
रूस और अमेरिका ने अपनी जेलों में कैद एक-दूसरे के दो नागरिकों को रिहा किया है। एकतरफ अमेरिका ने हथियारों के डीलर विक्टर बाउट को अपनी कैद से छोड़ा । वहीं दूसरी ओर रूस ने भी अमेरिका की बास्केटबॉल स्टार और ओलिंपिक मेडलिस्ट ब्रिटेनी ग्रिनर को रिहाई दी है।
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प्राइवेट प्लेन के जरिए दोनों कैदियों को UAE में अबू धाबी एयरपोर्ट पर लाया गया था। रूसी मीडिया ने दोनों कैदियों की बदली का एक वीडियो फुटेज भी जारी किया है। जिसमें देखा जा सकता है कि दोनों प्लेन से एयरपोर्ट पर उतरे और अपने-अपने देश के अधिकारियों के साथ वापिस अपने वतन लौट गए।
प्रतिबंधित कैनाबिस ड्रग के साथ पकड़ गई थी ब्रिटेनी ग्रिनर
ग्रिनर को रूस ने इसी साल फरवरी में प्रतिबंधित कैनाबिस ऑयल के साथ मास्को एयरपोर्ट पर पकड़ा था। जिसके बाद जुलाई में बाइडेन प्राशसन ने ब्रिटेनी की रिहाई के लिए विक्टर बाउट का रिहा करने का प्रस्ताव दिया था। यूएस जानता था कि रूस भी बाउट को रिहा कराना चाहता है। ब्रिटेनी के अमेरिका पहुंचने के बाद व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ब्रिटेनी ग्रिनर सुरक्षित हैं उन्हें बेहतर होने में कुछ समय लगेगा।
‘मर्चेंट ऑफ डेथ’ पहुंचा रूस
विक्टर बाउट 12 साल से अमेरिकी जेल में कैद था। उसे दुनिया भर में गैर कानूनी तरीके से हथियार पहुंचाने के कारण मर्चेंट ऑफ डेथ यानी मौत का सौदागर कहा जाता है। अमेरिका की कैद से छूटकर रूस पहुंचे बाउट ने बताया कि मुझे आधी रात में उठाकर कहा गया था कि मैं अपना सामान पैक कर लूं। रिपोर्टस के मुताबिक रूस पहुंचने पर बाउट हाथ में फूलों का गुलदस्ता लेकर प्लेन से उतरा। जहां उनकी पत्नी और मां दोनों मौजूद थी।
UAE की मध्यसथता पर अमेरिका का इंकार
UAE और सउदी ने एक बयान जारी कर बताया कि सउदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दोनों तरफ से हुई रिहाई में मध्यथता की है। हालांकि अमेरिकी व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने ऐसी किसी भी मध्यथता से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि यह डील केवल रूस और अमेरिका के बीच हुई इसमें कोई तीसरा पक्ष नहीं था। दरअसल प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को पुतिन का करीबी समझा जाता है। माना जाता है इसी साल सितंबर में रूस और यूक्रेन के बीच हुई कैदियों की अदला-बदली में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
यूएस विक्टर बाउट के बदले पूर्व सैनिक की भी रिहाई चाहता था
विक्टर बाउट की रिहाई के लिए अमेरिका सिर्फ ब्रिटेनी ग्रिनर को ही नहीं बल्कि यूएस के एक पूर्व सैनिक को भी रिहा कराना चाहता था। अमेरिका ने मांग की थी कि उसे पूर्व नेवी अफसर पॉल व्हीलन को भी छोड़ा जाए। दरअसल पॉल व्हीलन साल 2018 से रूस की जेल में कैद है। इन पर रूस की तरफ से जासूसी के आरोप लगाए गए थे।





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