
रायपुर. गुजरात (Gujrat) की राजधानी गांधीनगर से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur) लौटे 81 प्रवासी मजदूरों (Migrant Labours) ने आरोप लगाया है कि उनसे उनकी नियोक्ता कंपनी ने वापसी की यात्रा के लिए पैसे लिये हैं. ये सभी प्रवासी मजदूर एक स्पेशल ट्रेन से इसी सप्ताह वापस लौटे थे. दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब क्वारंटाइन सेंटरों में रुके इन मजदूरों का एक बयान रिकॉर्ड किया गया. इस संबंध में राज्य सरकार ने एक बयान जारी किया है. इस बयान में जानकारी दी गयी है कि जिला कलेक्टर को इन आरोपों की जांच करने का आदेश दिया गया था. इस संबंध में एक रिपोर्ट संबंधित अधिकारी ने स्टेट लेबर डिपार्टमेंट के सचिव को भेजी है.जानकारी मिली है कि गांधीनगर में छह ईंट भट्ठा मालिकों और उनके एकाउंटेंट ने अवैध रूप से ट्रेन टिकटों के भुगतान के बहाने अपने यहां काम करने वाले 71 मजदूरों से 52,950 रुपये लिए हैं. लिटिया गांव के एक श्रमिक जोगेन्द्र साई ने कहा कि उन्होंने और 10 अन्य श्रमिकों ने 8,250 रुपये का भुगतान किया है.
रेलवे को प्रदेश सरकार ने किया 1 करोड़ से ज्यादा का भुगतान
अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ सरकार ने 37 ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की अनुमति दी है. ये सभी मजदूर कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से देश के कई राज्यों में फंसे हुये थे. राज्य में 11 मई से लेकर शनिवार तक आठ श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बड़ी संख्या में श्रमिक वापस पहुंचे हैं. अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार ने अब तक रेलवे को इसके लिये 1.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया है
अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ सरकार ने 37 ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की अनुमति दी है. ये सभी मजदूर कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से देश के कई राज्यों में फंसे हुये थे. राज्य में 11 मई से लेकर शनिवार तक आठ श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बड़ी संख्या में श्रमिक वापस पहुंचे हैं. अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार ने अब तक रेलवे को इसके लिये 1.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया है





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