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'दिग्विजय सिंह के घर से शुरू हुई गद्दारी, जनता को जमेगी सिंधिया-शिवराज की जोड़ी'

भोपाल. विधानसभा उपचुनाव (Assembly By-Election) से पहले मध्य प्रदेश में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच सियासी उठापटक फिर शुरू हो गई है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए दल-बदल करने वाले 22 विधायकों को वोट न देने की अपील की है. इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक और बीजेपी सरकार में खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि गद्दारी की शुरुआत दिग्विजय सिंह के परिवार से हुई है. संकट के समय में दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ा था. अगर वह गद्दार नहीं तो हम भी गद्दार नहीं हैं. अगर वह गद्दार हैं तो हम भी गद्दार हैं.
पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर हुए पोस्टर विवाद पर गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि यह पूरी तरह से मूर्खतापूर्ण है. जब लॉकडॉउन के दौरान प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और दूसरे नेता भी बाहर नहीं निकल रहे हैं, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया क्षेत्र में कैसे जा सकते हैं? सिंधिया दिल्ली में कम और क्षेत्र में आम जनता के बीच ज्यादा घूमते रहते हैं. भारतीय जनता पार्टी में वैसे तो हर एक कार्यकर्ता बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन इस बार उपचुनाव में दो चेहरे हैं. एक सिंधिया और दूसरे शिवराज सिंह चौहान जो घर पर नहीं बैठते हैं. जो दिन-रात जनता की बीच में रहते हैं जनता की सेवा करते हैं. दोनों चेहरों पर चुनाव होगा और दोनों की जोड़ी प्रदेश की जनता को खूब जमेगी.
बयानबाजी शुरू
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह फेसबुक पोस्ट पर खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जब दिग्विजय सिंह के भाई सगे भाई लक्ष्मण सिंह कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए थे] तब वह बहुत वफादार थे, तब वह गद्दार नहीं थे. गद्दार की परिभाषा की शुरुआत तो दिग्विजय सिंह के घर से ही शुरू हुई है. लक्ष्मण सिंह उस समय गए थे, जब कांग्रेस का सबसे खराब समय था. जब दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए थे. मुख्यमंत्री पद से हट चुके थे. कांग्रेस के मात्र 38 विधायक चुनकर आए थे. उस खराब समय में भी दिग्विजय सिंह के भाई भाजपा में गए थे, तो गद्दारी की शुरुआत यहीं से हुई. अगर वह गद्दार नहीं थे, तो हमलोग गद्दार नहीं हैं.
दिग्विजय सिंह की पोस्ट पर बवाल
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अपनी फेसबुक पर पोस्ट की है जिसमें लिखा है कि इन विधायकों के क्षेत्र की जनता से अपील है. चाहे आप कांग्रेस समर्थक हों या बीजेपी के इन दलबदल करने वाले 22 विधायकों का हराना देश के लोकतंत्र के लिए जरूरी है, क्योंकि अगर यह जीत गए तो यह परंपरा हर पार्टी में चल पड़ेगी. जनता चुनाव में वोट दे या न दे, लेकिन विधायक खरीदो और सरकार बनाओ. राजनीतिक पार्टियां जनता के दरवाजे पर जाने के बदले विधायक खरीदना ज्यादा आसान काम मानेगी और जनता के वोट की अहमियत खत्म हो जाएगी.
 
Manu Mishra 1 shramveerbharat news
Author: Manu Mishra 1 shramveerbharat news

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