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Dream11 ने की ग्लोबल विस्तार की घोषणा, अमेरिका और UK सहित 11 देशों में लॉन्च

नई दिल्ली

Dream11 ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है. अब कंपनी ग्लोबल एक्सपेंशन करने जा रही है और अब कंपनी ने 11 देशों में लॉन्चिंग कर दी है. इसमें अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया और यूएई जैसे नाम शामिल हैं. 

दरअसल, हाल ही में भारत में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर कानून में बदलाव किया है. इसके बाद ड्रीम 11का बिजनेस मॉडल प्रभावित हुआ. अब कंपनी ने इसकी भरपाई के लिए दुनिया के दूसरे देशों में अपना बिजनेस मॉडल लॉन्च करने जा रही है.  

कंपनी के को-फाउंडर ने बताया रेवेन्यू मॉडल 

अगस्त महीने के दौरान मनीकंट्रोल को दिए गए इंटरव्यू में ड्रीम स्पोर्ट्स के को-फाउंडर हर्ष जैन ने बताया था कि उनकी कंपनी का 95 परसेंट रेवेन्यू शुरुआती मॉडल कैश बेस्ड कॉन्टैस्ट पर है. नए नियम के तहत उनको बैन कर दिया है. 

आने वाले दिनों में मिलेंगे और अपडेट 

अब कंपनी रेवेन्यू के लिए अलग-अलग मॉडल पर काम कर रही है. आने वाले दिनों में कई और अपडेट देखने को मिलेंगे. हाल ही में कंपनी ने न्यू फैंटेसी स्पोर्ट्स फीचर को अनवील किया है, जिसका नाम Flex है. इसकी मदद से यूजर्स खुद की लीग तैयार कर सकते हैं और रूल्स को भी कस्टमाइज कर सकते हैं. 

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मनी बेस्ड गेमिंग पर बैन के बाद बदला मॉडल

नए कानूनों के बाद ड्रीम 11 ने फ्री-टू-प्ले (बिना पैसे वाला गेम) मॉडल को अपनाया है। इस मॉडल की कमाई का आधार अब विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप हैं। ड्रीम 11 ने जिन अन्य देशों में अपना प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है उनमें न्यूजीलैंड, कनाडा, मलेशिया, नेपाल, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका शामिल हैं।

सबसे अहम बात यह है कि कंपनी इन नए बाजारों में रियल-मनी गेम्स (पैसा लगाकर खेलने वाले गेम) ऑफर नहीं करेगी, यानी यहां भी कमाई का जोर विज्ञापनों पर ही रहेगा।

अगस्त में ऑनलाइन मनी बेस्ड गेमिंग पर बैन लगा था

22 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद ये कानून बन गया था। 21 अगस्त 2025 को राज्यसभा ने और उससे एक दिन पहले लोकसभा ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को मंजूरी दी थी। इस बिल को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेश किया था।

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ऑनलाइन गेमिंग कानून में 4 सख्त नियम

इस कानून में कहा गया है कि चाहे ये गेम्स स्किल बेस्ड हों या चांस बेस्ड दोनों पर रोक है।

    रियल-मनी गेम्स पर रोक: कोई भी मनी बेस्ड गेम ऑफर करना, चलाना, प्रचार करना गैरकानूनी है। ऑनलाइन गेम खेलने वालों को कोई सजा नहीं होगी।
    सजा और जुर्माना: अगर कोई रियल-मनी गेम ऑफर करता है या उसका प्रचार करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। विज्ञापन चलाने वालों को 2 साल की जेल और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

    रेगुलेटरी अथॉरिटी: एक खास अथॉरिटी बनाई जाएगी, जो गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलेट करेगी, गेम्स को रजिस्टर करेगी और ये तय करेगी कि कौन सा गेम रियल-मनी गेम है।

    ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा: पबजी और फ्री फायर जैसे ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को सपोर्ट किया जाएगा। ये गेम्स बिना पैसे वाले होते हैं इसलिए इन्हें बढ़ावा मिलेगा।

17 साल पहले हुई थी कंपनी की शुरुआत 

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ड्रीम स्पोर्ट्स कंपनी की शुरुआत साल 2008 में हुई थी, जिसको हर्ष जैन और भावित शेठ ने मिलकर बनाया था. साल 2021 नवंबर में कंपनी के हाथ बड़ी इनवेस्टमेंट लगी थी और कंपनी की वैल्यू 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था. 

पैसे वाले कई गेम्स हुए बंद  

Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 पास किया जा चुका है. अब बड़े गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपने पैसे वाले गेम्स को बंद कर दिया है. 

मनी बेस्ड गेमिंग से आर्थिक नुकसान हो रहा था

सरकार का कहना था कि मनी बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग की वजह से लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा था। कुछ लोग गेमिंग की लत में इतना डूब गए कि अपनी जिंदगी की बचत तक हार गए और कुछ मामलों में तो आत्महत्या की खबरें भी सामने आईं।

अनुमान था कि करीब 45 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं और मिडिल-क्लास परिवारों के 20,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे गेमिंग डिसऑर्डर के रूप में मान्यता दी है।

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