Breaking News

इगो हटाओ रिश्ते बचाओ

 

रिश्तों में लाएं लचकऔर इसलिए दूर हो जाओ हर परेशानी

प्रेम करने वालों के बीच टकराव की स्थिति बनती ही है लेकिन उससे निकलने की कला आना ही चाहिए। रिश्तों में उष्मा बनी रही तो वे टूटते नहीं।

महिला और पुरुष के संबंधों में खटपट और खींचतान होती है। एकदूसरे के प्रति नाराजगी जीवन का हिस्सा है लेकिन इतना ही होना चाहिए कि रिश्तों की ऊष्मा बनी रहे। एकदूसरे को समझने के साथ रिश्तों को हरदम ताजा बनाए रखा जा सकता है। संबंधों को जीवित बनाए रखने के लिए कुछ बहुत छोटे कदम ही बढ़ाने की जरूरत है। यह बहुत कठिन काम नहीं है बस रोज थोड़ा सा अभ्यास आपके जीवन के माधुर्य को बनाए रखने हो सकता है।

अपने अहं को छोड़ दें

शुभ्र रहने का प्रयास करें। हमेशा खुद को सही साबित करने की कोशिश न करें। हमेशा विजेता होने का विचार भी छोड़ दें। कभी अगर विवाद की स्थिति है तो अपने साथी का पक्ष बहुत शांति के साथ अपने जीवन में सुलह और सहजता लाने में मदद करेगा। जब हम अहं से मुक्त होते हैं तो हम अधिक सजग होते हैं। सजगता की स्थिति में ही हम दूसरों के भावों को अनुभूत करने लगते हैं। केवल तब हम अपने भाग्य पर नियंत्रण कर पाते हैं और अपने साथी के साथ जुड़ने में सफल होते हैं।

चीजों को बड़े नजरिए से देखें

किसी भी टकराव की स्थिति में अपने कदमों को आगे बढ़ने से रोकें और चीजों को व्यापक दृष्टि से देखें। जब हम चीजों को उस क्षण से आगे चलते देखते हैं तो पाते हैं कि सिर्फ इस कटु क्षण की वजह से हम अपने जीवन को क्यों खराब कर रहे हैं। जीवन के बहुत अच्छे पलों की तरफ भी हमारा ध्यान होना चाहिए। किसी आपसी समझदारी के पल को याद करने से हमारी कटुता का पहाड़ एक छोटे से पत्थर की तरह नजर आ सकता है।

अच्छे पायलों को लागू करें

सभी तरह के संबंधों में खिंचाव और तनाव होता है। सभी तरह के लोग गलतियाँ करते हैं। हम मनुष्य हैं और हमें गलतियाँ होना स्वाभाविक है। कोई भी व्यक्ति पर प्रभाव नहीं होता है और इसलिए किसी से भी संबंधों में डिफ़ॉल्ट हो सकता है। अगर हम अपना ध्यान उन चीजों की तरफ लगाते हैं जो हमारे संबंध में नहीं हैं तो कोई संबंध बेहतर नहीं हो सकता। हमारी 100 प्रतिशत अपेक्षाओं पर कोई भी साथी खरा नहीं उतर सकता है। इसलिए दूसरों को समझने का नजरिया ही काम करेगा। उनकी खूबियों और कमियों को स्वीकार करने का भाव ही रिश्तों को बनाए रखता है।

अपनी कमियाँ याद करें

अक्सर व्यक्ति स्वयं को बचाने का प्रयास करता है। जब उसके दोष उजागर होने लगते हैं तो वह बहुत आक्रामक हो जाता है और दूसरों की बातों को शांति से नहीं सुन पाता है। इसलिए अपनी छोटी शक्तियों को याद रखना चाहिए। याद करना चाहिए कि आपने किस तरह की नादानियां की हैं और जब आप उन्हें याद करेंगे तो आपको यह एहसास होगा कि बीते उन क्षणों की याद आपके संबंधों के तनाव को खत्म कर सकती है।

एकदूसरे को प्रेरित करें

अपने साथी को हमेशा नए विषयों और नई चीजों के लिए प्रेरित करें। अक्सर एक हिंदूजे के शौक के बारे में बात करना और एकदूसरे की छोटी-छोटी चीजों की तरफ ध्यान देना आपस में जुड़ने में बहुत मदद करता है। जब आप एकदूसरे के साथ बहुत छोटे-छोटे अवसरों को बांटते हैं तो एक हिंदूजे को पसंद और नापसंद से भी अवगत कराने हैं। ऐसे में दोनों का एकदूसरे में आकर्षण बना रहता है।

क्षमा करने की आदत डालें

करुणा और क्षमा भाव एकदूसरे के लिए बहुत जरूरी है। शक्तियों के बावजूद अपने साथी के प्रति लंबे समय के लिए मन में कडवाहट नहीं रखना चाहिए। अगर आप उसके प्रति बहुत सहिष्णु होंगे तो वह भी आपकी ओर उतनी ही करुणा और प्रेम से आपकी ओर। यह ऐसा गुण है जो सामने वाले से टकराकर हमारी तरफ लौटता है।

पुरानी बातों को बार-बार सामने लाने के बजाय बहुत शांति के साथ आज के पलों के बारे में बात करें। क्षमा करना सीखता है, क्षमा करना भी होगा। 

See also  आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव’’ कार्यक्रम एवं ‘’हर घर तिरंगा’’ अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा के मार्गदर्शन🇮🇳 में थाना बरेला पुलिस के द्वारा पैदल मार्च रैली एवं बाइक रैली थाना बरेला से शारदा मंदिर तक जन जागृति हेतु निकालकर तिरंगा फहराने एवं लगाने हेतु दिया गया संदेश
Facebook
Twitter
LinkedIn

Related Posts

Verified by MonsterInsights