क्या आप भी सिर्फ अपने में ही सिमटे रहते हैं? कभी परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का प्लान नहीं बनाते? अगर आपने अपने आप को समाज से अलग-थलग कर दिया है तो आपको धूम्रपान, मोटापा, ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। रिसर्च के अनुसार जिन लोगों का सोशल नेटवर्क स्ट्रॉन्ग होता है वो अधिक जीते हैं। दूसरों से मेलजोल बढ़ाने के और भी जबरदस्त फायदे होते हैं-
इम्यून फंक्शन होता है मजबूत-
एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि जो लोग समाज से कटे रहते हैं, उनमें इंफ्लेमेशन से संबंधित प्रोेटीन का स्तर कम पाया जाता है। उनमें अधिक मात्रा में सर्कुलेटिंग कार्टिसोल और एंटीबॉडी के लिए प्रतिक्रिया भी कम पाई जाती है। इससे तनाव बढ़ता है।
एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि जो लोग समाज से कटे रहते हैं, उनमें इंफ्लेमेशन से संबंधित प्रोेटीन का स्तर कम पाया जाता है। उनमें अधिक मात्रा में सर्कुलेटिंग कार्टिसोल और एंटीबॉडी के लिए प्रतिक्रिया भी कम पाई जाती है। इससे तनाव बढ़ता है।
दिल रहे स्वस्थ-
शोधकर्ताओँ के अनुसार लोगों से दूरी बना लेने से और हमेशा सोशल साइट्स से घिरे रहने से दिल से जुड़ी बीमारियां के होने का खतरा बढ़ जाता है। एक अन्य शोध में अकेलेपन को बढ़े हुए रक्त दबाव से जोड़कर देखा गया है।
शोधकर्ताओँ के अनुसार लोगों से दूरी बना लेने से और हमेशा सोशल साइट्स से घिरे रहने से दिल से जुड़ी बीमारियां के होने का खतरा बढ़ जाता है। एक अन्य शोध में अकेलेपन को बढ़े हुए रक्त दबाव से जोड़कर देखा गया है।
नहीं होता तनाव-
लगातार 10 वर्षों में चले एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जो लोग रिश्तों को बखूबी जीते हैं, उनके आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं। वे उन लोगों की अपेक्षा तनावग्रस्त होने से बचे रहते हैं जिनके आपसी रिश्ते मधुर या मजबूत नहीं होते।
लगातार 10 वर्षों में चले एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जो लोग रिश्तों को बखूबी जीते हैं, उनके आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं। वे उन लोगों की अपेक्षा तनावग्रस्त होने से बचे रहते हैं जिनके आपसी रिश्ते मधुर या मजबूत नहीं होते।
याद्दाश्त क्षमता होती है बेहतर-
उम्र बढ़ने के साथ आप जितना लोगों से मिलेंगे, उनके साथ समय बिताएंगे, आपकी सेहत पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। अकेले होते हुए भी आप अकेला महसूस नहीं करेंगे। इससे याद्दाश्त क्षमता बेहतर होती है और चीजों को भूलने की समस्या का खतरा कम रहता है।
उम्र बढ़ने के साथ आप जितना लोगों से मिलेंगे, उनके साथ समय बिताएंगे, आपकी सेहत पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। अकेले होते हुए भी आप अकेला महसूस नहीं करेंगे। इससे याद्दाश्त क्षमता बेहतर होती है और चीजों को भूलने की समस्या का खतरा कम रहता है।






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