
जबलपुर। हाई कोर्ट ने उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की उच्च माध्यमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति निरस्त करने के मामले को गंभीरता से लिया। इसी के साथ आयुक्त जनजाति विभाग को व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने के निर्देश दे दिए हैं। इसके लिए 19 दिसंबर की तिथि निर्धारित की गई है। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
इस दौरान याचिकाकर्ता अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों की ओर से अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह व रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं ने उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 उत्तीर्ण की थी। इसके बाद नियमानुसार नियुक्ति के पात्र हुए थे। इसके बावजूद मनमाने तरीके से नियुक्ति निरस्त कर दी गई। आयुक्त जनजाति विभाग ने 21 अक्टूबर, 2022 को जारी नियुक्ति आदेश सात नवंबर, 2022 को जारी दूसरे आदेश के जरिये निरस्त कर दिया था। जिसे याचिका के जरिये हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हाई कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दो दिसंबर, 2022 को उक्त आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।