Breaking News

बुधवार को काल भैरव अष्टमी:शिव जी के अवतार हैं काल भैरव, जाने किस लिए की जाती है  बटुक भैरव की पूजा

बुधवार को काल भैरव अष्टमी:शिव जी के अवतार हैं काल भैरव, जाने किस लिए की जाती है  बटुक भैरव की पूजा

बुधवार को काल भैरव अष्टमी:शिव जी के अवतार हैं काल भैरव, जाने किस लिए की जाती है  बटुक भैरव की पूजा

बुधवार को काल भैरव अष्टमी:शिव जी के अवतार हैं काल भैरव, जाने किस लिए की जाती है  बटुक भैरव की पूजा

बुधवार, 16 नवंबर को अगहन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी है। पुराने समय में इस तिथि पर शिव जी ने काल भैरव के रूप में अवतार लिया था। सभी पौराणिक देवी मंदिरों के साथ ही काल भैरव के मंदिर भी हैं। इस दिन काल भैरव का सिंदूर और चमेली के तेल से श्रृंगार करना चाहिए। हार-फूल चढ़ाएं, धूप-दीप जलाएं। भैरव महाराज को इमरती का भोग लगाएं।

भैरव अवतार में हैं तीनों गुण

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनु मिश्रा के मुताबिक शास्त्रों में कुल तीन तरह के गुण बताए गए हैं- सत्व, रज और तम। इन तीन गुणों से मिलकर ही सृष्टि की रचना हुई है। शिव पुराण में लिखा है कि शिव जी कण-कण में विराजित हैं, इस कारण शिव जी इन तीनों गुणों के नियंत्रक हैं। शिव जी को आनंद स्वरूप में शंभू, विकराल स्वरूप में उग्र और सत्व स्वरूप में सात्विक कहा जाता है। शिव जी के ये तीनों गुण भैरव के अलग-अलग स्वरूपों में बताए गए हैं।

See also  ममता के मंत्री की करीबी पर ED का छापा:घर से 20 करोड़ रुपए कैश मिले, शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े हैं तार By manu Mishra 23July 2022

जानिए भैरव के तीन स्वरूप और उनकी खास बातें

शास्त्रों में भैरव के 64 स्वरूप तक बताए गए हैं। इन स्वरूपों में बटुक भैरव, काल भैरव और आनंद भैरव खास हैं।

बटुक भैरव – बटुक भैरव को भैरव महाराज का सात्विक और बाल स्वरूप माना जाता है। इनकी पूजा से भक्त को सभी तरह के सुख, लंबी आयु, अच्छी सेहत, मान-सम्मान और ऊंचा पद मिल सकता है।

काल भैरव – ये स्वरूप भैरव का तामस गुण को समर्पित है। ये स्वरूप भक्तों के लिए कल्याणकारी है, इनकी कृपा से भक्त का अनजाना भय दूर होता है। काल भैरव को काल का नियंत्रक माना गया है। इनकी पूजा से भक्त के सभी दुख दूर होते हैं, शत्रुओं का प्रभाव खत्म होता है।

See also  चीन का वुहान फिर कोरोना की गिरफ्त में, तेजी से बढ़ रहे बिना लक्षण वाले मामले

जैकलीन को ठगी मामले में बेल:4 लाख के बॉन्ड भरवाए; अगली सुनवाई 24 नवंबर को

आनंद भैरव – ये भैरव का राजस स्वरूप है। देवी मां की दस महाविद्याएं हैं और हर एक महाविद्या के साथ भैरव की भी पूजा होती है। इनकी पूजा से धन, धर्म की सिद्धियां मिलती हैं।

Facebook
Twitter
LinkedIn

Related Posts

Verified by MonsterInsights