
पिछले 4 महीने से राजधानी भोपाल की खूबसूरती पर दाग लगा रही खराब सड़कों की PWD ने रिपेयरिंग शुरू कर दी है। सबसे व्यस्त कोलार-हमीदिया रोड पर ज्यादा फोकस है, क्योंकि इन दोनों सड़कों से रोज 5 से 6 लाख लोग गुजरते हैं। ऐसी ही 18 सड़कों की रिपेयरिंग पीडब्ल्यूडी कर रहा है। हालांकि, नगर निगम ने अपनी कई सड़कों के अभी गड्ढे भी नहीं भरे हैं। खासकर कॉलोनी, गली-मोहल्लों की सड़कें बुरे हाल से गुजर रही है।
शहर में भारी बारिश के चलते सड़कों की सूरत ही बदल गई। उन इलाकों की सड़कें ज्यादा खराब हुई, जहां से रोजाना लाखों लोग गुजरते हैं। जर्जर सड़कों के मुद्दे पर ही पीडब्ल्यूडी-नगर निगम के जिम्मेदार आमने-सामने आ गए। लेटर और बयानबाजी के बाद आखिरकार अब सड़कों की तस्वीर बदलने लगी है। पीडब्ल्यूडी ने इसकी शुरुआत की है। कोलार रेस्ट हाउस से नयापुरा के बीच जर्जर सड़कों को सुधारा जा रहा है। हालांकि, 29 अक्टूबर को कोलार रोड सिक्स लेन प्रोजेक्ट की शुरुआत भी हो जाएगी, लेकिन गड्ढों के कारण राहगीरों को परेशानी न हो। इसलिए रिपेयरिंग कराई जा रही है।
इन सड़कों की रिपेयरिंग भी
पीडब्ल्यूडी चीफ इंजीनियर संजय मस्के ने बताया कि 11 किलोमीटर लंबे कोलार रोड के जर्जर हिस्से का पेंचवर्क कराया जा रहा है। ज्यादातर हिस्सों में पेंचवर्क कर दिया गया है। एक-दो दिन में रिपेयरिंग पूरी कर लेंगे। हमीदिया रोड, भारत टॉकीज, अयोध्या बायपास समेत अन्य 18 सड़कें भी ठीक की जा रही है।
कई इलाकों में गड्ढों में भरी मिट्टी बड़ी मुसीबत बनी
जून से अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक जारी रही बारिश के कारण करीब एक हजार किलोमीटर सड़कें उखड़ी गईं। बीच में बारिश थमने के बाद निगम और पीडब्ल्यूडी को रेस्टोरेशन का समय मिल गया था। गड्ढों में गिट्टी और मिट्टी भरकर राहत दी गई थी, लेकिन अक्टूबर की तेज बारिश में सड़कें फिर से जर्जर हो गई। इस कारण राहगीरों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। गड्ढों के अलावा उड़ती धूल भी अब लोगों की सेहत बिगाड़ने लगी। अभी भी कई इलाके ऐसे हैं, जहां उड़ती धूल राहगीरों के लिए मुसीबत बन गई है।
इन सड़कों की सुध लेना जरूरी
- जहांगीराबाद, जिंसी चौराहा, पुल बोगदा में भी सड़कें खस्ता हाल है। गड्ढों में भरी मिट्टी धूल बनकर राहगीरों को परेशान कर रही है।
- रायसेन रोड पर इंद्रपुरी, आनंदनगर की सड़क भी खस्ताहाल है।
- एमपी नगर में गर्वमेंट प्रेस के पास सड़क की हालत ठीक नहीं है।
- बावड़ियाकलां, सलैया, लहारपुर, कटारा, करोंद, छोला के हाल भी ठीक नहीं है।
सड़कों की वजह से बंद हो चुका CPA
राजधानी में नगर निगम की 3879 किमी, पीडब्ल्यूडी की 531 किमी, बीडीए की 150 किमी और CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) की 132 किमी सड़कें हैं। सीपीए इसी साल 31 मार्च को बंद हो चुका है और इसकी सड़कें पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई है। सीपीए के बंद होने की वजह भी खराब सड़कें हैं। पिछले साल सड़कों की स्थिति की समीक्षा करते समय CM शिवराज सिंह चौहान ने इसे बंद करने के निर्देश दे दिए थे। करीब छह महीने की लंबी प्रोसेस के बाद सीपीए हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।