जाने चार धाम और उनके अदभुत रहस्य
श्रम वीर भारत न्यूज़/एस्ट्रोलॉजी धर्म/टुडे1 अगस्त 2021
ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है कि चारधाम में कौन से स्थान आते हैं
ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है कि चारधाम में कौन से स्थान आते हैं और छोटी चारधाम यात्रा का क्या महत्व है। कुछ लोग यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ यात्रा को चार धाम का तीर्थ मानते हैं, लेकिन यह यात्रा केवल एक धाम की है। इन धामों की यात्रा को छोटा चार धाम कहा जाता है। लेकिन इनका भी बहुत महत्व है, तो जानिए छोटे चार धाम का क्या महत्व है और कौन से स्थान चार धाम के अंतर्गत आते हैं।
छोटे चार धाम का महत्व
बद्रीनाथ जहां भगवान विष्णु का निवास है, वहीं केदारनाथ शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थान शंकर जी का विश्राम स्थल माना जाता है। जहां यमुना का उद्गम स्थल युमनोत्री और गंगा का उद्गम गंगोत्री है, इस कारण इन स्थानों के भ्रमण का विशेष महत्व माना गया है। उत्तर भारत में हिमालय की गोद में स्थित होने के कारण इन स्थानों का और भी अधिक महत्व माना गया है। इन स्थानों को बहुत पवित्र माना जाता है। जानिए चार धामों के बारे में…
बद्रीनाथ हिमालय पर्वत की चोटी पर स्थित है,
बद्रीनाथ हिमालय पर्वत की चोटी पर स्थित है, यह हिंदू धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। बद्रीनाथ में चतुर्भुज रूप में शालाग्रामशिला से बनी एक मूर्ति है जिसमें भगवान बद्री ध्यान मुद्रा में हैं। मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु छह महीने सोते हैं और छह महीने जागते हैं।
बद्रीनाथ को अंत्वा बैकुंठ के नाम से भी जाना जाता है।
बद्रीनाथ को अंत्वा बैकुंठ के नाम से भी जाना जाता है। यहां विष्णु को नर-नारायण के देवता के रूप में पूजा जाता है। यहां अखंड ज्योति जलती है। पवित्र अलकनंदा नदी भी यहाँ बहती है। माना जाता है कि इस धाम की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी। बद्रीनाथ से पहले केदारनाथ के दर्शन करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि यहां के दर्शन करने से मनुष्य जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है।
जगन्नाथ पुरी भारत के ओडिशा में समुद्र तट पर स्थित है
जगन्नाथ पुरी भारत के ओडिशा में समुद्र तट पर स्थित है, इस धाम को चार धामों में से एक भी माना जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु के कृष्ण अवतार को समर्पित है। इसकी छटा बहुत ही अद्भुत और मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय का है। जगन्नाथ का अर्थ है पूरे विश्व का स्वामी। इस मंदिर को सात पवित्र पुरियों में भी शामिल किया गया है। यहां हर साल एक विशाल जगन्नाथ रथ यात्रा होती है। जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा अपने भव्य रथों पर विराजमान हैं।
रामेश्वरम, हिंदुओं का पवित्र निवास, तमिलनाडु के रामनाथपुरम में समुद्र के किनारे स्थित है।
रामेश्वरम, हिंदुओं का पवित्र निवास, तमिलनाडु के रामनाथपुरम में समुद्र के किनारे स्थित है। यह एक शंख के आकार का द्वीप है। यह स्थान चारों ओर से हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है। इसकी छटा निराली है। रामेश्वरम भी शिव के बारहवें ज्योतिर्लिंग में से एक है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। कहा जाता है कि यहीं से भगवान राम ने एक पत्थर का पुल भी बनवाया था। उत्तर भारत में केदारनाथ और काशी का जो महत्व माना जाता है, वह दक्षिण में रामेश्वरम का है।
ऐसा कहा जाता है कि द्वारका को भगवान कृष्ण ने बसाया था।
ऐसा कहा जाता है कि द्वारका को भगवान कृष्ण ने बसाया था। यह स्थान गुजरात राज्य के पश्चिमी सिरे पर समुद्र के किनारे स्थित है। यह चार धामों में से एक होने के साथ-साथ सात पवित्र पूरियों में भी शामिल है। यहां दो स्थान हैं जिनमें से एक को बेट द्वारका और दूसरे को गोमती द्वारका कहा जाता है। द्वारका के दक्षिण में गोमती नाम का एक कुंड है। इस तालाब पर नौ घाट हैं। निस्पाप नाम का एक तालाब भी है, जिसमें गोमती नदी का पानी भरा जाता है।
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