
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात करने का संज्ञान लेते हुए कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने और अलग-थलग कर दिया है। हालांकि, इस दौरान राष्ट्रपति बाइडन और पीएम मोदी के बीच बातचीत की जानकारी नहीं दी है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां पियरे ने मंगलवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम इस बात को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट हैं और हम यह बात दुनिया भर के देशों से कह रहे हैं कि वे (यूक्रेन पर रूस के हमले के बारे में) सार्वजनिक तौर पर बोलें और इसमें कूटनीतिक रूप से शामिल होना जारी रखें। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री (मोदी) यही कर रहे हैं।’
प्रेस सचिव ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच किसी हालिया वार्ता को लेकर उनके पास कुछ कहने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन प्रत्यक्ष रूप से पुतिन को लेकर की गई उनकी सार्वजनिक टिप्पणियां बहुत स्पष्ट हैं।’ पियरे ने कहा कि पुतिन को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने और अलग-थलग कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक संभावित परमाणु खतरे की बात है, तो हम इसके बारे में बहुत स्पष्ट हैं। हम हर परमाणु हथियार या परमाणु शक्ति के प्रदर्शन को बहुत गंभीरता से लेते हैं।’ पियरे ने कहा कि यूक्रेन अपनी संप्रभुता के लिए लड़ रहा है।
पीएम मोदी ने जेलेंस्की से कहा- यूक्रेन संकट का ‘सैन्य समाधान’ नहीं हो सकता
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से टेलीफोन पर बातचीत की और इस बात पर बल दिया कि यूक्रेन संकट का कोई ‘सैन्य समाधान’ नहीं हो सकता। उन्होंने यह रेखांकित भी किया कि परमाणु प्रतिष्ठानों को खतरे में डालने के दूरगामी और विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी और जेलेंस्की ने यूक्रेन में जारी युद्ध पर बातचीत की और इस दौरान एकबार फिर दोहराया कि वार्ता और कूटनीति के जरिए ही इसका समाधान निकल सकता है।





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