
भोपाल.मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान श्रमिकों के मुद्दे पर आमने-सामने आ गए हैं. दोनों दिग्गजों के सोशल मीडिया ऑफिस आपस में भिड़ गए हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने पूर्व सीएम कमलनाथ के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो का बड़े ही तल्ख अंदाज में जवाब दिया है.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने सोशल मीडिया स्टेटस पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक बड़े-बड़े दावे कर रही है कि प्रवासी मजदूरों गरीबों की घर वापसी के लिए विशेष ट्रेन चलाई जा रही है. उसका उनसे कोई किराया नहीं लिया जा रहा. जबकि सच्चाई इसके विपरीत है. ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जिसमें टिकट के पैसों की वसूली की गई है. अब प्रदेश में टिकट वसूली का दूसरा तरीका ढूंढ़ लिया गया है. भोपाल में टिकट के पैसे वसूल कर टोकन दिया जा रहा है. हद है बेशर्मी की. यह इनकी वास्तविकता है.’
सीएम शिवराज का जवाब
पूर्व सीएम कमलनाथ के ट्विटर हैंडल से पोस्ट किए गए इस वीडियो का ऑफिस ऑफ शिवराज ने जवाब दिया. शिवराज ने अपने जवाब में लिखा, ‘कमलनाथ जी के कार्यालय को हम सूचित करना चाहते हैं कि यह वीडियो अर्ध सत्य है. कृपया अपनी जानकारी दुरुस्त करें. आपने जो वीडियो डाला है वह प्रदेश के श्रमिक का नहीं है. यह प्रदेश से किसी और राज्य में जाने वाले श्रमिक बंधु का है. इनसे किराया लेना है या नहीं वह उस प्रदेश की सरकार को तय करना है. प्रवासी श्रमिकों के आवागमन और अन्य जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हर राज्य की अपनी अलग पॉलिसी है. इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार अगर कुछ करती है तो वो राज्यों की पॉलिसी में हस्तक्षेप करना होगा. जो अनुचित है.’
पूर्व सीएम कमलनाथ के ट्विटर हैंडल से पोस्ट किए गए इस वीडियो का ऑफिस ऑफ शिवराज ने जवाब दिया. शिवराज ने अपने जवाब में लिखा, ‘कमलनाथ जी के कार्यालय को हम सूचित करना चाहते हैं कि यह वीडियो अर्ध सत्य है. कृपया अपनी जानकारी दुरुस्त करें. आपने जो वीडियो डाला है वह प्रदेश के श्रमिक का नहीं है. यह प्रदेश से किसी और राज्य में जाने वाले श्रमिक बंधु का है. इनसे किराया लेना है या नहीं वह उस प्रदेश की सरकार को तय करना है. प्रवासी श्रमिकों के आवागमन और अन्य जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हर राज्य की अपनी अलग पॉलिसी है. इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार अगर कुछ करती है तो वो राज्यों की पॉलिसी में हस्तक्षेप करना होगा. जो अनुचित है.’
कांग्रेस लगातार लगा रही आरोप?
मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि श्रमिकों को वापस लाने और उन्हें उनके प्रदेश में भेजने की व्यवस्था की जा रही है. अब तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा श्रमिकों को मध्य प्रदेश में वापस लाया गया है. करीब 119 ट्रेनों के जरिए यह मजदूर अलग-अलग प्रदेशों से उनके घरों तक भेजे गए हैं. शुरुआती दौर में यह बातें सामने आई थी कि मजदूरों से ट्रेन का किराया वसूला जा रहा है, लेकिन इसके बाद सरकार ने यह तय किया था कि मध्य प्रदेश के किसी भी मजदूर से ट्रेन का किराया राज्य सरकार नहीं वसूलेगी. हालांकि, कांग्रेस किराया वसूल करने के आरोप लगाती रही है.
मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि श्रमिकों को वापस लाने और उन्हें उनके प्रदेश में भेजने की व्यवस्था की जा रही है. अब तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा श्रमिकों को मध्य प्रदेश में वापस लाया गया है. करीब 119 ट्रेनों के जरिए यह मजदूर अलग-अलग प्रदेशों से उनके घरों तक भेजे गए हैं. शुरुआती दौर में यह बातें सामने आई थी कि मजदूरों से ट्रेन का किराया वसूला जा रहा है, लेकिन इसके बाद सरकार ने यह तय किया था कि मध्य प्रदेश के किसी भी मजदूर से ट्रेन का किराया राज्य सरकार नहीं वसूलेगी. हालांकि, कांग्रेस किराया वसूल करने के आरोप लगाती रही है.





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