
जवाहरलाल नेहरू नेशनल यूनिवर्सिटी (JNU) की VC शांतिश्री डी. पंडित ने कैंपस में दीवारों पर लिखे गए नारों के मामले में संझान लिया है। उन्होंने पत्र जारी कर कहा कि कुछ अज्ञात तत्वों ने कैंपस की दीवारों और फैकल्टी रूम के बाहर आपत्तिजनक स्लोगन लिखे हैं। इसके चलते स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड शिकायत कमेटी के डीन को जल्द से जल्द जांच करने के आदेश दिए हैं और मामले में VC को एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है।
JNU के रजिस्ट्रार के नोटिस में कहा गया है कि प्रशासन कैंपस में ऐसी घटनाओं की निंदा करता है। इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि JNU सभी का है। JNU समावेश और समानता के लिए खड़ा है।
जाति विरोधी नारे लिखे
जानकारी के अनुसार, 30 नवंबर की रात को कैंपस की दीवारों पर ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ नारे लिखे गए। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर लाल रंग से ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो; ब्राह्मणों-बनियों हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा; शाखा लौट जाओ… जैसी धमकियां लिखी मिलीं।।
JNU की उस महिला प्रोफेसर के केबिन के दरवाजे पर भी ‘शाखा लौट जाओ’ का नारा लिखा मिला, जिन्हें 8 नवंबर, 2019 को वामपंथी दल ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की उनकी ही क्लास में बंधक बना लिया था। वंदना को करीब 3 दिन के लिए हिरासत में रखा गया था।
ABVP ने AISA पर लगाए आरोप
इन नारों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) के कम्युनिस्ट छात्रों पर निशाना साधा है। ABVP का कहना है कि वामपंथियों ने खुली सोच वाले प्रोफेसर्स को डराने के लिए उनके चैंबर्स पर धमकियां लिख दीं। ABVP ने JNU प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
वहीं, AISA के सदस्य और JNU के पूर्व प्रेसिडेंट एन साईं बालाजी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता ABVP किस बारे में बात कर रही है। हमने ऐसा कुछ नहीं किया है। ये ABVP ने खुद किया होगा।





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