
बीजिंग.
चीन की नौसेना इन दिनों फाइटर जेट पायलटों की कमी से जूझ रही है और ऐसा हम नहीं बल्कि वहां के मीडिया में विश्लेषकों के हवाले से यह बात कही जा रही है. दुनिया की सबसे दूसरी ताकतवर सेना मानी जाने वाली चीन की नौसेना इन दिनों लड़ाकू जेट पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही है. ऑर्डनेंस इंडस्ट्री साइंस टेक्नोलॉजी नाम की चाइनीज मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन सेना की नेवी ने अपने पहले विमान वाहक, लिओनिंग के चालू होने के बाद के दशक में लड़ाकू जेट पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रमों को तेज कर दिया है. लेकिन लड़ाकू जेट पायलट के प्रशिक्षकों की कमी ने प्रगति में बाधा डाली है.
बीजिंग स्थित नौसैनिक विशेषज्ञ ली जी ने कहा कि चीन के तीसरे और सबसे उन्नत विमानवाहक पोत फ़ुज़ियान ने पिछले सप्ताह समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है. पीएलए को 130 शिप-बॉर्न एयरक्राफ्ट को संचालित करने के लिए कम से कम 200 क्वालिफाइड कैरियर-बेस्ड लड़ाकू जेट पायलटों की आवश्यकता है. फुजियान उन्नत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापोल्ट्स से लैस है, जो यूएस सुपरकैरियर गेराल्ड आर फोर्ड के समान है. जबकि चीन के पहले दो कैरियर में स्की-जंप डिजाइन थे, इसलिए नौसेना को एक नए विमान लॉन्च और रिकवरी सिस्टम में महारत हासिल करनी होगी.
ली ने कहा, “यह चुनौतियों से भरा है, क्योंकि विमान डिजाइन और पायलट प्रशिक्षण दुनिया की सबसे कठिन और जटिल कोर तकनीक में से एक है, जिसे कोई भी आपके साथ साझा नहीं करेगा.” पीएलए नौसेना के पायलट चीनी निर्मित जेएल-9जी का उपयोग करते हैं, जो एक सिंगल इंजन वाला डबल सीट वाला विमान है, जो पहली बार 2011 में एक कैरियर-ट्रेनर वेरिएंट के रूप में सामने आया था, लेकिन इसका उपयोग उड़ान डेक पर आपातकालीन लैंडिंग का अनुकरण करने के लिए नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसमें खामियां हैं. जैसे कि बहुत यह हल्का और बहुत धीमा है. ऑर्डिनेंस इंडस्ट्री साइंस टेक्नोलॉजी ने 25 सितंबर, 2012 को लिओनिंग की कमीशनिंग की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक रिपोर्ट में कहा कि उन खामियों ने इसे भूमि-आधारित नकली वाहक प्रशिक्षण तक सीमित रखा है.





Users Today : 6
Users This Month : 93
Total Users : 233051
Views Today : 11
Views This Month : 148
Total views : 54010



