनाई हैं। जो उत्तर प्रदेश के बरूआ सागर डेम के साथ संभावित स्थानों पर बॉडी को ढ़ूंढ रही है। बता दें शहर में प्रशांत परमार के दो दर्जन से ज्यादा कॉलेज संचालित होते हैं। इनमें नर्सिंग, डीएड, बीएड कॉलेज शामिल हैं। कुछ महीने पहले ही प्रशांत परमार के यहां ईओडब्लू की कार्रवाई हुई थी जिसमें उन पर करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति मिली थी।