आरोपी TI की कहानी…जिसके केस की सुनवाई में हुआ बवाल:जबलपुर में लेडी कॉन्स्टेबल ने लगाया रेप का आरोप; विवाद के बाद वकील ने दी जान
जबलपुर हाईकोर्ट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब वकीलों ने कोर्ट रूम में शव ले जाकर प्रदर्शन किया। शुक्रवार को दुष्कर्म के एक मामले में सुनवाई के दाैरान बहस के बाद तनाव में आए वकील अनुराग साहू (40) ने जान दे दी। घटना से आक्रोशित वकील शव लेकर हाईकोर्ट में घुस आए और जमकर हंगामा किया। वकीलों ने हाथापाई की और आग भी लगा दी। पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए बल प्रयोग कर वकीलों को हटाया गया। यह सब कुछ हुआ रेप के आरोपी TI संदीप अयाची की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान.
पहले जानिए हाईकोर्ट में हुआ क्या था?
पुलिस के अनुसार वकील अनुराग साहू की आत्महत्या को महिला आरक्षक से दुष्कर्म के आरोपी TI संदीप अयाची की जमानत अर्जी की सुनवाई से संबंधित बताया जा रहा है। इस मामले की सुनवाई के दौरान एक आपत्तिजनक पत्र को लेकर संबंधित कोर्ट ने कड़ाई से पूछताछ की। इस दौरान दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला को न्यायाधीश द्वारा चेतावनी दी गई कि यदि यह पत्र उसकी ओर से जारी होना पाया गया तो उसकी पुलिस की नौकरी जा सकती है।
इसके साथ ही जमानत अर्जीकर्ता अयाची की ओर से पैरवी करने खड़े हुए वरिष्ठ अधिवक्ता और साथ में खड़े अधिवक्ता अनुराग साहू से भी पूछताछ की गई। दोषी का नाम उजागर होने पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई। अंतत: संबंधित कोर्ट द्वारा आपत्तिजनक पत्र को संलग्न करते हुए मामले की पूरी फाइल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजे जाने का निर्णय लिया गया। इसके कुछ समय बाद ही हाईकोर्ट से घर पहुंचने के बाद अधिवक्ता अनुराग साहू द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने की सूचना सामने आई। इसके बाद दोनों घटनाक्रमों को जोड़कर देखा जा रहा है।
शुक्रवार को वकील की मौत के बाद गुस्साए साथी वकीलों ने हाईकोर्ट में जमकर हंगामा किया था।
अब जानते हैं TI अयाची के बारे में… 48 साल के TI संदीप अयाची दमोह के रहने वाले हैं। उन्होंने पढ़ाई भी दमोह से ही की है। 1998 में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए। पहली पोस्टिंग इंदौर में हुई। इसके बाद बालाघाट, नरसिंहपुर, रीवा, जबलपुर और कटनी में पदस्थ रहे। उनकी एक बेटी-बेटा हैं। बड़ी बेटी 16 साल की है। संदीप अच्छे बांसुरी वादक भी हैं। वे गाना भी अच्छा गाते हैं। विभागीय कार्यक्रम में वे कई बार मंच पर प्रस्तुति दे चुके हैं।
48 साल के TI और 25 साल की कॉन्स्टेबल की लव स्टोरी 2018 में TI संदीप अयाची जबलपुर के पनागर थाने में पदस्थ थे। लेडी कॉन्स्टेबल गोरखपुर थाने में थी। इसी दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं। लेडी कॉन्स्टेबल और TI की लव स्टोरी 8 महीने पहले तब सामने आई। जब TI की पत्नी ने लेडी कॉन्स्टेबल की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई। पत्नी ने आरोप लगाया था कि कॉन्स्टेबल मेरे पति को ब्लैकमेल कर रही है। मांग पूरी नहीं होने पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर आत्महत्या करने की धमकी दे रही है। इसके बाद लेडी कॉन्स्टेबल ने एसपी बहुगुणा को रोते हुए आपबीती सुनाई थी।
कहा- TI अयाची ने शादी करने का झांसा देकर उसके साथ पत्नी जैसे संबंध बनाए। अब वे शादी से मना कर रहे हैं। मेरी उनसे शादी नहीं हुई तो जान दे दूंगी। लेडी कॉन्स्टेबल ने SP से कहा था- TI संदीप अयाची से मेरी शादी कराओ, नहीं तो सुसाइड कर लूंगी। इसके बाद हंगामा मच गया। लेडी कॉन्स्टेबल और TI के बीच कोतवाली थाने में देर तक बातचीत का दौर चलता रहा। कॉन्स्टेबल इस बात पर अड़ी रही कि शादी से कम उसे कुछ भी मंजूर नहीं है। लेडी कॉन्स्टेबल ने रोते हुए आपबीती सुनाई थी। इसके बाद एसपी ने TI संदीप अयाची को लाइन अटैच कर दिया।
लेडी कॉन्स्टेबल ने शपथ पत्र देकर TI को पिता तुल्य बताया था। हालांकि बाद में रेप का केस दर्ज करवाया।
आरोप के बाद में TI को बताया पिता तुल्य
कुछ दिन बाद लेडी कॉन्स्टेबल ने यू टर्न ले लिया। लेडी कॉन्स्टेबल ने आरोपों से इनकार कर दिया। 22 जनवरी को लिखे गए शपथ पत्र को देकर TI को पिता तुल्य बताया। शपथ पत्र में लिखा- संदीप अयाची मेरे पिता तुल्य हैं। उनसे भावनात्मक लगाव है। उनकी तबीयत खराब थी। उनके परिवार में झगड़े हुए थे। 19 जनवरी को TI साहब को माइनर अटैक आने की जानकारी लगी। शुभचिंतक के नाते मिलने गई। वे नहीं मिले तो बहुत चिंता हुई। इस कारण गैलेक्सी हॉस्पिटल से सीधे उनके घर पहुंच गई थी। वहां मेरी गाड़ी खराब हो गई थी। जिसे वहीं छोड़कर पैदल निकल गई। मानसिक हालत ठीक नहीं होने के कारण SP को फोन लगा दिया। सोच-विचार की क्षमता खत्म हो गई थी। उस समय TI के परिवार वालों ने नहीं मिलने दिया। भावनाओं में आकर SP जबलपुर को फोन कर उलटा-सीधा बताया था।
लेडी कॉन्स्टेबल ने कहा था कि संदीप उसे पचमढ़ी और पेंच घुमाने ले गया था।
आगे उसने कहा- अयाची साहब ने मेरे घर के सदस्य और बड़े होने के नाते हमेशा मेरा साथ दिया। मुझे उन पर गर्व है। उनकी कार्य प्रणाली सहयोगात्मक, सुरक्षा भाव, सहजता, चरित्रवान अधिकारी के रूप में है। मैं उनका सम्मान करती हूं। वह पिता तुल्य हैं। वह उसके लिए हमेशा आदर्श अधिकारी के तौर पर रहे हैं। बिना किसी शिकायत के लाइन हाजिर कर दिया गया। इससे मैं बहुत दुखी हूं। हालांकि कटनी ASP को सौंपे गए शपथ पत्र को लेकर भी सवाल उठे थे, क्योंकि नोटरी सागर में राजेश कुमार मिश्रा ने नोटराइज्ड किया था। महिला आरक्षक नरसिंहपुर के गाडरवारा की रहने वाली है। नौकरी जबलपुर में करती है। शपथ देने कटनी पहुंची थी, तो ऐसे में शपथ पत्र लेने सागर कहां से पहुंच गई।
लेडी कॉन्स्टेबल द्वारा FIR दर्ज करवाने के बाद TI फरार हो गए थे, पुलिस ने उन्हें पाटन से गिरफ्तार किया था।
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