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नारियल का जन्म कैसे हुआ नारियल के पूजन मे चढ़ाने से असीमत 10 लाभ श्रम वीर भारत न्यूज़/एस्ट्रोलॉजी वास्तु शास्त्र

 नारियल का जन्म कैसे हुआ नारियल के पूजन मे चढ़ाने से असीमत 10 लाभ 

श्रम वीर भारत न्यूज़/एस्ट्रोलॉजी वास्तु शास्त्र



हिंदू धर्म में नारियल का विशेष महत्व 

  हिंदू धर्म में नारियल का विशेष महत्व है।  पूजा-अनुष्ठान और हर शुभ और शुभ कार्य की शुरुआत में नारियल तोड़ा जाता है।  यह प्रथा वर्षों से चली आ रही है।


नारियल के जन्म की कथा राजसी राजा सत्यव्रत से जुड़ी है।  


  नारियल के जन्म की कथा राजसी राजा सत्यव्रत से जुड़ी है।  स्वर्ग की अलौकिक सुंदरता ने हमेशा राजा सत्यव्रत को आकर्षित किया, जिनकी ईश्वर में अटूट आस्था थी।

  बरसों से धरती से स्वर्ग जाने की ख्वाहिश उनके दिल में दबी थी।  लेकिन ज्ञान की कमी के कारण वे इसे वास्तविकता में तब्दील नहीं कर पाए।

  एक बार राजा सत्यव्रत के राज्य में भयंकर अकाल पड़ा।  इस स्थिति में, राजा ने अपनी प्रजा को धन और भोजन से बहुत मदद की।

  विश्वामित्र के वन में तपस्या करने के बाद भूखे-प्यासे भटक रहे राजा की सहायता पाने वालों में ऋषि विश्वामित्र का परिवार भी शामिल था।

  जब विश्वामित्र तपस्या से वापस आए, तो उनकी पत्नी ने राजा सत्यव्रत की प्रशंसा करते हुए उन्हें बताया कि कैसे राजा सत्यव्रत ने उनकी अनुपस्थिति में उत्पन्न होने वाली कठिन परिस्थितियों में उनके परिवार की मदद की।

  यह सुनकर ऋषि विश्वामित्र राजा सत्यव्रत के दरबार में कृतज्ञता प्रकट करने पहुंचे।  राजा सत्यव्रत ने उनका स्वागत और सम्मान किया और उनके आने का कारण पूछा।

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  ऋषि विश्वामित्र ने अपने परिवार की मदद के लिए राजा का आभार व्यक्त करते हुए उनसे वरदान मांगने को कहा।

  राजा सत्यव्रत ने अपने हृदय में दबे स्वर्ग जाने की इच्छा का वर्णन करते हुए ऋषि विश्वामित्र से अनुरोध किया कि यदि उन्हें वरदान देना है तो वरदान के रूप में उन्हें स्वर्ग का रास्ता बताओ।

  राजा को वरदान देकर विश्वामित्र ने अपने तेज और पराक्रम से एक ऐसा मार्ग बनाया जो सीधे स्वर्ग तक जाता था।  उसी रास्ते से सत्यव्रत स्वर्ग के द्वार पर पहुंचा।  लेकिन जैसे ही उन्होंने स्वर्ग में प्रवेश किया, देवराज इंद्र ने उन्हें धक्का दे दिया।

  सत्यव्रत पृथ्वी पर गिर पड़ा।  जब उन्होंने विश्वामित्र को देवराज इंद्र के दुस्साहस का वर्णन किया, तो वे बहुत क्रोधित हो गए और देवताओं के पास पहुंच गए।

  देवता विश्वामित्र का बहुत सम्मान करते थे, लेकिन वे किसी भी मनुष्य को स्वर्ग में प्रवेश करने के लिए तैयार नहीं थे।  आखिरकार इस समस्या का समाधान मिल ही गया।

  ऋषि विश्वामित्र ने पृथ्वीलोक और स्वर्गलोक के बीच एक द्वितीयक स्वर्ग का निर्माण किया, जो राजा सत्यव्रत के लिए था।  इस पर देवताओं को कोई आपत्ति नहीं थी।  राजा सत्यव्रत भी प्रसन्न हुए।

  लेकिन ऋषि विश्वामित्र को नए स्वर्ग की चिंता थी।  उसे डर था कि उसके द्वारा बनाई गई स्वर्गीय दुनिया तेज हवा के झोंके से हिल न जाए।  ऐसे में राजा सत्यव्रत का फिर से धरती पर पतन होगा।

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  इस समस्या का समाधान करते हुए, उन्होंने नए स्वर्ग को सहारा देने के लिए पृथ्वी से नए स्वर्ग तक एक मजबूत स्तंभ बनाया।

  ऐसा माना जाता है कि इस स्तंभ की सूंड बाद में एक पेड़ में बदल गई और राजा सत्यव्रत का सिर इसका फल बन गया।  इस पेड़ को नारियल का पेड़ माना जाता है और राजा के सिर को ‘नारियल’ का फल माना जाता है।

  यही कारण है कि नारियल के पेड़ बहुत ऊँचे होते हैं और उनके फल बहुत ऊँचाई पर लगाए जाते हैं।

  किंवदंती के अनुसार, राजा सत्यव्रत को पृथ्वी और स्वर्ग के बीच लटके होने के कारण ‘न  का ना उधार का’ की उपाधि दी गई थी।    

लेकिन नारियल चढ़ाने से राजा सत्य मित्र को वरदान था

लेकिन नारियल चढ़ाने से राजा सत्य मित्र को वरदान था कि जो भी 1नारियल को देवी देवता अर्पित करेगा इंद्र और विश्वामित्र जी को उनकी पूरी मनोकामनाएं और करनी होगी

2 सभी प्रकार के फल देने होंगे 

3इसीलिए नारियल चढ़ाने से मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती है 

4इस पर देवराज इंद्र को मनोकामना पूरी करनी पड़ती है नारियल फोड़ने से हर फल की प्राप्ति होती है 

5 व्यक्ति को इस जन्म में भी स्वर्ग प्राप्ति मरने के बाद भी स्वर्ग प्राप्ति का अधिकारी होता है 

6स्वर्ग प्राप्ति का अर्थ है हर प्रकार के सुख वैभव धन धन से परिपूर्ण हो जाता है 

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7 देखने में तो नारियल का उपाय छोटा ओ बेतुका लगता है लेकिन देखन में छोटन लगे घाव करे गंभीर यही कहावत है  

8जो जो भी पूजन में नारियल रखते हैं चढ़ाते हैं पूछते हैं उनकी मनोकामना जल्दी पूरी होती है

 9 नारियल चढ़ाने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती

10 नारियल चढ़ाने से हर प्रकार से दोषमुक्त होता है हर वक्ति

आगे के अंक में यदि आप सभी का आप सभी का अनुरोध रहा तो नारियल के बारे में बेहतरीन धन लाभ के टोटके बताऊंगा

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दैनिक पंचांग आज शुभ पंचाग 9 अगस्त

पंडित मनु मिश्रा ज्योतिषाचार्य सिद्धि रत्न एवं ज्योतिष

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