कैसा हो आपका पूजा घर, जानने के लिए 8 चीजें पढ़ें जो आप का भाग्य बदल सकती हैं
घर में भगवान का मंदिर या पूजा स्थल बनाना बहुत जरूरी है
घर में भगवान का मंदिर या पूजा स्थल बनाना बहुत जरूरी है। पूजा कक्ष होने से घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रहता है। ऐसा माना जाता है कि पूजा घर होने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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तीन महीने से अधिक समय तक अपने घर को खाली न छोड़ें।
तीन महीने से अधिक समय तक अपने घर को खाली न छोड़ें। अपने घर का स्टॉक कभी भी खाली न छोड़ें। अगर आपको कहीं जाना है तो पूजा हॉल में कभी भी ताला लगाकर न जाएं।
अगर घर सालों से खाली पड़ा है तो ऐसे घर का इस्तेमाल वास्तु शांति के बाद करें।
वास्तु के अनुसार घर का मंदिर किचन में नहीं होना चाहिए।
पूजा कक्ष में कभी भी भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति खड़ी न रखें। पूजा स्थल अंधेरे में नहीं होना चाहिए।
उत्तरऔरपूर्व के कोने मै ईशान कोण में पूजा घर
उत्तरऔरपूर्व के कोने मै ईशान कोण में पूजा घर होने से घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। सीढ़ियों के नीचे मंदिर नहीं बनाना चाहिए।
इसे फ्रेस होने वाली जगह या स्नानगार के बगल में नहीं बनाया जाना चाहिए। शयन कक्ष में भी मंदिर नहीं होना चाहिए। बेसमेंट भी पूजा हॉल के लिए उपयुक्त नहीं है।
यदि मंदिर लकड़ी का है तो उसे घर की दीवार से सटाकर न रखें। पूजा के घर में देवताओं की नजर एक-दूसरे पर नहीं पड़नी चाहिए।
पूजा घर में गुम्बद, कलश नहीं बनवाना चाहिए
पूजा घर में गुम्बद, कलश नहीं बनवाना चाहिए। मंदिर के नीचे पूजा सामग्री, धार्मिक पुस्तकें रखनी चाहिए। मंदिर में रखी भगवान की मूर्तियों का मुख किसी वस्तु से नहीं ढकना चाहिए। एक घर में कई मंदिर न बनाएं। घर में जिस तरफ मंदिर बना हो, उस तरफ पैर रखकर नहीं सोना चाहिए।
पूजा स्थल में चांदी से बना स्वास्तिक चिन्ह जरुर लगाए पूजा स्थल जागर्त हों जाएगा
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पंडित मनु मिश्रा ज्योतिष आचार्य सिद्धि रत्न एवं ज्योतिष