भारत सरकार 1 अप्रैल से उन विदेशी कंपनियों से “गूगल टैक्स” हटा देगी, जो डिजिटल विज्ञापनों के जरिए पैसा कमाती हैं। इसका मतलब यह है कि अब कंपनियों जैसे Google और Meta को भारतीय बाजार में अपनी सेवाओं पर कम टैक्स देना पड़ेगा। इस बदलाव से इन कंपनियों को बड़ा फायदा होगा, क्योंकि अब उन्हें पहले से कम टैक्स देना होगा, जिससे वे अपने कारोबार को और बढ़ा सकेंगी।
Equalisation Levy क्या था?
भारत सरकार ने इस टैक्स को “इक्वलाइजेशन लेवी” कहा था, जिसे 2016 में लागू किया गया था। यह टैक्स विदेशी कंपनियों पर लगाया जाता था जो भारतीय यूजर्स को ऑनलाइन सेवाएं देती थीं, जैसे विज्ञापन, शॉपिंग, और क्लाउड सेवाएं। इससे यह सुनिश्चित किया जाता था कि विदेशी कंपनियां भारतीय टैक्स सिस्टम का हिस्सा बने और भारत में उनके द्वारा किए गए कारोबार पर टैक्स लिया जाए।
कैसे होगा इन कंपनियों को फायदा?
अब इस 6% टैक्स को हटा दिया जाएगा, जिससे कंपनियों को भारतीय बाजार में अपनी सेवाओं की कीमतें और ज्यादा फ्लेक्सिबल बनाने का मौका मिलेगा। इससे इन कंपनियों को भारत में अपने ऑपरेशंस को और बढ़ाने का अवसर मिलेगा और वे भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकेंगी। इन कंपनियों को अब भारत में अपनी डिजिटल सर्विसेस से होने वाली इनकम पर कम टैक्स देना होगा। इससे उनका कुल टैक्स बिल कम होगा और वे अपनी इनकम का ज्यादा हिस्सा अपने इन्वेस्टमेंट या ग्रोथ के लिए यूज कर सकेंगी। यह टैक्स कटौती अमेरिकी कंपनियों जैसे Google और Meta के लिए एक बड़ी राहत है, और इससे भारतीय डिजिटल मार्केट में और निवेश और विकास की संभावना बढ़ सकती है।





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