Breaking News

देश में वर्क फोर्स बढ़ रहा, लेकिन नौकरियां नहीं:दिसंबर में बेरोजगारी दर बढ़कर 8% से अधिक, लॉकडाउन के बाद बदतर हुए हालात

India news देश में वर्क फोर्स यानी काम करने वाले लोगों की गिनती बढ़ती जा रही है, लेकिन नौकरी के अवसर घटते जा रहे हैं। दिसंबर महीने में देश में बेरोजगारी दर अब तक सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। दिसंबर के पहले तीन हफ्तों में वर्क फोर्स के मुकाबले बेरोजगारी दर 8% से भी ज्यादा रही है।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डेटा के मुताबिक, 18 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 10.9% तक पहुंच गई। इसी अवधि में ग्रामीण बेरोजगारी दर 8.4% रही, जबकि नवंबर में यह दर 7.6% ही थी।

पहले लॉकडाउन में बेरोजगारी दर 6% से 8% के बीच रही
CMIE के प्रमुख महेश व्यास के मुताबिक, 2020 में पहले लॉकडाउन के बाद से यह दर 6%-8% के आगे नहीं बढ़ी थी। एक हफ्ते का डेटा बताता है कि काम तलाशने वाले लोग तो बढ़े हैं, लेकिन नौकरियां नहीं बढ़ी हैं।

व्यास के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में बढ़ती बेरोजगारी थोड़ी चिंताजनक है। इसे इस बात से सही नहीं ठहराया जा सकता है कि खेती में काम करने वाले मजदूर बदलते रहते हैं। पिछले तीन साल की तुलना में भारत में रबी की फसल की कटाई का मौसम अब तक बेहतर रहा है। इस साल रबी की करीब 91% फसल की कटाई हुई है, जबकि पिछले दो साल से यह आंकड़ा 88% के आसपास ही था।

जनवरी-मार्च तिमाही में सर्विस सेक्टर की 77% कंपनियां भर्तियां बढ़ाएंगी
टीमलीज की ताजा रिपोर्ट में संकेत है कि जनवरी से मार्च की चौथी तिमाही में भारत में नौकरियां के अवसर पैदा होते रहेंगे। खासकर सर्विस सेक्टर की 77% कंपनियां हायरिंग की योजना बना रही हैं।

टेक्सटाइल, लेदर इंडस्ट्री जैसे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलने से बढ़ेंगे जॉब
भास्कर एक्सपर्ट मदन सबनवीस (चीफ इकोनॉमिस्ट, बैंक ऑफ बड़ौदा) और धर्मकीर्ति जोशी (क्रिसिल) के मुताबिक, आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ सकती है। हालांकि रोजगार में बढ़ोतरी वाले सेक्टर पर ध्यान देकर स्थिति संभाली जा सकती है।

मार्च तक आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से कई सेक्टर में नौकरियां बढ़ सकती है। आने वाले दिनों में कंस्ट्रक्शन, स्टील, केमिकल, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और ऑटो सेक्टर में बढ़ोतरी की संभावना है। कंज्यूमर गुड्स और ट्रेड सेक्टर में स्थिति जस की तस बनी रह सकती है। रिटेल सेक्टर भी स्थिर रह सकता है। इसके साथ ही सॉफ्टवेयर सेक्टर का प्रदर्शन भी कमतर रह सकता है।

जॉब बढ़ाने के लिए ये चार कदम उठाए जा सकते हैं

1. मैन्युफैक्चरिंग, खास तौर पर टेक्सटाइल और लेदर जैसी इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाए।

2. हेल्थ, एजुकेशन जैसे सर्विस सेक्टर में प्राइवेट निवेश को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जाए।

3. वोकेशनल ट्रेनिंग का इकोसिस्टम खड़ा करके भी बड़ी तादाद में रोजगार पैदा किए जा सकते हैं।

4. सरकार को ऐसी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की जरूरत है, जहां ज्यादा लेबर की जरूरत होती है।

India news देश में वर्क फोर्स यानी काम करने वाले लोगों की गिनती बढ़ती जा रही है, लेकिन नौकरी के अवसर घटते जा रहे हैं। दिसंबर महीने में देश में बेरोजगारी दर अब तक सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। दिसंबर के पहले तीन हफ्तों में वर्क फोर्स के मुकाबले बेरोजगारी दर 8% से भी ज्यादा रही है।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डेटा के मुताबिक, 18 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 10.9% तक पहुंच गई। इसी अवधि में ग्रामीण बेरोजगारी दर 8.4% रही, जबकि नवंबर में यह दर 7.6% ही थी।

पहले लॉकडाउन में बेरोजगारी दर 6% से 8% के बीच रही
CMIE के प्रमुख महेश व्यास के मुताबिक, 2020 में पहले लॉकडाउन के बाद से यह दर 6%-8% के आगे नहीं बढ़ी थी। एक हफ्ते का डेटा बताता है कि काम तलाशने वाले लोग तो बढ़े हैं, लेकिन नौकरियां नहीं बढ़ी हैं।

See also  इंडिया में वेरिएंट BF-7 के अब तक 4 केस, विदेशों से आने वालों की रैंडम सैंपलिंग, जानिए क्या कदम उठा रही सरकार

व्यास के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में बढ़ती बेरोजगारी थोड़ी चिंताजनक है। इसे इस बात से सही नहीं ठहराया जा सकता है कि खेती में काम करने वाले मजदूर बदलते रहते हैं। पिछले तीन साल की तुलना में भारत में रबी की फसल की कटाई का मौसम अब तक बेहतर रहा है। इस साल रबी की करीब 91% फसल की कटाई हुई है, जबकि पिछले दो साल से यह आंकड़ा 88% के आसपास ही था।

जनवरी-मार्च तिमाही में सर्विस सेक्टर की 77% कंपनियां भर्तियां बढ़ाएंगी
टीमलीज की ताजा रिपोर्ट में संकेत है कि जनवरी से मार्च की चौथी तिमाही में भारत में नौकरियां के अवसर पैदा होते रहेंगे। खासकर सर्विस सेक्टर की 77% कंपनियां हायरिंग की योजना बना रही हैं।

See also  संसद में उठा जहरीली शराब से मौतों का मुद्दा:भाजपा बोली- सामूहिक हत्या करा रही बिहार सरकार

टेक्सटाइल, लेदर इंडस्ट्री जैसे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलने से बढ़ेंगे जॉब
भास्कर एक्सपर्ट मदन सबनवीस (चीफ इकोनॉमिस्ट, बैंक ऑफ बड़ौदा) और धर्मकीर्ति जोशी (क्रिसिल) के मुताबिक, आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ सकती है। हालांकि रोजगार में बढ़ोतरी वाले सेक्टर पर ध्यान देकर स्थिति संभाली जा सकती है।

मार्च तक आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से कई सेक्टर में नौकरियां बढ़ सकती है। आने वाले दिनों में कंस्ट्रक्शन, स्टील, केमिकल, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और ऑटो सेक्टर में बढ़ोतरी की संभावना है। कंज्यूमर गुड्स और ट्रेड सेक्टर में स्थिति जस की तस बनी रह सकती है। रिटेल सेक्टर भी स्थिर रह सकता है। इसके साथ ही सॉफ्टवेयर सेक्टर का प्रदर्शन भी कमतर रह सकता है।

See also  Intresting facts: जानते हैं! हवाई जहाज में भी हॉर्न होता है... यह भी समझिए इसे क्यों लगाया जाता है

जॉब बढ़ाने के लिए ये चार कदम उठाए जा सकते हैं

1. मैन्युफैक्चरिंग, खास तौर पर टेक्सटाइल और लेदर जैसी इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाए।

2. हेल्थ, एजुकेशन जैसे सर्विस सेक्टर में प्राइवेट निवेश को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जाए।

3. वोकेशनल ट्रेनिंग का इकोसिस्टम खड़ा करके भी बड़ी तादाद में रोजगार पैदा किए जा सकते हैं।

4. सरकार को ऐसी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की जरूरत है, जहां ज्यादा लेबर की जरूरत होती है।

Facebook
Twitter
LinkedIn

Related Posts

Verified by MonsterInsights