Shramveerbharat news
जरूर जाने ये है वर्ल्ड का सबसे कोल्ड शहर… माइनस 51 डिग्री सेल्सियस में कैसे रहते हैं यहां के लोग

ये है वर्ल्ड का सबसे ठंडा शहर. पारा पहुंच गया है माइनस 50 ,51डिग्री सेल्सियस. शहर रूस (Russia) के सुदूर पूर्व में स्थित साइबेरिया (Siberia) का इलाका है. नाम है याकुत्स्क (Yakutsk). यह शहर रूस की राजधानी मॉस्को से 5000 KM पूर्व में स्थित है. यहां पर खनन बहुत ज्यादा होता है. पारा आमतौर पर माइनस 40 डिग्री पर रहता है. (फोटोः रॉयटर्स)
याकुत्स्क निवासी अनसतासिया ग्रुजदेवा ने इस सर्दी से बचने के लिए दो स्कार्फ, दो जोड़े दस्ताने, कई टोपियां, हुड्स और जैकेट्स पहन रखे हैं. वो कहती हैं कि या तो तुम इस सर्दी से संघर्ष करो. एडजस्ट करो. खुद को ढंको या फिर कुछ मिनटों में मर जाओ. यही यहां की सबसे खूबसूरत और कड़वी सच्चाई है. (फोटोः रॉयटर्स)
बर्फीले कोहरे से ढंके याकुत्स्क को देखते हुए अनसतासिया कहती हैं कि आपको यहां ठंड महसूस नहीं होगी क्योंकि शरीर लगभग सुन्न हो जाता है. जब तक आप शरीर को सामान्य करते हैं या फिर दिमाग सामान्य होता है, तब तक शरीर इस तापमान के साथ एडजस्ट कर लेता है. बशर्ते आपके अच्छे गर्म कपड़े हों. (फोटोः रॉयटर्स)
मछली बेचने वाले नुरगुसुन स्तारोस्तिना कहते हैं हमें यहां मछलियों को डीप फ्रीज में रखने की जरुरत नहीं पड़ती. बाहर ही ये सुरक्षित रहती हैं. यहां सर्दियों से बचने के लिए आपके पास कोई सीक्रेट हथियार नहीं होता. आपको सिर्फ गर्म कपड़े पहनने हैं. खुद को गर्म रखना है. आप पत्ता गोभी की तरह परत दर परत कपड़े पहनते हैं.
याकुत्स्क असल में आर्कटिक सर्किल से 450 किलोमीटर नीचे दक्षिण की तरफ स्थित है. यानी उत्तरी ध्रुव से करीब 450 किलोमीटर दूर. साथ ही साखा रिपब्लिक की राजधानी है. यहां का औसत सालाना तापमान माइनस 8 डिग्री सेल्सियस रहता है. यहां पर सबसे कम तापमान का रिकॉर्ड माइनस 64.4 डिग्री सेल्सियस का है. ये 1891 में रिकॉर्ड हुआ था. (फोटोः रॉयटर्स)
याकुत्स्क शहर 122 वर्ग किलोमीटर इलाके में बसा है. समुद्रतल से ऊंचाई बहुत ज्यादा नहीं है. सिर्फ 312 फीट. साल 2021 में यहां की आबादी 3.55 लाख से थोड़ी ही ज्यादा थी. यह शहर 1632 में कोसैक्स ईसाई समुदाय द्वारा बसाया गया था. यहां के लोगों साखा पीपुल्स बोलते हैं. ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से अब यहां भी पारा ऊपर चढ़ा है.
याकुत्स्क असल में खदानों का शहर हैं. यहां पर सबसे ज्यादा कोयला, सोना और हीरा का खनन होता है. इसी से यहां की अर्थव्यवस्था चलती है. पर्यटन जैसी कोई चीज लगभग नहीं के बराबर है. क्योंकि इतने खतरनाक मौसम में यहां कोई घूमने नहीं जाना चाहता. हालांकि रूसी पर्यटक यहां पर आते रहते हैं.
याकुत्स्क या साखा रिपब्लिक में गर्मियों में लोग बोट्स और फेरी का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन सर्दियों में जमी हुई नदियों और नहरे ही स्केटबोर्ड के जरिए यातायात के लिए सही पड़ती हैं. साखा रिपब्लिक में कहीं भी ब्रिज नहीं है. सर्दियों में जमी हुई नदियां ही हाइवे बन जाती हैं.