कोरोना कफ्र्यू का उल्लंघन करने पर पड़े डंडे, बनना बड़ा मुर्गा

कोरोना कफ्र्यू को सख्ती से लागू कराने प्रशासन सड़कों पर उतरा
छतरपुर। कोविड संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए जिले में 22 अप्रेल तक लागू कोरोना कफ्र्यू के पहले दिन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह और एसपी सचिन शर्मा ने गुरुवार की दोपहर सड़कों पर उतरकर चैकिंग की। इस दौरान बिना आवश्यक कार्य बाहर पाए जाने पर लोगों को मुर्गा बनाया गया और कहीं-कहीं डंडे भी पड़े। कोरोना कफ्र्यू को सख्ती से लागू करने के लिए प्रशासन की टीम पूरे दिन सड़कों पर निगरानी करती रही।
प्रशासन ने की अपील, मास्क लगाएं और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें
कलेक्टर छतरपुर शीलेन्द्र सिंह ने गुरुवार को वीडियो जारी कर जिले के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संकट की घड़ी में सहयोग करें। राज्य शासन द्वारा मानवीय जीवन की सुरक्षा के लिए कोरोना कफ्र्यू लगाने की स्वीकृति दी गई है इसी लिए छतरपुर शहर सहित जिले के नागरिकों की जिम्मेदारी है कि कोरोना की रोकथाम के लिए प्रशासन को सहयोग करें और घरों पर रहें तथा बेवजह सड़कों पर नही निकले। उन्होंने कहा कि जिले के लोगों का मानव जीवन बचाना पहली प्राथमिकता है इसी लिए नवरात्रि पर्व सहित आगामी दिनों में आने वाले सभी धर्मों के धार्मिक पर्व घर पर रहकर ही सुरक्षित रूप से मनाएं। लोग घर पर ही रहें और इमरजेंसी होने पर ही बाहर निकले। मास्क नही लगाना और खुले मुंह से बाहर घूमना अधिक खतरनाक है। ऐसा करते पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। आपने लोगों से कोरोना कफ्र्यू का पालन करते हुए प्रशासन का सहयोग करने की अपील की। पुलिस अधीक्षक छतरपुर सचिन शर्मा ने जिले के नागरिकों से अपील करते हुये कहा कि कोरोना संक्रमण में विशेष ध्यान रखते हुए हरएक व्यक्ति को अपना और अपने परिवार का ख्याल सावधानी से रखना होगा। सभी व्यक्ति मास्क पहनें, संयम बनाये रखें और जिला प्रशासन का सहयोग करते हुए कोरोना कफ्र्यू काल मे घर पर ही रहें।
एसपी ने दी चेतावनी, भ्रामक जानकारी फैलाने पर गु्रप एडमिन पर होगी कार्यवाही, भेजे जाएंगे जेल
पुलिस अधीक्षक छतरपुर सचिन शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों से देखने में आ रहा है कि कतिपय लोगों द्वारा कोविड-19 संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया में भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही हैं। इस संबंध में किसी भी प्रकार के तथ्य प्राप्त नही किए जा रहे है और बिना किसी प्रमाण के भ्रामक जानकारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से लागों के बीच प्रसारित किया जा रहा है यह कृत्य एवं आचरण कानूनी रुप से उचित नही है। इस वैश्विक महामारी के दौरान सोशल मीडिया में प्रकाशित एवं प्रचारित बिना तथ्यों की भ्रामक जानकारियों से आम लोगों में भय एवं अविश्वास का वातावरण उत्पन्न हो रहा है। कोविड-19 से जुड़ी किसी भी जानकारी को सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है। कोविड-19 से जुड़ी किसी भी जानकारी को सोशल मीडिया में प्रसारित करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच कर लेनी चाहिए। कोविड-19 से जुड़ी कोई भी ऐसी भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया पर प्रसारित नहीं करना चाहिए जिससे समाज में भय एवं अविश्वास का वातावरण उत्पन्न हो। कोविड-19 से जुड़ी कोई भी जानकारी जिला प्रशासन द्वारा जारी किये जाने के उपरांत ही उसे प्रमाणिक माना जाएगा। जानकारी प्रचारित करने के पूर्व कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सीएमएचओ से बात करने के बाद ही तथ्य पूर्ण जानकारी प्रकाशित की जाए।
आमलोंगो से अपील की गई है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही। कोविड-19 की जानकारियों को प्रमाणिक नहीं माने है।
कोरोना महामारी के दौरान यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर कोई भ्रामक जानकारी या अफवाह फैलाते पाये जाएंगे तो ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जावेगी साथ ही संबंधित व्हाट्एप पर ग्रुप एडमिन के विरुद्ध भी आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाएगी।