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बिना पति के बेटे को दिया जन्म भोपाल की सिंगल मॉम डिवोर्स के 7 साल बाद हुईं प्रेग्नेंट

बिना पति के बेटे को दिया जन्म भोपाल की सिंगल मॉम डिवोर्स के 7 साल बाद हुईं प्रेग्नेंट

2008 में शादी हुई। 2014 में तलाक हो गया। इसके 7 साल बाद 2021 में प्रेग्नेंट हुई, वो भी बिना पति के। ऐसा हुआ है ICI तकनीक से। यह कहानी है भोपाल में इंट्रा सर्वाइकल इंसेमिनेशन (ICI) तकनीक से पहली स्पिंस्टर मॉम (सिंगल मदर) बनने वाली 'मीकू की मम्मी' यानी संयुक्ता बैनर्जी की।

सिंगल मदर होने के साथ संयुक्ता एक बेटी का भी फर्ज अदा कर रही हैं। कुछ महीनों पहले उनकी मां को कैंसर की फोर्थ स्टेज डिटेक्ट होने के बाद उनका जीवन चुनौतियों से भर गया। संयुक्ता हर एक चैलेंज का सामना कर रही हैं। संयुक्ता ऑल इंडिया रेडियो में एंकर हैं।

मैं पेरेंट्स को बताकर लिव इन में रहने लगी थी
मैं पीजी कर चुकी थी। सभी लोग मेरी शादी के बारे में पूछते थे। मां पर भी प्रेशर था। आज से 15 साल पहले 2007 में जब भारत में लोग लिव इन रिलेशन में रहने का सोच भी नहीं सकते थे, तब मैं पेरेंट्स से परमिशन लेकर एक शख्स के साथ में लिव इन में रहने लगी। इस दौरान हम दोनों ने एक-दूसरे को जाना। सब ठीक लगा तो 2008 में शादी कर ली। हम मुंबई में रहते थे।

अब मेरा बॉयफ्रेंड मेरा पति बन चुका था। सब बढ़िया चल रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे सारे सपने पूरे होंगे। मैं ममत्व को लेकर ज्यादा इमोशनल हूं। हमेशा चाहती थी कि मां बनूं। सब कुछ ठीक चल रहा था। फिर हम दोनों के विचारों में फर्क आने लगे और हम बिना तलाक लिए ही अलग-अलग रहने लगे। मैं मुंबई से भोपाल लौट आई। 2014 में अलग हो गए और दोनों ने सहमति से तलाक ले लिया, लेकिन मेरे मन में मां बनने की कसक जरूर थी।

सिंगल थी, इसलिए बच्चा गोद नहीं ले पाई
मैं भोपाल आकर रहने लगी। धीरे-धीरे सब सेट हो गया। मैंने अपना मकान भी ले लिया, लेकिन हमेशा चाहती थी कोई मुझे मॉम कहकर बुलाए। मैंने सोचा शादी किए बगैर बच्चा कहां से आएगा, इसलिए एक बच्चे को गोद लेने की ठानी। अनाथ आश्रम गई। मैंने मां से कहा कि मैं एक बच्चा गोद लेना चाहती हूं, तो मां ने भी हामी भर दी। मैंने खुशी-खुशी CARA (सेंट्रल एडॉप्शन ​रिसोर्स अथॉरिटी) जो कि बच्चा अडॉप्ट करने की अथॉरिटी है, उसमें अप्लाई किया। मैंने लिखा कि मुझे बेबी गर्ल चाहिए।

यह तब की बात है जब मेरा तलाक नहीं हुआ था। CARA से बहुत दिनों तक जवाब नहीं मिला, तो पता चला कि बच्चा गोद लेने के लिए मेरा तलाक लेना जरूरी है। बाद में एक और बात पता चली कि सिंगल वुमन होने के कारण बच्चा गोद लेना बेहद मुश्किल प्रोसेस थी। 6 साल तक यही चलता रहा। मेरी एज भी हो रही थी, लेकिन मैं अभी भी मां’नहीं थी।

डॉक्टर ने बताया- बिना पुरुष के संपर्क में आए मां बन सकती हो
एक दिन मैं अपने फैमिली डॉक्टर के पास किसी काम से गई थी। वो मुझे बरसों से जानते थे। बातों-बातों में उन्हें बताया कि मैं बच्चा गोद नहीं ले पा रही हूं, तब उन्होंने कहा कि बच्चा गोद लेने की क्या जरूरत है, तुम खुद मां बन सकती हो। मैंने कहा डॉक्टर मेरा दोबारा शादी करने का कोई इरादा नहीं है। तब डॉक्टर ने कहा- तुम्हें शादी करने को कौन कह रहा है। मैं तो साइंस की बात कर रहा हूं। तुम चाहो तो बिना शादी किए मां बन सकती हो। उन्होंने मुझे ICI तकनीक से मां बनने की सलाह दी।

बिना पति के बेटे को दिया जन्म भोपाल की सिंगल मॉम डिवोर्स के 7 साल बाद हुईं प्रेग्नेंट

2008 में शादी हुई। 2014 में तलाक हो गया। इसके 7 साल बाद 2021 में प्रेग्नेंट हुई, वो भी बिना पति के। ऐसा हुआ है ICI तकनीक से। यह कहानी है भोपाल में इंट्रा सर्वाइकल इंसेमिनेशन (ICI) तकनीक से पहली स्पिंस्टर मॉम (सिंगल मदर) बनने वाली ‘मीकू की मम्मी’ यानी संयुक्ता बैनर्जी की।

सिंगल मदर होने के साथ संयुक्ता एक बेटी का भी फर्ज अदा कर रही हैं। कुछ महीनों पहले उनकी मां को कैंसर की फोर्थ स्टेज डिटेक्ट होने के बाद उनका जीवन चुनौतियों से भर गया। संयुक्ता हर एक चैलेंज का सामना कर रही हैं। संयुक्ता ऑल इंडिया रेडियो में एंकर हैं।

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मैं पेरेंट्स को बताकर लिव इन में रहने लगी थी
मैं पीजी कर चुकी थी। सभी लोग मेरी शादी के बारे में पूछते थे। मां पर भी प्रेशर था। आज से 15 साल पहले 2007 में जब भारत में लोग लिव इन रिलेशन में रहने का सोच भी नहीं सकते थे, तब मैं पेरेंट्स से परमिशन लेकर एक शख्स के साथ में लिव इन में रहने लगी। इस दौरान हम दोनों ने एक-दूसरे को जाना। सब ठीक लगा तो 2008 में शादी कर ली। हम मुंबई में रहते थे।

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अब मेरा बॉयफ्रेंड मेरा पति बन चुका था। सब बढ़िया चल रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे सारे सपने पूरे होंगे। मैं ममत्व को लेकर ज्यादा इमोशनल हूं। हमेशा चाहती थी कि मां बनूं। सब कुछ ठीक चल रहा था। फिर हम दोनों के विचारों में फर्क आने लगे और हम बिना तलाक लिए ही अलग-अलग रहने लगे। मैं मुंबई से भोपाल लौट आई। 2014 में अलग हो गए और दोनों ने सहमति से तलाक ले लिया, लेकिन मेरे मन में मां बनने की कसक जरूर थी।

सिंगल थी, इसलिए बच्चा गोद नहीं ले पाई
मैं भोपाल आकर रहने लगी। धीरे-धीरे सब सेट हो गया। मैंने अपना मकान भी ले लिया, लेकिन हमेशा चाहती थी कोई मुझे मॉम कहकर बुलाए। मैंने सोचा शादी किए बगैर बच्चा कहां से आएगा, इसलिए एक बच्चे को गोद लेने की ठानी। अनाथ आश्रम गई। मैंने मां से कहा कि मैं एक बच्चा गोद लेना चाहती हूं, तो मां ने भी हामी भर दी। मैंने खुशी-खुशी CARA (सेंट्रल एडॉप्शन ​रिसोर्स अथॉरिटी) जो कि बच्चा अडॉप्ट करने की अथॉरिटी है, उसमें अप्लाई किया। मैंने लिखा कि मुझे बेबी गर्ल चाहिए।

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यह तब की बात है जब मेरा तलाक नहीं हुआ था। CARA से बहुत दिनों तक जवाब नहीं मिला, तो पता चला कि बच्चा गोद लेने के लिए मेरा तलाक लेना जरूरी है। बाद में एक और बात पता चली कि सिंगल वुमन होने के कारण बच्चा गोद लेना बेहद मुश्किल प्रोसेस थी। 6 साल तक यही चलता रहा। मेरी एज भी हो रही थी, लेकिन मैं अभी भी मां’नहीं थी।

डॉक्टर ने बताया- बिना पुरुष के संपर्क में आए मां बन सकती हो
एक दिन मैं अपने फैमिली डॉक्टर के पास किसी काम से गई थी। वो मुझे बरसों से जानते थे। बातों-बातों में उन्हें बताया कि मैं बच्चा गोद नहीं ले पा रही हूं, तब उन्होंने कहा कि बच्चा गोद लेने की क्या जरूरत है, तुम खुद मां बन सकती हो। मैंने कहा डॉक्टर मेरा दोबारा शादी करने का कोई इरादा नहीं है। तब डॉक्टर ने कहा- तुम्हें शादी करने को कौन कह रहा है। मैं तो साइंस की बात कर रहा हूं। तुम चाहो तो बिना शादी किए मां बन सकती हो। उन्होंने मुझे ICI तकनीक से मां बनने की सलाह दी।

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