
रामायण में श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता के अलावा हनुमान जी जैसे कई वीर योद्धाओं का वर्णन मिलता है. रामायण में वानरराज बाली और सुग्रीव का भी जिक्र मिलता है, जो दोनों भाई थे. बाली व सुग्रीव दोनों भाइयों के बीच खूब स्नेह व असीम प्रेम था, परंतु एक गलतफहमी के कारण दोनों के बीच दुश्मनी हो गई. जिस कारण सुग्रीव एक पर्वत पर रहने लगे थे. लेकिन बलशाली होने के बावजूद बाली उस पर्वत पर जाने से डरता था.
बलशाली बाली की कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार, बाली बेहद ही शक्तिशाली व पराक्रमी वानर योद्धा था. एक समय दुंदुभी नाम का असुर बाली से युद्ध करने के लिए पहुंच गया. दोनों के बीच मलयुद्ध शुरू हुआ और बाली ने दुंदुभी का वध कर दिया. इसके बाद बाली ने उसके शरीर को कई किलोमीटर दूर फेंक दिया. जिस कारण उसके शरीर के रक्त की कुछ बूंदें मतंग ऋषि के आश्रम में गिर गईं. इससे मतंग ऋषि बहुत क्रोधित हुए.





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