
भोपाल से गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर की ‘शहर सरकार’ को लेकर एक बार फिर नाराजगी सामने आई है। नर्मदा लाइन के बल्क कनेक्शन देने की बाध्यता खत्म नहीं होने पर विधायक गौर ने पार्षदों से यह मुद्दा परिषद की मीटिंग में उठाने को कहा है। MIC में विभागों के बंटवारे में भी उनकी नाराजगी सामने आ चुकी है।
भोपाल नगर निगम में काबिज हुए BJP को दो महीने बीत चुके हैं। चुनाव में बीजेपी ने वादा किया था कि बल्क कनेक्शन की बाध्यता को खत्म किया जाएगा। फिलहाल इस पर निगम कोई फैसला नहीं कर सकता है, लेकिन इसे लेकर लोगों की शिकायतें आ रही हैं। विधायक गौर तक भी शिकायतें पहुंची हैं। खासकर होशंगाबाद रोड की कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन की बाध्यता होने से लोग कनेक्शन नहीं ले पा रहे हैं। लोगों की मांग है कि उन्हें सिंगल यानी व्यक्तिगत कनेक्शन दिए जाए। इससे बेवजह का बोझ नहीं पड़ेगा।
गौर के क्षेत्र से 17 पार्षद जीते
नगर निगम के चुनाव में गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के कुल 17 पार्षद जीते हैं। भोपाल की अन्य विधानसभा से बीजेपी को इतने पार्षद नहीं मिले। इसके चलते विधायक गौर का पलड़ा भारी है।
परिषद में उठेगा मुद्दा
बल्क कनेक्शन का मुद्दा परिषद की मीटिंग में उठाने के लिए विधायक गौर ने सभी पार्षदों से कहा है। उनका कहना है कि परिषद में निर्णय लेने के बाद बाध्यता खत्म हो जाएगी। इसलिए पार्षद परिषद की मीटिंग में प्रस्ताव लाए। जिस पर निर्णय होगा।
भोपाल में 2.30 लाख से ज्यादा कनेक्शन
भोपाल में दो लाख 30 हजार से ज्यादा नल कनेक्शन है। इसके जरिए नगर निगम घर-घर तक सुबह और शाम पानी पहुंचाता है। इनमें बल्क कनेक्शन भी शामिल हैं। बल्क कनेक्शन की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए वे बल्क की जगह व्यक्तिगत यानी सिंगल कनेक्शन की मांग उठा रहे हैं। बहुत सारे उपभोक्ताओं को मिलाकर निगम बल्क कनेक्शन दे रहा है। इसमें कई व्यवहारिक दिक्कतें भी लोगों के सामने आ रही है। इसलिए वे चाहते हैं कि व्यक्तिगत कनेक्शन मिलें। इससे लोग अपने हिसाब से कनेक्शन ले लेंगे और उन्हें ज्यादा कीमत भी नहीं चुकाना पड़ेगी।
विभाग बंटवारे को लेकर भी आपत्ति और नाराजगी जताई थी
सितंबर के पहले सप्ताह में ‘शहर सरकार’ के मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे के बाद BJP नेताओं में कलह की स्थिति बन गई थी। विधायक गौर ने बंटवारे पर कड़ी आपत्ति और नाराजगी जताई थी। उनके दो समर्थक मेयर इन काउंसिल यानी, एमआईसी मेंबरों ने विभाग से इस्तीफे दे दिए थे। विधायक गौर के बंगले पर गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के पार्षदों की बैठक भी हुई थी। हालांकि, बाद में सीनियर नेताओं ने मामला संभाल लिया था।
