
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रवासी कामगारों की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर तेवर अपनाये हुए हैं। उन्होंने रविवार को कहा कि सरकार सबके लिए है, ये महज थोथा नारा नहीं बल्कि संकल्प होना चाहिए।
अखिलेश ने प्रवासी कामगारों की सड़क पर पैदल चलते एक तस्वीर अपलोड करते हुए ट्वीट किया कि कोरोनाकाल में सरकारी बद‑इंतजामी की वजह से बात हवाई चप्पल पहनने वालों से भी आगे जाकर ‘नंगे पांव’ सड़कों पर चलने पर मजबूर लोगों तक पहुंच गयी है। जिनसे जनता को हमदर्दी की उम्मीद थी वही दर्द का सबब बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सबके लिए है, ये थोथा नारा नहीं बल्कि संकल्प होना चाहिए।
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक के पत्र को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए। यही तो अकेले में मानसिक सहारा बनता है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था व दुर्दशा का सच जनता तक न पहुंचे, इसीलिए ये पाबंदी है। जरूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं बल्कि सैनेटाइज करने की है।
दरअसल चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. के.के. गुप्ता ने सभी चिकित्सा विश्वविद्यालयों, चिकित्सा संस्थानों और सभी सरकारी व निजी मेडिकल कालेजों के प्रमुखों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि मोबाइल से संक्रमण फैलता है।
चिकित्सा महानिदेशक ने ये भी निर्देश दिए हैं कि कोविड अस्पताल के इंचार्ज को दो मोबाइल फोन उपलब्ध कराएं जाएं, ताकि मरीज अपने परिजनों से और परिजन अपने मरीज से बात कर सकें।
एकांतवास केन्द्र की न खुले पोल, इस कारण लगा दिया मोबाइल पर प्रतिबंध : अखिलेश
महानिदेशक चिकित्सा, शिक्षा एवं प्रशिक्षण का एक पत्र (जिसमें आइशोलेशन वार्ड में मोबाइल ले जाने पर मनाही की गयी है) का हवाला देते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एकांतवास केन्द्र की बद इंतजामी की पोल न खुले, इसके लिए मोबाइल फोन प्रतिबंधित किया गया है।
अखिलेश ने रविवार को ट्वीट किया कि अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए। यही तो अकेले में मानसिक सहारा बनता है। वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था व दुर्दशा का सच जनता तक न पहुँचे, इसीलिए ये पाबंदी है। ज़रूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं, बल्कि सैनेटाइज़ करने की है। उत्तर प्रदेश में कोरोना मोबाइल से फैलता है’ क्योंकि मोबाइल फोन कैमरे से बदइंतजामी से बदहाल क्वारन्टीन सेंटरों की पोल खुलने का खतरा है!
वहीं सपा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि क्वारन्टीन सेंटरों में मरीजों के मोबाइल ले जाने पर रोक संबंधी स्वास्थ्य विभाग का आदेश अपनी करनी छुपाने का पैंतरा मात्र! फैसला को सरकार वापस ले। यूपी के क्वारन्टीन सेंटरों से जारी है बदइंतजामी, लापरवाही से मरीजों का मरना फिर भी नहीं जाग रही सरकार, शर्मनाक! बांदा के क्वारन्टीन सेंटर में दम घुटने से मेहनतकश की मृत्यु दुखद है। मृतक के परिवार को 1 लाख की मदद देगी सपा, 10 लाख सरकार दे। दोषी अधिकारियों पर हो कड़ी कार्रवाई की जाए।





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