ऐसी अंगूठी नहीं देखी होगी, 24 हजार हीरे जड़े हैं:गिनीज बुक में दर्ज, तो ब्लू डायमंड की सबसे महंगी 373 करोड़ में हुई नीलामी
डायमंड की एक रिंग में कितने हीरे जड़े जा सकते हैं? ज्यादा से ज्यादा 10 लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि केरल के मलप्पुरम जिले में निर्मित ‘टच ऑफ एमी’ नाम के एक रिंग ने अंगूठियों में जड़े जाने वाले हीरों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस रिंग पर 24,679 डायमंड लगाया गया है, जिसके कारण गिनीज बुक में इसका नाम शामिल हो गया।
इस रिंग को डीडब्ल्यूए कंपनी ने बनाया था, जो कि भारत में हीरे की ज्वेलरी बनाने वाली लीडिंग कंपनी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन से लाइफस्टाइल एक्सेसरी डिजाइन में पोस्ट ग्रेजुएट रिजिशा टीवी ने डिजाइन किया है। इसे तैयार करने में कुल 90 दिनों का वक्त लगा है।
क्यों खास है वो रिंग, जिसने तोड़ा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
इस अंगूठी का डिजाइन पिंक आयस्टर मशरूम से प्रेरित किया है। इस अंगूठी में शुरुआत में 12,638 हीरे लगाए गए थे। मगर फिनिशिंग और रीटच के बाद इसमें 24,679 हीरो के साथ पूरा किया गया। कंपनी ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि यह उपलब्धि बेल्जियम के बजाए केरल में हासिल की गई है। हीरे की ज्वेलरी प्रोडक्शन में नंबर वन पर बेल्जियम है।
इस रिंग को डीडब्ल्यूएम कंपनी ने बनाया था, जो कि भारत में हीरे की ज्वेलरी बनाने वाली लीडिंग कंपनी है।
भारत में ऐसी अंगूठियां पहले भी बनाई जा चुकी है
यह पहली बार नहीं है कि किसी हीरे की अंगूठी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले भी साल 2020 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाले ज्वैलरी डिजाइनर हर्षित बंसल ने 12,638 हीरे जड़कर एक अंगूठी बनाई थी, जिसके चलते उसका नाम गिनीज बुक में दर्ज हुआ था। हर्षित, शहर सराफा स्थित मैसर्स रेनानी के प्रबंध निदेशक हैं।
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बंसल ने अंगूठी का नाम ‘द मैरीगोल्ड’ रखा था, क्योंकि उसकी डिजाइन गेंदे के फूल की तरह थी। अंगूठी का वजन 165 ग्राम है, जिसमें 38.08 कैरेट के हीरे जड़े गए थे। इसे तैयार करने में हर्षित को तीन साल का समय लगा था। हर्षित से पहले हैदराबाद के श्रीकांत ने ‘गोलाकार एब्सट्रेक्ट’ डिजाइन में 7801 हीरों की अंगूठी बनाई थी और हर्षित ने उससे कहीं अधिक हीरे लगाकर यह नया रिकॉर्ड बनाया था।
इस अंगूठी को 3 साल में मेरठ के हर्षित ने डिजाइन किया था।
दुनिया के महंगा हीरा भारत का था
कहा जाता है कि कोहिनूर दुनिया का सबसे महंगा हीरा है। कोहिनूर 105.6 कैरेट का हीरा है, जो ओवल शेप में है और इसे सबसे महंगे हीरो में गिना जाता है। बताया जाता है कि साल 1300 में ये भारत में मिला था। ब्रिटेन ने साल 1850 में इसे ले लिया था और 1852 में इसे प्रिंस अल्बर्ट ने इसमें बदलाव कर दिया और 186 कैरेट का हीरा 105 कैरेट में बदल गया। इस खास तरह के हीरे को माउंटेन ऑफ लाइट और डायमंड ऑफ बाबर भी कहा जाता है।
दो महीने पहले हुई थी सबसे बड़े हीरे की नीलामी
दो महीने पहले दुनिया का सबसे बड़ा वाइट डायमंड ‘द रॉक’की जेनेवा में नीलामी हुई थी। ये दुर्लभ सफेद हीरा दक्षिण अफ्रीका की खदान से निकाला गया था। जिसका वजन 228.31 कैरेट था। इस नीलामी में द रॉक के अलावा द रेड क्रॉस डायमंड की भी नीलामी की गई थी। 205.7 कैरेट के इस पीले रंग के हीरे को ‘द रेड क्रॉस डायमंड’ नाम दिया गया था। इसकी नीलामी से मिलने वाले पैसों का कुछ हिस्सा रेड क्रॉस सोसायटी को दिया गया था।
दुनिया का सबसे बड़ा वाइट डायमंड ‘द रॉक’की जेनेवा में नीलामी हुई थी, जिसका वजन 228.31 कैरेट था।
सोथबी कंपनी ने की थी अजूबे हीरे ब्लू डायमंड की नीलामी
दुनिया का अब तक का सबसे महंगा हीरा ब्लू डायमंड आज हॉन्गकांग के सोथबी कंपनी के अंडर में नीलाम हुआ था। द डी बीयर्स कलिनन ब्लू डायमंड 15.10 कैरेट का है। ये £39 मिलियन पाउंड में बिका है, जिसकी कीमत भारतीय रुपए में करीब 373 करोड़ है। वहीं, अमेरिकी डॉलर में इसकी कीमत $57.5 मिलियन है।