इंश्योरेंस पोलसी के 7.4 करोड़ हड़पने के लिए सरकारी अफसर ने खेली खून की होली खुद के मृत्यु की साजिश रच दी

Telangana के हैदराबाद में सचिवालय में काम करने वाले एक अधिकारी ने अपना सात करोड़ से ज्यादा का बीमा कवर क्लेम करने के लिए एक अनजान शख्स को मार डाला. इसके बाद उसने अपनी मौत की झूठी खबर फैलाकर इंश्योरेंस की रकम हड़पने की कोशिश की. पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को अरेस्ट कर लिया है.
तेलंगाना सरकार के एक अधिकारी ने 7 करोड़ रुपये से ज्यादा के बीमा की राशि हड़पने के लिए पहले उसने युवक की हत्या कर दी, फिर अपनी मौत की झूठी खबर फैला दी. मेडक पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद सरकारी अधिकारी, उसकी पत्नी और उनके दो रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया है. मुख्य साजिशकर्ता तेलंगाना राज्य सचिवालय में सहायक अनुभाग अधिकारी (ASO) है.
Police को पूछताछ में पता चला कि प्रमुख आरोपी के 85 लाख रुपये शेयर बाजार में डूब गए थे. इस नुकसान से उबरने के लिए उसने अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के साथ मिलकर बीमा का पैसा हड़पने की साजिश रची.
सात करोड 40 लाख रुपये की 25 बीमा पॉलिसी लीं
पुलिस ने बताया कि योजना के तहत अधिकारी और अन्य आरोपियों ने पहले 7.4 करोड़ रुपये की 25 बीमा पॉलिसी लीं फिर बीमा राशि का दावा करने के लिए एएसओ ने अपने जैसे दिखने वाले एक शख्स की हत्या की योजना बनाई.
मिलती-जुलती शक्ल वाले युवक की पहचान की
योजना के तहत 8 जनवरी को एएसओ ने निजामाबाद रेलवे स्टेशन के पास से एक ऐसे व्यक्ति की पहचान की जो उसके जैसा दिखता था. इसके बाद उसने उसे अपनी बातों में उलझाया और साथ चलने को कहा. इस दौरान एएसओ के साथ एक और आरोपी भी था.
पुलिस ने बताया कि दोनों उस शख्स को रेलवे स्टेशन से लाए गए और उसका सिर मुंडवा दिया फिर उसे एएसओ ने अपने कपड़े पहना दिए. इसके बाद दोनों उसे वेंकटपुर गांव पहुंचे.
इसके बाद एएसओ ने कार पर पेट्रोल छिड़क दिया. इसके बाद उस शख्स को ड्राइवर सीट पर बैठने के लिए कहा. उसने जब बैठने से इनकार कर दिया, तो दोनों ने उस पर कुल्हाड़ी और डंडों से हमला कर दिया. उसे मारने के बाद शव को कार में डाल दिया और उसमें आग लगा दी.
पुलिस को गहरी खाई में मिली थी जली हुई कार
जब पुलिस को जिले के वेंकटपुर गांव के बाहरी इलाके में एक खाई में पूरी तरह से जली हुई कार में एक व्यक्ति का शव मिला था. इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस को कार से एक बैग मिला था.
एक बैग में मिले आईडी कार्ड के आधार पर साजिशकर्ता सरकारी कर्मचारी को मृत मान लिया गया था, लेकिन पुलिस को बाद में पता चला कि अधिकारी तो जीवित है और उसने बीमा का लेने के लिए अपनी मौत की साजिश रची थी, जिसके बाद सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया.