
घर में चीजों का टूटना- फूटना आम बात है. जिन्हें हम कबाड़ के रूप में घर के किसी कोने में भी रख देते हैं. इसी तरह बहुत से लोग घर में मुर्गा व कुत्ते भी पालते हैं. पर हिंदू धर्म ग्रंथों की मानें तो घर में टूटी- फूटी चीजों के साथ इन पशुओं को रखना अशुभकारी होता है. इससे घर की सुख- शांति छिनने के साथ घर के किसी सदस्य की मृत्यु भी हो सकती है. महाभारत व वास्तु शास्त्र सहित कई ग्रंथ इसकी पुष्टि करते हैं.
घर में टूटी-फूटी चीज रखना सुख में भंग माना जाता है. फिर वह चीज कुर्सी, पलंग, बर्तन, दर्पण हो या साइकिल व स्कूटर जैसे वाहन. इन सबको अशुभ फल देने वाला माना गया है. इस संबंध में महाभारत में भी लिखा है कि
‘भिन्नभाण्डं च खट्वां च कुक्कुटं शुनकं तथा.
अप्रशस्तानि सर्वाणि यश्च वृक्षो गृहेरुह:..
भिन्नभाण्डे कलिं प्राहु: खट्वायां तु धनक्षय:.
कुक्कुटे शुनके चैव हविर्नाश्नन्ति देवता:..
वृक्षमूले धु्रवं सत्त्वं तस्माद् वृक्षं न रोपयेत् ‘
यानी घर में टूटे बर्तन, टूटी खाट, मुर्गा, कुत्ता च अश्वत्थादि पेड़ नहीं होने चाहिए. क्योंकि फूटे बर्तन में कलियुग का वास होता है और टूटी खाट रहने से घर में धन की हानि होती है. मुर्गे व कुत्ते के रहने पर देवता उस घर में हविष्य ग्रहण नहीं करते और मकान के अंदर बड़ा पेड़ होने पर उसकी जड़ में सांप, बिच्छु आदि जानवरों का रहना अनिवार्य हो जाता है.
ये कहता है वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र के अनुसार भी घर में टूट- फूट होना व टूटी- फूटी वस्तुओं का होना शुभ नहीं होता. शास्त्र के अनुसार यदि नए घर का द्वार टूट जाए तो उसमें स्त्रीसंज्ञक किसी वस्तु या का अथवा स्वयं स्त्री का नाश होता है. इसी तरह नए घर में यदि कोई वस्तु टूट, झुक या फट जाती है तो कुटुंबी की मृत्यु का योग होता है. इसी तरह घर में टूटे बर्तनों को कलियुग के वास के साथ दरिद्रता का सूचक, टूटा दर्पण घर में नकारात्मक उर्जा, टूटी घड़ी खराब समय, टूटा पलंग वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ माना जाता है. टूटा फर्नीचर, तस्वीर, वाहन आदि चीजें भी घर में नकारात्मक प्रभाव के साथ वास्तु दोष पैदा कर घर- परिवार की सुख शांति में बाधा डालने वाली मानी जाती है.
