
इंडिगो एयरलाइन की मार्च में शुरू हुई भोपाल से चेन्नई की फ्लाइट कुछ हफ्तों बाद ही बंद कर दी गई। टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया की पुणे फ्लाइट भी कुछ महीने ही चली। अब सारे यात्री इंदौर जाकर विमान पकड़ रहे हैं। यात्रियों को मप्र के 4 बड़े शहरों भोपाल को छोड़कर अन्य सभी 3 इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर से कोलकाता के लिए सीधी फ्लाइट मिल जाएगी।
जब देश के सभी शहरों से हवाई यातायात तेजी से बढ़ रहा है, रायपुर में हवाई यात्रियों की संख्या 1 लाख पार पहुंच चुकी है, ऐसे में लगातार 3 महीने से भोपाल से हवाई यात्रियों की संख्या में कमी आ रही है। वजह है बार-बार एयरलाइंस कंपनियों का फ्लाइट बंद करना।
भोपाल-पुणे फ्लाइट हफ्ते में 4 दिन चल रही थी। मासिक यात्रियों की संख्या औसतन 2500 रही, यानी रोज 156 यात्री। एक 70 सीटर छोटा विमान बड़ी आसानी से चल सकता था, पर एलायंस एयर 180 सीटर विमान चला रही थी। जानकारों का कहना है कि यह रूट व्यावसायिक रूप से भी सफल रूट था। यह फ्लाइट भी मप्र के बाकी तीनों शहरों से सफलतापूर्वक चलाई जा रही है।
रोज 125 यात्रियों को बस से इंदौर जाना पड़ रहा
भोपाल-चेन्नई के बीच भी हवाई सफर करने वालों की संख्या रोज 80-90 थी। यह फ्लाइट कोच्चि को भी कनेक्ट करती थी। वहां के लिए भी रोज 20 से 30 यात्री मिल रहे थे, यानी इस रूट पर 110-120 यात्री आ-जा रहे थे। दूसरे शहरों से चल रहीं फ्लाइट के मुकाबले यह ज्यादा नुकसान में नहीं जा रही थी।
कंपनी ने ज्यादा मुनाफे वाले रूट पर इसे शिफ्ट कर दिया। अब भोपाल से रोज चेन्नई और पुणे की फ्लाइट पकड़ने के लिए 125 से ज्यादा लोगों को बस से इंदौर जाना पड़ता है। जबलपुर और ग्वालियर दोनों शहरों से पुणे की फ्लाइट भोपाल से कम यात्री होने के बाद भी चल रही हैं।
सरकार को बिल्कुल भी चिंता नहीं
भोपाल की एयर कनेक्टिविटी की चिंता सरकार को है ही नहीं। संभागीय कमिश्नर स्तर पर नियमित होने वाली बैठकें लंबे समय से बंद हैं। मप्र सरकार में विमानन विभाग है, फिर भी फ्लाइट घटती जा रही हैं।





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