
आपने डॉक्टरों को ये कहते हुए सुना होगा कि अगर आप मोटे हैं तो फिर आप कई बीमारियों को बुलावा दे रहे हैं. ये सच है कि अगर आपका वज़न ज्यादा है तो फिर आपको स्वास्थ्य संबधी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन क्या मोटे होने के चलते आपको कोई देश अपने यहां रहने से मना कर सकता है? आप कहेंगे ये क्या मज़ाक है. लेकिन ये सच है. साउथ अफ्रीका की एक महिला ने दावा किया है कि ज्यादा मोटे होने चलते उन्हें न्यूज़ीलैंड से वापस जाने के लिए कह दिया गया था.
ब्रिटिश अखबार डेली मिरर के मुताबिक मोंडेलिया बेज़ुइडेनहॉट (Mondelea Bezuidenhout) नाम की ये महिला अपने पति और छोटे बच्चों के साथ अपना नया जीवन शुरू करने के लिए 2018 में दक्षिण अफ्रीका के पोर्ट एलिजाबेथ से न्यूजीलैंड के पामर्स्टन नॉर्थ चली गईं. अपने परिवार के साथ स्थायी रूप से रहने का रास्ता तलाशते हुए, उसने यहां रहने के लिए आवेदन किया. लेकिन अधिकारियों ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया. वजह ये बताई गई कि उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) ‘बहुत अधिक’ है. बता दें कि बीएमआई के आधार पर ये तय होता है कि लंबाई के हिसाब से आपका वज़न ठीक है या नहीं.
30 किलो घटाने को कहा
मोंडेलिया ने दावा किया कि अधिकारियों ने उन्हें 30 किलो वजन कम करने के लिए कहा. साथ ही कहा कि अगर वो ऐसा नहीं कर सकती हैं तो फिर न्यूज़ीलैंड से बाहर चली जाएं. अधिकारियों ने कहा कि 36 वर्षीय मोंडेलिया का अतिरिक्त वजन न्यूजीलैंड की सरकार पर बोझ बढ़ा सकता है. दरअसल न्यूज़ीलैंड में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार फंड देती है.
128 किलो की थी मोंडेलिया
मोंडेलिया ने कहा कि एक अपील पर विशेष छूट दिए जाने के बाद उन्हें देश में रहने की अनुमति दी गई. बाद में मोंडेलिया ने अपने स्कोर से 10 बीएमआई अंकों की भारी गिरावट की. उनका वजन उन दिनों 128 किलोग्राम था. उसने दक्षिण अफ़्रीकी मीडिया से कहा, ‘मैं हमेशा डोना क्लेयर महिलाओं की तरह एक प्लस-साइज़ मॉडल बनना चाहती थी – मैंने अपनी बेटी का नाम डोना-ली भी रखा है.’





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