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आखिर क्यों श्री कृष्ण जी को राधा ने पिलाया था अपने पैरों का चरणामृत By pandit manu Mishra

भगवान कृष्णा और राधा की कई कहानियां आपने सुनी होंगी जो अनोखी होंगी. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान श्रीकृष्ण को क्यों पीना पड़ा था राधा के पैरों का चरणामृत. जी दरअसल इसके पीछे एक कहानी है जो बड़ी रोचक है. आइए बताते हैं.

 आखिर क्यों श्री कृष्ण जी को राधा ने पिलाया था अपने पैरों का चरणामृत


By pandit manu Mishra

      

 आखिर क्यों श्री कृष्ण जी को राधा ने पिलाया था अपने पैरों का चरणामृत By pandit manu Mishra   भगवान कृष्णा और राधा की कई कहानियां आपने सुनी होंगी जो अनोखी होंगी. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान श्रीकृष्ण को क्यों पीना पड़ा था राधा के पैरों का चरणामृत. जी दरअसल इसके पीछे एक कहानी है जो बड़ी रोचक है. आइए बताते हैं. कथा- एक बार श्रीकृष्ण बहुत बीमार पड़ गए. जब कोई दवा या जड़ी बूटी काम ना आई तो स्वयं श्रीकृष्ण ने गोपियों से उन्हें चरणामृत पिलाने को कहा. उनका मानना था कि उनके परम भक्त के पांव को धोने के लिए इस्तेमाल हुए जल को अगर वह ग्रहण कर लें तो वे निश्चित रूप से ठीक हो जाएंगे. भगवान कृष्ण उन सभी गोपियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे. इसलिए उन्होंने गोपियों को पैरों का जल पिलाने के लिए कहा. मगर गोपियां चिंता में पड़ गईं कि किन्हीं कारणों से कान्हा ठीक ना हुए तो उन्हें नर्क जाना पड़ेगा. वे सभी उनकी पमर भक्त थी. मगर उन्हें इस उपाय के निष्फल होने की चिंता भी सता रही थी. उसी दौरान वहां कृष्ण प्रिय श्रीराधा रानी आ गईं और बिना सोचें स्वयं के पांव धोकर चरणामृत तैयार कर भगवान कृष्ण को पिलाया. अन्य गोपियों की तरह ही राधा को भी नरक भोगने का भय सता रहा था. मगर वह अपने प्राण से प्रिय पिया के लिए नर्क भोगने को भी तैयार थी. आखिरकार कृष्ण चरणामृत ग्रहण करने के बाद ठीक हो गए. वो राधा ही थी जिनके प्यार और सच्ची निष्ठा से कृष्ण तुरंत स्वस्थ हो गए. कहा जाता है राधा जी ने अपने भविष्य की चिंता किए बिना वो कर दिखाया जो करने का साहस गोपियों में नहीं था

 

 आखिर क्यों श्री कृष्ण जी को राधा ने पिलाया था अपने पैरों का चरणामृत By pandit manu Mishra   भगवान कृष्णा और राधा की कई कहानियां आपने सुनी होंगी जो अनोखी होंगी. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान श्रीकृष्ण को क्यों पीना पड़ा था राधा के पैरों का चरणामृत. जी दरअसल इसके पीछे एक कहानी है जो बड़ी रोचक है. आइए बताते हैं. कथा- एक बार श्रीकृष्ण बहुत बीमार पड़ गए. जब कोई दवा या जड़ी बूटी काम ना आई तो स्वयं श्रीकृष्ण ने गोपियों से उन्हें चरणामृत पिलाने को कहा. उनका मानना था कि उनके परम भक्त के पांव को धोने के लिए इस्तेमाल हुए जल को अगर वह ग्रहण कर लें तो वे निश्चित रूप से ठीक हो जाएंगे. भगवान कृष्ण उन सभी गोपियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे. इसलिए उन्होंने गोपियों को पैरों का जल पिलाने के लिए कहा. मगर गोपियां चिंता में पड़ गईं कि किन्हीं कारणों से कान्हा ठीक ना हुए तो उन्हें नर्क जाना पड़ेगा. वे सभी उनकी पमर भक्त थी. मगर उन्हें इस उपाय के निष्फल होने की चिंता भी सता रही थी. उसी दौरान वहां कृष्ण प्रिय श्रीराधा रानी आ गईं और बिना सोचें स्वयं के पांव धोकर चरणामृत तैयार कर भगवान कृष्ण को पिलाया. अन्य गोपियों की तरह ही राधा को भी नरक भोगने का भय सता रहा था. मगर वह अपने प्राण से प्रिय पिया के लिए नर्क भोगने को भी तैयार थी. आखिरकार कृष्ण चरणामृत ग्रहण करने के बाद ठीक हो गए. वो राधा ही थी जिनके प्यार और सच्ची निष्ठा से कृष्ण तुरंत स्वस्थ हो गए. कहा जाता है राधा जी ने अपने भविष्य की चिंता किए बिना वो कर दिखाया जो करने का साहस गोपियों में नहीं था

 

भगवान कृष्णा और राधा की कई कहानियां आपने सुनी होंगी जो अनोखी होंगी. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान श्रीकृष्ण को क्यों पीना पड़ा था राधा के पैरों का चरणामृत. जी दरअसल इसके पीछे एक कहानी है जो बड़ी रोचक है. आइए बताते हैं.

  भगवान कृष्णा और राधा की कई कहानियां आपने सुनी होंगी जो अनोखी होंगी. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान श्रीकृष्ण को क्यों पीना पड़ा था राधा के पैरों का चरणामृत. जी दरअसल इसके पीछे एक कहानी है जो बड़ी रोचक है. आइए बताते हैं.

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कथा-

एक बार श्रीकृष्ण बहुत बीमार पड़ गए. जब कोई दवा या जड़ी बूटी काम ना आई तो स्वयं श्रीकृष्ण ने गोपियों से उन्हें चरणामृत पिलाने को कहा. उनका मानना था कि उनके परम भक्त के पांव को धोने के लिए इस्तेमाल हुए जल को अगर वह ग्रहण कर लें तो वे निश्चित रूप से ठीक हो जाएंगे. भगवान कृष्ण उन सभी गोपियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे. इसलिए उन्होंने गोपियों को पैरों का जल पिलाने के लिए कहा. मगर गोपियां चिंता में पड़ गईं कि किन्हीं कारणों से कान्हा ठीक ना हुए तो उन्हें नर्क जाना पड़ेगा. वे सभी उनकी पमर भक्त थी. मगर उन्हें इस उपाय के निष्फल होने की चिंता भी सता रही थी.

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उसी दौरान वहां कृष्ण प्रिय श्रीराधा रानी आ गईं और बिना सोचें स्वयं के पांव धोकर चरणामृत तैयार कर भगवान कृष्ण को पिलाया. अन्य गोपियों की तरह ही राधा को भी नरक भोगने का भय सता रहा था. मगर वह अपने प्राण से प्रिय पिया के लिए नर्क भोगने को भी तैयार थी. आखिरकार कृष्ण चरणामृत ग्रहण करने के बाद ठीक हो गए. वो राधा ही थी जिनके प्यार और सच्ची निष्ठा से कृष्ण तुरंत स्वस्थ हो गए. कहा जाता है राधा जी ने अपने भविष्य की चिंता किए बिना वो कर दिखाया जो करने का साहस गोपियों में नहीं था

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