Breaking News

मोदी सरकार 2.0 के आखिरी बजट में गांव पर फोकस:रोजगार और घरों के लिए मिल सकता है 50% ज्यादा पैसा

मोदी सरकार 2.0 के आखिरी बजट में गांव पर फोकस:रोजगार और घरों के लिए मिल सकता है 50% ज्यादा पैसा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले साल 1 फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेंगी। मंत्रालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों पर खर्च 50% बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रुपए किया जा सकता है। बढ़ी रकम का इस्तेमाल कोरोना महामारी के मद्देनजर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए किया जाएगा। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1.36 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए थे। हालांकि यह खर्च बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है।

2024 के अप्रैल-मई महीने में संभावित लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का न केवल रोजगार बढ़ाने पर जोर है, बल्कि वह किफायती घर स्कीम को बढ़ावा देने पर भी ध्यान दे रही है।

खर्च-बजट दोनों बढ़े, लेकिन बेरोजगारी दर 8.04%
कोरोना के बाद गांवों में मनरेगा के जरिए रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। चालू वित्त वर्ष में बेरोजगारी दर 7% से ऊपर बनी रही। नवंबर में यह 8.04% पर है। मनरेगा के लिए इस साल 73 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा था। इसे बाद में बढ़ाकर 98 हजार करोड़ करना पड़ा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में विकास पर खर्च इस तरह बढ़ा

2019-20 1.17 लाख करोड़ रु. 4.46%
2020-21 1.20 लाख करोड़ रु. 2.56%
2021-22 1.31 लाख करोड़ रु. 9.16%
2022-23 1.36 लाख करोड़ रु. 3.81%
अगले बजट में राशि 50% बढ़ाई जा सकती है।

कैपिटल गैन्स टैक्स दरों की समीक्षा से लेकर आयकर दर घटाने के सुझाव

जीएसटी कानून को अपराध के दायरे से बाहर करें।
कैपिटल गेन्स टैक्स की दरों की समीक्षा की जाए, इसके रेट और होल्डिंग पीरियड में बदलाव हो।
पर्सनल इनकम टैक्स की दरों में कमी लाई जाए। इससे लोगों की खर्च लायक आय बढ़ेगी और डिमांड साइकिल में इजाफा होगा।
कॉर्पोरेट टैक्स की दर मौजूदा स्तर पर बनी रहे।
पूंजीगत खर्च जीडीपी का 3.3% से 3.4% रहे, चालू वित्त वर्ष में यह 2.9% था।

आम चुनाव से पहले रोजगार बढ़ाने पर फोकस
अर्थशास्त्री एससी गुलाटी का कहना है कि अगले बजट के बाद सरकार को 2024 के आम चुनाव का सामना करना है। उम्मीद है कि बजट में रोजगार बढ़ाने पर फोकस रहेगा। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, छोटे और मझोले उद्योगों और बैंकिंग सेक्टर पर खर्च बढ़ाया जा सकता है। इन तीनों सेक्टरों में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था को तो रफ्तार मिलेगी ही, साथ ही साथ रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। इसके अलावा सरकार कृषि क्षेत्र में खर्च बढ़ाएगी, जिससे ग्रामीण मांग बढ़ाई जा सके।

मोदी सरकार 2.0 के आखिरी बजट में गांव पर फोकस:रोजगार और घरों के लिए मिल सकता है 50% ज्यादा पैसा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले साल 1 फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेंगी। मंत्रालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों पर खर्च 50% बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रुपए किया जा सकता है। बढ़ी रकम का इस्तेमाल कोरोना महामारी के मद्देनजर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए किया जाएगा। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1.36 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए थे। हालांकि यह खर्च बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है।

See also  64 साल की उम्र में विक्रम किर्लोस्कर का निधन:दिल का दौरा पड़ने से गई जान

प्रेमिका ने बॉयफ्रेंड का घर जलाया:फोन पर दूसरी लड़की की आवाज सुनकर नाराज थी, आग लगाने के पहले कीमती सामान चुराया

2024 के अप्रैल-मई महीने में संभावित लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का न केवल रोजगार बढ़ाने पर जोर है, बल्कि वह किफायती घर स्कीम को बढ़ावा देने पर भी ध्यान दे रही है।

खर्च-बजट दोनों बढ़े, लेकिन बेरोजगारी दर 8.04%
कोरोना के बाद गांवों में मनरेगा के जरिए रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। चालू वित्त वर्ष में बेरोजगारी दर 7% से ऊपर बनी रही। नवंबर में यह 8.04% पर है। मनरेगा के लिए इस साल 73 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा था। इसे बाद में बढ़ाकर 98 हजार करोड़ करना पड़ा है।

See also  पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी, कच्चा तेल 80 डॉलर के नीचे, देखें सबसे सस्ता कहां मिल रहा ईंधन

ग्वारीघाट स्थित हॉस्टल से बिना बताये निकले चारों बच्चे हॉस्टल वालो की लापरवाही

ग्रामीण क्षेत्रों में विकास पर खर्च इस तरह बढ़ा

  • 2019-20 1.17 लाख करोड़ रु. 4.46%
  • 2020-21 1.20 लाख करोड़ रु. 2.56%
  • 2021-22 1.31 लाख करोड़ रु. 9.16%
  • 2022-23 1.36 लाख करोड़ रु. 3.81%
  • अगले बजट में राशि 50% बढ़ाई जा सकती है।

कैपिटल गैन्स टैक्स दरों की समीक्षा से लेकर आयकर दर घटाने के सुझाव

  • जीएसटी कानून को अपराध के दायरे से बाहर करें।
  • कैपिटल गेन्स टैक्स की दरों की समीक्षा की जाए, इसके रेट और होल्डिंग पीरियड में बदलाव हो।
  • पर्सनल इनकम टैक्स की दरों में कमी लाई जाए। इससे लोगों की खर्च लायक आय बढ़ेगी और डिमांड साइकिल में इजाफा होगा।
  • कॉर्पोरेट टैक्स की दर मौजूदा स्तर पर बनी रहे।
  • पूंजीगत खर्च जीडीपी का 3.3% से 3.4% रहे, चालू वित्त वर्ष में यह 2.9% था।
See also  3 राज्‍यों की घोषणा के बाद पुरानी पेंशन पर बड़ा अपडेट, व‍ित्‍त मंत्री से रखी यह मांग

आम चुनाव से पहले रोजगार बढ़ाने पर फोकस
अर्थशास्त्री एससी गुलाटी का कहना है कि अगले बजट के बाद सरकार को 2024 के आम चुनाव का सामना करना है। उम्मीद है कि बजट में रोजगार बढ़ाने पर फोकस रहेगा। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, छोटे और मझोले उद्योगों और बैंकिंग सेक्टर पर खर्च बढ़ाया जा सकता है। इन तीनों सेक्टरों में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था को तो रफ्तार मिलेगी ही, साथ ही साथ रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। इसके अलावा सरकार कृषि क्षेत्र में खर्च बढ़ाएगी, जिससे ग्रामीण मांग बढ़ाई जा सके।

Facebook
Twitter
LinkedIn

Related Posts

Verified by MonsterInsights