
म्यूचुअल फंड पर निवेशकों का भरोसा बढ़ता जा रहा है। नवंबर में पहली बार म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 40 लाख करोड़ रुपए से ऊपर निकल गया। दिलचस्प है कि बीते माह इक्विटी फंड्स में निवेश अक्टूबर के मुकाबले 76% घट गया। प्रॉफिट बुकिंग इसकी सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) के मुताबिक, नवंबर में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम 40.37 लाख करोड़ रुपए हो गया। अक्टूबर में यह 39.50 लाख करोड़ रुपए था। लेकिन इसी दौरान ओपन एंडेड इक्विटी फंड में निवेश करीब 76% घटकर 2,258 करोड़ रुपए रह गया। अक्टूबर में निवेशकों ने ऐसे फंड में 9,390 करोड़ रुपए लगाए थे। इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ईएलएसएस) जैसे क्लोज एंडेड फंड में बेहद मामूली निवेश होता है।
SIP निवेश नए रिकॉर्ड स्तर पर
शुक्रवार को आए आंकड़ों के मुताबिक, बीते महीने SIP के जरिए निवेश 13,307 करोड़ रुपए के नए लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया था। अक्टूबर में SIP निवेश पहली बार 13,000 करोड़ रुपए से ऊपर (13,040.64 करोड़ रुपए) निकला था।
इक्विटी फंड में कम पर 21वें महीने निवेश
इक्विटी फंड में निवेश घटा तो है, पर निकासी नहीं हुई। मार्च 2021 से अब तक 21वें महीने शुद्ध निवेश हुआ है। बीते महीने ये निचले स्तर आया क्योंकि कुछ निवेशकों ने डेट फंड का रुख कर लिया।
इक्विटी से निकलकर डेट फंड में आया पैसा
एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में डेट स्कीम्स में 3,668.59 करोड़ का शुद्ध निवेश हुआ। इसके मुकाबले अक्टूबर के दौरान इस कैटेगरी के म्यूचुअल फंड से 2,818 करोड़ की निकासी हुई थी।
रिटेल निवेशकों ने भुनाया मुनाफा
एम्फी के CEO एनएस कहते हैं कि वेंकटेश म्यूचुअल फंड की कुछ स्कीम्स से निकासी हुई है। यह रिटेल निवेशकों की तरफ से मुनाफा भुनाने का नतीजा है। शादियों के सीजन की खास शॉपिंग इसकी वजह हो सकती है।





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