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भारत में जेहाद का नया मॉड्यूल खड़ा करने में जुटा अलकायदा, इंटरनेट का लिया सहारा, अलर्ट जारी

नई दिल्ली 
भारत के खिलाफ आतंकी संगठन अलकायदा जेहाद की नई साजिश रचने में जुट गया है। अलकायदा के ही विंग माने जानेवाले इस्लामिक ट्रांसलेशन सेंटर (आईटीसी) द्वारा युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए नया शगूफा छोड़ा गया है। मुस्लिम युवाओं को ‘जिहादी मीडिया’ से जुड़ने के लिए आईटीसी के वेब पोर्टल द्वारा शेयर किए गए पोस्ट के बाद खुफिया और पुलिस एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। गृह मंत्रालय की सूचना के बाद बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है।

स्पेशल ब्रांच द्वारा भेजे गए अलर्ट में आईटीसी वेब पोर्टल द्वारा शेयर किए गए पोस्ट का उल्लेख भी किया गया है। इसमें मुस्लिम युवा और युवतियों से जिहादी मीडिया से जुड़ने की अपील की गई है। पोस्ट में लिखा है… प्यारे मुस्लिम भाइयों और बहनों, क्या आप जिहादी मीडिया वर्क में काम करने के लिए इच्छुक हैं। हमें अनुवादकों की जरूरत है, आप चाहे जिस भाषा में काम कर सकते हों। आइए, हमारी उस मुहिम से जुड़िए जिसमें मुजाहिद उलेमा और उमरास के लेख का अनुवाद करना है। जिहादी मीडिया में सेवा देना का यह शानदार अवसर है। अपने आसपास के भाइयों और बहनों को भी अपने कार्य से लाभ पहुंचाएं।

आतंकी नेटवर्क तैयार करना हो सकता है मकसद
सूत्रों के मुताबिक, अलकायदा भारत में अपने नेटवर्क को फैलाने के लिए अनुवादक के नाम पर लोगों को जोड़ना चाहता है। इसी नापाक मंसूबे के साथ आईटीसी वेब पोर्टल के लिए यह पोस्ट शेयर किया गया। एक बार आतंकी नेटवर्क खड़ा होने के बाद भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने का आह्वान अलकायदा कर सकता है। आतंकी संगठन के इस मंसूबे को भांपते हुए सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। साथ ही इस पर नजर रखने के लिए अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।

आईएस और अलकायता के बीच प्रतिस्पर्धा
जानकार बताते हैं कि मजहबी बातों के जरिए आतंकी संगठन अलकायदा और इस्लामिक स्टेट (आईएस) अपने नेटवर्क को विभिन्न देशों में फैलाने में जुटे हैं। दोनों के बीच इसको लेकर जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा रही है। आईएस की इस मुहिम में आगे निकलने के बाद अलकायदा भी उसी के मोडस ऑपरेंडी को अपनाते हुए इस्लामिक ट्रांसलेशन सेंटर के जरिए युवाओं तक पहुंच बनाने में जुटा है।

नई दिल्ली 
भारत के खिलाफ आतंकी संगठन अलकायदा जेहाद की नई साजिश रचने में जुट गया है। अलकायदा के ही विंग माने जानेवाले इस्लामिक ट्रांसलेशन सेंटर (आईटीसी) द्वारा युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए नया शगूफा छोड़ा गया है। मुस्लिम युवाओं को ‘जिहादी मीडिया’ से जुड़ने के लिए आईटीसी के वेब पोर्टल द्वारा शेयर किए गए पोस्ट के बाद खुफिया और पुलिस एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। गृह मंत्रालय की सूचना के बाद बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है।

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स्पेशल ब्रांच द्वारा भेजे गए अलर्ट में आईटीसी वेब पोर्टल द्वारा शेयर किए गए पोस्ट का उल्लेख भी किया गया है। इसमें मुस्लिम युवा और युवतियों से जिहादी मीडिया से जुड़ने की अपील की गई है। पोस्ट में लिखा है… प्यारे मुस्लिम भाइयों और बहनों, क्या आप जिहादी मीडिया वर्क में काम करने के लिए इच्छुक हैं। हमें अनुवादकों की जरूरत है, आप चाहे जिस भाषा में काम कर सकते हों। आइए, हमारी उस मुहिम से जुड़िए जिसमें मुजाहिद उलेमा और उमरास के लेख का अनुवाद करना है। जिहादी मीडिया में सेवा देना का यह शानदार अवसर है। अपने आसपास के भाइयों और बहनों को भी अपने कार्य से लाभ पहुंचाएं।

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आतंकी नेटवर्क तैयार करना हो सकता है मकसद
सूत्रों के मुताबिक, अलकायदा भारत में अपने नेटवर्क को फैलाने के लिए अनुवादक के नाम पर लोगों को जोड़ना चाहता है। इसी नापाक मंसूबे के साथ आईटीसी वेब पोर्टल के लिए यह पोस्ट शेयर किया गया। एक बार आतंकी नेटवर्क खड़ा होने के बाद भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने का आह्वान अलकायदा कर सकता है। आतंकी संगठन के इस मंसूबे को भांपते हुए सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। साथ ही इस पर नजर रखने के लिए अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।

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आईएस और अलकायता के बीच प्रतिस्पर्धा
जानकार बताते हैं कि मजहबी बातों के जरिए आतंकी संगठन अलकायदा और इस्लामिक स्टेट (आईएस) अपने नेटवर्क को विभिन्न देशों में फैलाने में जुटे हैं। दोनों के बीच इसको लेकर जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा रही है। आईएस की इस मुहिम में आगे निकलने के बाद अलकायदा भी उसी के मोडस ऑपरेंडी को अपनाते हुए इस्लामिक ट्रांसलेशन सेंटर के जरिए युवाओं तक पहुंच बनाने में जुटा है।

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