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अवैध रूप से संचालित हॉस्पिटल सील:गंदगी देख भड़के CMHO, बोले- हॉस्पिटल है या नर्क

मुरैना के CMHO राकेश शर्मा अंबाह के राधारानी नामक निजी हॉस्पिटल में पहुंचे तो वहां गंदगी देखकर भड़क गए। उन्होंने हॉस्पीटल के स्टॉफ को बुलाया तो उनसे गंदगी व अव्यवस्था का कारण पूछा, जिसका वे कोई जवाब नहीं दे सके। हॉस्पिटल का रिकॉर्ड खंगाला तो पंजीयन तक नहीं था, जबकि उसमें सीजर ऑपरेशन तक हो रहे थे। अन्त में उसे सील कर दिया गया तथा मालिक के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करा दिया गया है।

बता दें, कि अंबाह कस्बे के डायवर्सन रोड स्थित राजीव पेट्रोल पंप के पास राधारानी हॉस्पिटल है। इस निजी हॉस्पिटल की शिकायतें CMHO को लंबे समय से मिल रही थीं। वे रविवार को हॉस्पिटल पहुंचे तथा वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें हॉस्पीटल में बहुत गंदगी मिली। मरीजों के पलंग के गद्दे मैले-कुचेले थे। उनके पास कंबल नहीं थे, तकिया व चादर गंदी थीं। उस हॉस्पिटल में बिल्कुल सफाई नहीं थी, जिसको देखकर CMHO भड़क गए तथा बोले कि यह हॉस्पिटल है या नर्क। इसके बाद उन्होंने हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टॉफ को तलब किया तो वह भी अपर्याप्त व अन्ट्रेंड मिला। हॉस्पिटल के दस्तावेज भी नहीं थे, लिहाजा इन सब कारणों के चलते उन्होंने हॉस्पिटल को सील कर दिया है। जब हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों की स्थिति देखी तो वहां दो प्रसूताएं भर्ती थीं। उनके नाम ऋतु पत्नी प्रदीप भदौरिया, निवासी किशनपुरा, मुरैना व नेहा तोमर पत्नी पुष्पेन्द्र तोमर भर्ती मिलीं। ऋतु की डिलीवरी एक दिसंबर व नेहा की तीन दिसंबर को की गई थी। उनमें से एक का बच्चा जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती है। CMHO ने दोनों प्रसूताओं को जिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया है।

पांच महीनें से चल रहा अवैध हॉस्पिटल प्रशासन को खबर तक नहीं

पड़ताल में पाया गया कि यह नर्सिंग होम पिछले पांच माह से चल रहा था। इस बात की खबर अंबाह स्थित शासकीय चिकित्सालय के बीएमओ तक को पता नहीं थी, इस बात को संदिग्ध रुप से देखा जा रहा है। इस मामले में अंबाह चिकित्सालय के प्रशासन से भी पूछताछ की जाएगी तथा कड़ा एक्शन लिए जाने की बात कही जा रही है।

हॉस्पिटल प्रबंधन को पहले ही पता चल गई CMHO के आने की खबर

CMHO के हॉस्पिटल में आने की खबर हॉस्पिटल प्रबंधन को पहले ही पता लग गई थी, लिहाजा जब CMHO वहां पहुंचे तो न तो अस्पताल के मालिक मिले और न ही डॉक्टर, यहां तक कि स्टॉफ तक गायब था। इससे स्पष्ट हो रहा है कि यह सब स्वास्थय विभाग के अधिकारियों की देख-रेख में संचालित किया जा रहा था।
मरीजों ने बताई समस्या
CMHO ने अस्पताल में मौजूद मरीजों से जब बात की तो पता लगा कि उनका इलाज ही सही तरीके से नहीं हो रहा है। वे कई दिनों से भर्ती हैं लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा है। मरीजों ने बताया कि यहां का स्टॉफ ट्रेंड नहीं है। इसके साथ ही मरीजों ने अन्य अव्यवस्थाओं के बारे में भी खुलकर बताया।

ऑपरेशन थियेटर में गंदगी
अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में गंदगी देखकर CMHO भड़क गए। ऑपरेशन थियेटर में जो जरूरी सामान होना चाहिए वह नहीं था। वहां जो सुविधाएं होना चाहिए वे नहीं थीं। जगह-जगह खून व गंदगी पड़ी थी।

कहते हैं अधिकारी
हॉस्पिटल में गंदगी के अलावा अन्य अनियमितताएं थीं, जिसकी वजह से उसे सील कर दिया गया है। आगे की कार्रवाही भी की जा रही है।

मुरैना के CMHO राकेश शर्मा अंबाह के राधारानी नामक निजी हॉस्पिटल में पहुंचे तो वहां गंदगी देखकर भड़क गए। उन्होंने हॉस्पीटल के स्टॉफ को बुलाया तो उनसे गंदगी व अव्यवस्था का कारण पूछा, जिसका वे कोई जवाब नहीं दे सके। हॉस्पिटल का रिकॉर्ड खंगाला तो पंजीयन तक नहीं था, जबकि उसमें सीजर ऑपरेशन तक हो रहे थे। अन्त में उसे सील कर दिया गया तथा मालिक के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करा दिया गया है।

रविवार को जरूर करें खास स्तोत्र का पाठ, पहले जान लें इससे जुड़े विशेष नियम

बता दें, कि अंबाह कस्बे के डायवर्सन रोड स्थित राजीव पेट्रोल पंप के पास राधारानी हॉस्पिटल है। इस निजी हॉस्पिटल की शिकायतें CMHO को लंबे समय से मिल रही थीं। वे रविवार को हॉस्पिटल पहुंचे तथा वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें हॉस्पीटल में बहुत गंदगी मिली। मरीजों के पलंग के गद्दे मैले-कुचेले थे। उनके पास कंबल नहीं थे, तकिया व चादर गंदी थीं। उस हॉस्पिटल में बिल्कुल सफाई नहीं थी, जिसको देखकर CMHO भड़क गए तथा बोले कि यह हॉस्पिटल है या नर्क। इसके बाद उन्होंने हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टॉफ को तलब किया तो वह भी अपर्याप्त व अन्ट्रेंड मिला। हॉस्पिटल के दस्तावेज भी नहीं थे, लिहाजा इन सब कारणों के चलते उन्होंने हॉस्पिटल को सील कर दिया है। जब हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों की स्थिति देखी तो वहां दो प्रसूताएं भर्ती थीं। उनके नाम ऋतु पत्नी प्रदीप भदौरिया, निवासी किशनपुरा, मुरैना व नेहा तोमर पत्नी पुष्पेन्द्र तोमर भर्ती मिलीं। ऋतु की डिलीवरी एक दिसंबर व नेहा की तीन दिसंबर को की गई थी। उनमें से एक का बच्चा जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती है। CMHO ने दोनों प्रसूताओं को जिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया है।

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पांच महीनें से चल रहा अवैध हॉस्पिटल प्रशासन को खबर तक नहीं

पड़ताल में पाया गया कि यह नर्सिंग होम पिछले पांच माह से चल रहा था। इस बात की खबर अंबाह स्थित शासकीय चिकित्सालय के बीएमओ तक को पता नहीं थी, इस बात को संदिग्ध रुप से देखा जा रहा है। इस मामले में अंबाह चिकित्सालय के प्रशासन से भी पूछताछ की जाएगी तथा कड़ा एक्शन लिए जाने की बात कही जा रही है।

हॉस्पिटल प्रबंधन को पहले ही पता चल गई CMHO के आने की खबर

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CMHO के हॉस्पिटल में आने की खबर हॉस्पिटल प्रबंधन को पहले ही पता लग गई थी, लिहाजा जब CMHO वहां पहुंचे तो न तो अस्पताल के मालिक मिले और न ही डॉक्टर, यहां तक कि स्टॉफ तक गायब था। इससे स्पष्ट हो रहा है कि यह सब स्वास्थय विभाग के अधिकारियों की देख-रेख में संचालित किया जा रहा था।
मरीजों ने बताई समस्या
CMHO ने अस्पताल में मौजूद मरीजों से जब बात की तो पता लगा कि उनका इलाज ही सही तरीके से नहीं हो रहा है। वे कई दिनों से भर्ती हैं लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा है। मरीजों ने बताया कि यहां का स्टॉफ ट्रेंड नहीं है। इसके साथ ही मरीजों ने अन्य अव्यवस्थाओं के बारे में भी खुलकर बताया।

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ऑपरेशन थियेटर में गंदगी
अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में गंदगी देखकर CMHO भड़क गए। ऑपरेशन थियेटर में जो जरूरी सामान होना चाहिए वह नहीं था। वहां जो सुविधाएं होना चाहिए वे नहीं थीं। जगह-जगह खून व गंदगी पड़ी थी।

कहते हैं अधिकारी
हॉस्पिटल में गंदगी के अलावा अन्य अनियमितताएं थीं, जिसकी वजह से उसे सील कर दिया गया है। आगे की कार्रवाही भी की जा रही है।

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