नई दिल्ली । भारतीय रेलवे 37 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए अब तक 2813 श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों का संचालन कर चुका है। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि एक मई से आज तक देशभर में कुल 2813 श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई जा चुकी है। इनमें लगभग 60 प्रतिशत ट्रेनें गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब से उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए प्रमुख रूप से तय की गईं।
उन्होंने कहा कि कुल श्रमिक गाड़ियों का 80 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न गंतव्यों (1301 यूपी और बिहार से 973) के लिए निर्धारित हैं। यूपी के अधिकांश गंतव्य लखनऊ — गोरखपुर सेक्टर और बिहार में पटना के आसपास हैं। रेलगाड़ियों को परिवर्तित मार्ग से चलाए जाने के संबंध में उन्होंने बताया कि कल से चलने वाली 565 रेलगाड़ियों में से 266 बिहार और 172 उत्तर प्रदेश जा रही थीं। उन्होंने कहा कि ट्रेनों की अधिकता और यात्रियों को ट्रेन से उतरने के समय सोशल डिस्टेंसिंग सहित तमाम प्रोटोकॉल का पालन करने के कारण रेलवे स्टेशनों पर भीड़-भाड़ की स्थिति से बचने के लिए कुछ ट्रेनों को मथुरा और झारसुगुड़ा के रास्ते चलाया गया। इसके अलावा, भारी यातायात वाले मार्गों पर भीड़ से बचने के लिए आदेश जारी किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे बोर्ड स्तर, क्षेत्रीय रेलवे स्तर और मंडल स्तर पर चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ट्रेनों को देरी न हो। श्रमिक ट्रेनों के समय पर चलने को सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन चलाने वाले कर्मचारियों को भी संवेदनशील बनाया गया है। इन प्रयासों के साथ, भीड़ की स्थिति में काफी कमी आई है और ट्रेनों की गतिशीलता में काफी सुधार हुआ है। पूर्व की ओर जाने वाली ट्रेनों में वृद्धि के कारण नेटवर्क की भीड़ के कारण ट्रेनें विलंबित हो गईं और इससे भोजन वितरण कार्यक्रम प्रभावित हुआ। आईआरसीटीसी और रेलवे ने श्रमिक ट्रेनों में भोजन और पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने और यात्रियों को असुविधा को कम करने के लिए संसाधन जुटाए हैं।






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