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Sehore: शादी का झांसा देकर दो बहनों की लूटता रहा अस्मत, पता चला तो एक बहन ने दे दी थी जान, दोषी को 20 साल कैद
सीहोर में दो बहनों को प्रेमजाल में फंसाकर दुष्कर्म करने वाले युवक को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। एक बहन ने धोखा मिलने के बाद सुसाइड कर लिया था। तब मामला पुलिस तक पहुंचा था।

मध्यप्रदेश के सीहोर में एक युवक विवाह का झांसा देकर दो चचेरी बहनों की अस्मत लूटता रहा। जब बहनों को पता चला कि जिसे वो अपना प्रेमी कहती हैं, वो दोनों का शोषण कर रहा है। आमना-सामना होने पर युवक दोनों बहनों से प्यार की बात पर मुकर गया। गम में एक बहन ने कुएं में कूद कर जान दे दी थी। कोर्ट ने मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल सश्रम के कारावास और तीन हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
मीडिया सेल प्रभारी केदार सिंह कौरव ने बताया कि एक बहन ने बताया था कि उसकी उम्र 14 वर्ष है और उसके चाचा की लड़की की उम्र 15 वर्ष थी, जो पास-पास रहती थीं। दोनों बहनें दूर के रिश्तेदार युवक से प्यार करती थीं। 14 वर्षीय बहन ने बताया कि 16 जुलाई 2019 को आरोपी युवक उसे शादी का झांसा देकर अपनी बाइक से काला पहाड़ लेकर गया और वहीं पर उसके साथ दुष्कृत्य किया। पीड़िता ने यह भी कहा कि आरोपी ने उसके साथ एक से अधिक बार दुष्कृत्य किया था। जब पीडि़ता ने यह बात अपनी चचेरी बहन को बताई, तब पता चला कि वह भी उसी युवक के प्रेम में है। उसने मेरे साथ भी कई बार दुष्कर्म किया है। जब 15 वर्षीय बहन को प्रेमी के धोखे का पता चला तो उसने कुएं में कूदकर जान दे दी।
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दरअसल 23 अक्टूबर 2019 को दोनों बहनों ने आरोपी युवक से पूछाना चाहा कि वो किससे प्रेम करता है। वे दोनों पोल्ट्री फार्म पर पहुंचीं और उन्होंने आरोपी को भी वहीं बुलाया। वहां आरोपी दोनों बहनों को साथ देख चौंक गया और दोनों से ही प्रेम नहीं करने की बात कही। इसके बाद युवक चला गया। दोनों बहनें भी घर जाने लगीं। रास्ते में एक कुआं पड़ने पर 15 वर्षीय किशोरी ने उसमें छलांग लगा दी थी। इसके बाद छोटी बहन पुलिस के पास पहुंची और सारी बता बताई। मामले में थाना कोतवाली में रिपोर्ट लेख की गई, जांच व अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता एवं उसके परिजन ने घटना का समर्थन किया और घटना दिनांक को पीड़िता की उम्र 16 वर्ष से कम होना अभियोजन द्वारा प्रमाणित किया गया। न्यायालय द्वारा अंतिम बहस के दौरान अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए 21 वर्षीय युवक को दोष सिद्ध पाते हुए 20 साल के कारावास और तीन हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।





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