
ग्वालियर में एक महिला पुलिसकर्मी ने मानवता की मिसाल पेश की है। दरअसल राह चलते एक व्यक्ति को हार्ट अटैक आ गया। उस दौरान एक चौराहे पर अपनी ड्यूटी निभा रही लेडी सब इंस्पेक्टर सोनम पाराशर ने उसकी जान बचाई। उसने ना केवल एक डॉक्टर की तरह मरीज को CPR यानि कार्डियो पल्मोनरी रेसुसिएशन दिया, बल्कि उसे इलाज के लिए अस्पताल भी पहुंचाया।
जबलपुर 09 वर्षिय बालिका के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को न्यायालय ने आजीवन कारावास से की सजा
लेडी एसआई के मुताबिक उन्होंने पुलिस ट्रेनिंग के दौरान ये ट्रीटमेंट सीखा था। वहीं मरीज का कहना है कि उन्हें नई जिंदगी मिली है।
ये वाकया ग्वालियर के गोले मंदिर रोड पर सोमवार को हुआ। ग्वालियर ट्रैफिक पुलिस में बतौर सूबेदार सोनम पाराशर गोला का मंदिर चौराहा पर ड्यूटी कर रही थीं। इसी समय चौराहा के दूसरी ओर 61 वर्षीय एक शख्स गश खाकर गिर पड़ा। यह देखकर वहां भीड़ इकट्ठी हो गई। वहां मौजूद एक बच्चे ने सोनम पाराशर को घटना की जानकारी दी।
पहले एक्सीडेंट समझकर सूबेदार सोनम पाराशर वहां पहुंची। उन्होंने शख्स को जमीन पर बेहोश देखा। वह समझ गईं कि उसे माइनर हार्ट अटैक आया है। सोनम बिना देर किए उस शख्स के सीने पर हाथ रखकर पुश करने लगीं। इससे शरीर में ब्लड और ऑक्सीजन का सर्कुलेशन बेहतर होने लगा। फिर डायल 100 की मदद से उन्हें अस्पताल भिजवाया।एसआई सोनम पाराशर ने बुजुर्ग का मोबाइल सर्च किया। इसमें एक नंबर बेटा नाम से सेव था। फोन नंबर पर कॉल कर घटना के बारे में बताया। कॉल अटेंड करने वाले ने बताया कि यह मोबाइल उनके पिता अनिल उपाध्याय निवासी रिवर व्यू कॉलोनी का है। वह बिजली कंपनी से रिटायर्ड हैं। वह खुद भी डॉक्टर है। बेटे ने पिता को अपोलो अस्पताल लेकर जाने के लिए कहा। वहां उन्होंने डॉक्टर दोस्त को कॉल कर दिया। कुछ देर में खुद भी पहुंच गए। अपोलो अस्पताल में कुछ देर इलाज के बाद वह सामान्य हो गए। शाम को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
पुलिस ट्रेनिंग में जो सीखा, उसी का इस्तेमाल किया
2016 बैच की ट्रैफिक सूबेदार (SI) सोनम पाराशर ने बताया कि उन्होंने जियोग्राफी से मास्टर डिग्री की है। पुलिस ट्रेनिंग में सिखाया जाता है कि यदि कोई इस तरह का केस मिले, तो किस तरह उसे सीपीआर देकर जान बचाई जा सकती है। ट्रेनिंग में सीखी तकनीक की मदद से प्राथमिक उपचार दिया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मेरी ट्रेनिंग से एक इंसान की जान बच गई।
सूबेदार ने दी नई जिंदगी
अनिल उपाध्याय की हालत अब सामान्य है। अनिल उपाध्याय बिजली कंपनी से रिटायर्ड हैं। बेटा अमित उपाध्याय डॉक्टर है। वह गुड़गांव मेदांता में पदस्थ है। हादसे के समय वह घर पर ही थे। डॉ. अमित ने बताया कि पिता को ट्रैफिक सूबेदार सोनम पाराशर ने ही नई जिंदगी दी है। जिस समय उनको माइनर अटैक आया था, वह कीमती समय होता है। उस समय सूबेदार ने वो किया जो कोई डॉक्टर करता है। उनके इस काम को कभी नहीं भुलाया जा सकता।





Users Today : 6
Users This Month : 93
Total Users : 233051
Views Today : 11
Views This Month : 148
Total views : 54010



