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हिमाचल में अटल टनल पर सियासत:CM ने 5 दिन में सोनिया की शिलान्यास पटि्टका लगाने को कहा

हिमाचल प्रदेश में सरकार बदलते ही अटल टनल पर सियासत शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 5 दिन में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका लगाने के निर्देश दिए है। BJP अब सरकार पर गड़े मुर्दे उखाड़ने के आरोप लगा रही है। इसके बाद कांग्रेस-BJP आमने-सामने आ गई है।

गौरतलब है कि पूर्व भाजपा सरकार ने अटल टनल के बाहर लगी सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका हटा दी थी। इससे नाराज कांग्रेस जिला लाहौल स्पीति अध्यक्ष जियाचेन ठाकुर ने केलांग पुलिस को और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मनाली के अध्यक्ष हरि चंद शर्मा ने मनाली पुलिस को इस संबंध में FIR दर्ज कराई थी।

इसमें कहा गया कि अटल सुरंग की शिलान्यास 28 जून, 2010 को पूर्व डॉ. मनमोहन सरकार में सोनिया गांधी ने किया था और उद्घाटन के दिन शिलान्यास की पट्टिका हटा दी गई। सोनिया ने मनाली के धूंडी में रोहतांग सुरंग परियोजना की नींव रखी थी।

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3 जून को PM ने किया था उद्घाटन
10040 फीट की ऊंचाई पर विश्व की सबसे बड़ी अटल टनल का उद्घाटन 3 अक्टूबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किया था। तब टनल के दक्षिण पोर्टल या साइट पर कहीं भी सोनिया के शिलान्यास का पत्थर नहीं था। इसे लेकर कांग्रेस ने कई बार कुल्लू जिला मुख्यालय में भी प्रदर्शन किया था।

शिलान्यास और उद्घाटन पट्टिका हटाना अलोकतांत्रिक कांग्रेस का कहना है कि कायदे से किसी भी काम और उद्घाटन और शिलान्यास पट्टिका दोनों लगानी जरूरी होती है। सरकार बदलने पर न शिलान्यास और न उद्घाटन पट्टिका हटाई जा सकती है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अटल टनल की आधार शिला पट्टिका की पुनर्स्थापना का मामला संबंधित प्राधिकारी के समक्ष उठाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह पट्टिका सोनिया गांधी द्वारा बतौर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में स्थापित की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शिलान्यास पट्टिका गायब है, जो लोकतंत्र का अपमान है।

BRO ने किया टनल का निर्माण
जिला लाहौल-स्पीति को बारहमासी संपर्क सुविधा बहाल रखने के दृष्टिगत 9.02 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (‌BRO) द्वारा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर उनकी स्मृति में रोहतांग टनल का नामकरण अटल टनल से करने का निर्णय लिया था।

अटल टनल का खासियत
​​​​​​​अटल टनल मनाली लेह राजमार्ग रोहतांग दर्रे के नीचे बनाई गई है। यह किसी अजूबे से कम नहीं है। टनल अपनी विशेषताओं के लिए खास है। टनल में हर 500 मीटर पर आपातकाल सुरंग है, जो टनल के दोनों छोरों पर निकलती है।

प्रत्येक 150 मीटर पर आपातकाल 4जी सेवा, हर 60 मीटर पर CCTV और दोनों छोर पर पूरी टनल का कंट्रोल रूम है। यहां से हर किसी पर पैनी नजर रखी जाती है। इस टनल का निर्माण लगभग 3200 करोड़ रुपए खर्च करके किया गया है।

BJP बोली- ऐसे विवाद से बचना चाहिए
BJP के प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त ने कहा कि कांग्रेस की आदत गड़े मुर्दे उखाड़ने की है। सरकार को ऐसी चीजों से बचना चाहिए। इससे विवाद बढते है। हमारी भी कई जगह पट्टिका नहीं लगती।

सरकार का फैसला स्वागत योग्य: हरि चंद
ब्लाक कांग्रेस कमेटी मनाली के अध्यक्ष हरि चंद शर्मा ने बताया कि जब शिलान्यास पट्टिका हटाई गई थी, तो उन्होंने और कांग्रेस जिला लाहौल स्पीति के अध्यक्ष ने FIR दर्ज कराई थी। कई बार पट्टिका लगाने के लिए प्रदर्शन भी किए। अब मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका लगाने के निर्देश दिए है। यह स्वागत योग्य निर्णय है।

हिमाचल प्रदेश में सरकार बदलते ही अटल टनल पर सियासत शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 5 दिन में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका लगाने के निर्देश दिए है। BJP अब सरकार पर गड़े मुर्दे उखाड़ने के आरोप लगा रही है। इसके बाद कांग्रेस-BJP आमने-सामने आ गई है।

गौरतलब है कि पूर्व भाजपा सरकार ने अटल टनल के बाहर लगी सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका हटा दी थी। इससे नाराज कांग्रेस जिला लाहौल स्पीति अध्यक्ष जियाचेन ठाकुर ने केलांग पुलिस को और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मनाली के अध्यक्ष हरि चंद शर्मा ने मनाली पुलिस को इस संबंध में FIR दर्ज कराई थी।

इसमें कहा गया कि अटल सुरंग की शिलान्यास 28 जून, 2010 को पूर्व डॉ. मनमोहन सरकार में सोनिया गांधी ने किया था और उद्घाटन के दिन शिलान्यास की पट्टिका हटा दी गई। सोनिया ने मनाली के धूंडी में रोहतांग सुरंग परियोजना की नींव रखी थी।

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3 जून को PM ने किया था उद्घाटन
10040 फीट की ऊंचाई पर विश्व की सबसे बड़ी अटल टनल का उद्घाटन 3 अक्टूबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किया था। तब टनल के दक्षिण पोर्टल या साइट पर कहीं भी सोनिया के शिलान्यास का पत्थर नहीं था। इसे लेकर कांग्रेस ने कई बार कुल्लू जिला मुख्यालय में भी प्रदर्शन किया था।

शिलान्यास और उद्घाटन पट्टिका हटाना अलोकतांत्रिक कांग्रेस का कहना है कि कायदे से किसी भी काम और उद्घाटन और शिलान्यास पट्टिका दोनों लगानी जरूरी होती है। सरकार बदलने पर न शिलान्यास और न उद्घाटन पट्टिका हटाई जा सकती है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अटल टनल की आधार शिला पट्टिका की पुनर्स्थापना का मामला संबंधित प्राधिकारी के समक्ष उठाया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि यह पट्टिका सोनिया गांधी द्वारा बतौर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में स्थापित की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शिलान्यास पट्टिका गायब है, जो लोकतंत्र का अपमान है।

BRO ने किया टनल का निर्माण
जिला लाहौल-स्पीति को बारहमासी संपर्क सुविधा बहाल रखने के दृष्टिगत 9.02 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (‌BRO) द्वारा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर उनकी स्मृति में रोहतांग टनल का नामकरण अटल टनल से करने का निर्णय लिया था।

अटल टनल का खासियत
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अटल टनल मनाली लेह राजमार्ग रोहतांग दर्रे के नीचे बनाई गई है। यह किसी अजूबे से कम नहीं है। टनल अपनी विशेषताओं के लिए खास है। टनल में हर 500 मीटर पर आपातकाल सुरंग है, जो टनल के दोनों छोरों पर निकलती है।

प्रत्येक 150 मीटर पर आपातकाल 4जी सेवा, हर 60 मीटर पर CCTV और दोनों छोर पर पूरी टनल का कंट्रोल रूम है। यहां से हर किसी पर पैनी नजर रखी जाती है। इस टनल का निर्माण लगभग 3200 करोड़ रुपए खर्च करके किया गया है।

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BJP बोली- ऐसे विवाद से बचना चाहिए
BJP के प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त ने कहा कि कांग्रेस की आदत गड़े मुर्दे उखाड़ने की है। सरकार को ऐसी चीजों से बचना चाहिए। इससे विवाद बढते है। हमारी भी कई जगह पट्टिका नहीं लगती।

सरकार का फैसला स्वागत योग्य: हरि चंद
ब्लाक कांग्रेस कमेटी मनाली के अध्यक्ष हरि चंद शर्मा ने बताया कि जब शिलान्यास पट्टिका हटाई गई थी, तो उन्होंने और कांग्रेस जिला लाहौल स्पीति के अध्यक्ष ने FIR दर्ज कराई थी। कई बार पट्टिका लगाने के लिए प्रदर्शन भी किए। अब मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका लगाने के निर्देश दिए है। यह स्वागत योग्य निर्णय है।

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