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क्या आप जानते हैं दिल्ली में है टॉयलेट का म्यूजियम, देखने के लिए दुनिया भर से आते हैं लोग
साल 1992 में इस अंतर्राष्ट्रीय सुलभ शौचालय संग्रहालय की स्थापना हुई थी. यहां दुनिया भर के 50 देशों के टॉयलेट प्रदर्शनी में लगाए गए हैं.
शौचालय या टॉयलेट स्वच्छता की निशानी है. इसके लिए तो एक स्लोगन भी फेमस है ‘जहां सोच वहां शौचालय’. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि दिल्ली में एक ऐसी जगह है जहां शौचालयों का संग्रहालय है तो आप क्या कहेंगे. सही सुना आपने, नई दिल्ली के महावीर एंक्लेव में अंतरराष्ट्रीय सुलभ शौचालय संग्रहालय है. यहां लगभग 50 देशों के एक से बढ़कर एक शौचालय प्रदर्शनी में लगाए गए हैं. इसमें कुछ 3000 ईसा पूर्व से लेकर बीसवीं शताब्दी तक के हैं. कुछ सोने के बने हैं तो कुछ में कमाल की नक्काशी की गई है.
कब हुई थी इसकी स्थापना
साल 1992 में इस अंतर्राष्ट्रीय सुलभ शौचालय संग्रहालय की स्थापना हुई थी. यहां दुनिया भर के 50 देशों के टॉयलेट प्रदर्शनी में लगाए गए हैं. सबसे बड़ी बात की आपको यहां आज से कई 100 साल पहले इस्तेमाल किए गए टॉयलेट देखने को मिलेंगे और उनके बारे में एक से बढ़कर एक जानकारियां भी मिलेंगी.
आप कैसे देखने जा सकते हैं
यह अंतरराष्ट्रीय सुलभ शौचालय दिल्ली के महावीर एनक्लेव क्षेत्र में स्थित है. अगर आप दिल्ली में कहीं रहते हैं तो यहां मेट्रो और ऑटो रिक्शा के जरिए पहुंच सकते हैं. नहीं अगर आप दिल्ली से बाहर के हैं तो पहले आप दिल्ली आइए और फिर यहां से गूगल मैप पर सुलभ इंटरनेशनल टॉयलेट म्यूजियम डालकर सर्च कर सकते हैं, आपको पूरा लोकेशन सटीक तरीके से गूगल मैप पर मिल जाएगा. इस म्यूजियम का पूरा एड्रेस है, पालम डाबरी रोड, महावीर एनक्लेव, नई दिल्ली. यह म्यूजियम सुबह 10:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है.
एक सौचालय सोने का भी है
इस म्यूजियम में आपको एक से बढ़कर एक अजीबोगरीब टॉयलेट देखने को मिलेंगे. कोई दो मंजिला है, तो किसी में कमाल की नक्काशी की गई है. लेकिन इन सब में एक टॉयलेट बहुत खास है और वह सोने का बनाया गया है. यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह टॉयलेट कौतूहल का केंद्र बना रहता है. इसे किसने बनवाया है और यह कहां से आया हैं, अगर आप इसकी जानकारी चाहते हैं तो आपको इस अंतरराष्ट्रीय सुलभ शौचालय संग्रहालय जाकर घूमना होगा.





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