Breaking News

हड्डी के ‘पुनर्जनन’ की खोजी नई तकनीक, पशुओं पर रहा सफल अब क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी

हड्डी के ‘पुनर्जनन’ की खोजी नई तकनीक, पशुओं पर रहा सफल अब क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी

वाशिंगटन
हड्डी रोगों के इलाज की दिशा में विज्ञानियों एक बड़ी सफलता की उम्मीद जगी है। एक ऐसी नई तकनीक खोजी है, जिससे हड्डियों का एक तरह से पुनर्जनन किया जा सकेगा और उससे हडि्डयों के बड़े विकारों का इलाज हो सकेगा। यह काम एक विशेष हाइड्रोजेल के माध्यम से होगा। यह प्रयोग पशु माडल में सफल रहा है। इसके बाद इसके क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी है। टीएयू मौरिस तथा ग्रैबिएला गोल्डस्क्लेगर स्कूल आफ डेंटल मेडिसिन के विशेषज्ञों की अगुआई किया गया यह शोध जर्नल आफ क्लीनिकल पेरियोडांटोलाजी में प्रकाशित हुआ है।

हड्डियों में फ्रैक्चर जैसी छोटी-मोटी विकृतियां स्वत: ठीक हो जाती हैं, लेकिन…!
शोधकर्ताओं का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर एडलर-अब्रामोविच ने बताया कि हड्डियों में फ्रैक्चर जैसी छोटी-मोटी विकृतियां स्वत: ठीक हो जाती हैं। शरीर क्षतिग्रस्त होने वाले बोन टिश्यू को बनाकर उसकी भरपाई कर लेता है। लेकिन बड़ी विकृतियां हों, तो कठिनाई आती है। ट्यूमर को सर्जरी के जरिये निकालने, शारीरिक बड़ी चोट, दांतों का निकाला जाना, मसूढ़ों की बीमारियों जैसी बड़ी समस्या में हड्डी के बड़े हिस्से का नुकसान होता है। इन स्थितियों में हड्डियां खुद से उसकी भरपाई नहीं कर पाती हैं। उन्होंने बताया कि इन स्थितियों से निपटने के लिए इस नए अध्ययन में हमने एक हाइड्रोजेल विकसित किया है, जो हड्डियों के बाह्य मैट्रिक्स में प्राकृतिक पदार्थों की नकल करता है, हड्डियों के विकास को उत्तेजित करता है और उपचार प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को पुनः सक्रिय करता है।

हिमाचल प्रदेश में वोटिंग जारी, पत्नी और बेटियों के साथ सीएम ठाकुर ने डाला वोट; EVM में कैद होगी 412 प्रत्याशियों की किस्मत

हड्डी के ‘पुनर्जनन’ की खोजी नई तकनीक, पशुओं पर रहा सफल अब क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी

वाशिंगटन
हड्डी रोगों के इलाज की दिशा में विज्ञानियों एक बड़ी सफलता की उम्मीद जगी है। एक ऐसी नई तकनीक खोजी है, जिससे हड्डियों का एक तरह से पुनर्जनन किया जा सकेगा और उससे हडि्डयों के बड़े विकारों का इलाज हो सकेगा। यह काम एक विशेष हाइड्रोजेल के माध्यम से होगा। यह प्रयोग पशु माडल में सफल रहा है। इसके बाद इसके क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी है। टीएयू मौरिस तथा ग्रैबिएला गोल्डस्क्लेगर स्कूल आफ डेंटल मेडिसिन के विशेषज्ञों की अगुआई किया गया यह शोध जर्नल आफ क्लीनिकल पेरियोडांटोलाजी में प्रकाशित हुआ है।
 
हड्डियों में फ्रैक्चर जैसी छोटी-मोटी विकृतियां स्वत: ठीक हो जाती हैं, लेकिन…!
शोधकर्ताओं का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर एडलर-अब्रामोविच ने बताया कि हड्डियों में फ्रैक्चर जैसी छोटी-मोटी विकृतियां स्वत: ठीक हो जाती हैं। शरीर क्षतिग्रस्त होने वाले बोन टिश्यू को बनाकर उसकी भरपाई कर लेता है। लेकिन बड़ी विकृतियां हों, तो कठिनाई आती है। ट्यूमर को सर्जरी के जरिये निकालने, शारीरिक बड़ी चोट, दांतों का निकाला जाना, मसूढ़ों की बीमारियों जैसी बड़ी समस्या में हड्डी के बड़े हिस्से का नुकसान होता है। इन स्थितियों में हड्डियां खुद से उसकी भरपाई नहीं कर पाती हैं। उन्होंने बताया कि इन स्थितियों से निपटने के लिए इस नए अध्ययन में हमने एक हाइड्रोजेल विकसित किया है, जो हड्डियों के बाह्य मैट्रिक्स में प्राकृतिक पदार्थों की नकल करता है, हड्डियों के विकास को उत्तेजित करता है और उपचार प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को पुनः सक्रिय करता है।

See also  UN में भारत ने कहा- आतंकवाद ग्लोबल चैलेंज:इससे लड़ने के लिए दुनिया को एकजुट होना होगा
Facebook
Twitter
LinkedIn

Related Posts

Verified by MonsterInsights