लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस द्वारा प्रदेश में एक हजार बसें भेजने की अनुमति मांगने सहित प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे को लेकर की जा रही सियासत पर निशाना साधा है।
उन्होंने रविवार रात कहा कि इस वैश्विक महामारी के समय में कांग्रेस पार्टी द्वारा की जा रही नकारात्मक एवं कुटिल राजनीति की निन्दा होनी चाहिए। औरैया में प्रवासी श्रमिकों की मृत्यु के लिये जिम्मेदार एक ट्रक पंजाब से तथा दूसरा राजस्थान से आया था।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में अगर कोई संस्था अथवा दल सहयोग देने में रुचि लेना चाहता है तथा प्रदेश सरकार को सूची (प्रवासी श्रमिकों एवं साधनों की) भेजेंगी तो उन्हें अवश्य अनुमति मिलेगी, उसका स्वागत भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान, पंजाब अथवा जो भी राज्य सरकार प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की सूची उत्तर प्रदेश सरकार को उपलब्ध करवा रही है, उस राज्य से उनकी सुरक्षित एवं सम्मानजनक वापसी के लिये श्रमिक एक्सप्रेस तथा अन्य सुरक्षित साधन लगाये गये हैं।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने 12,000 यूपीएसआरटीसी की बसों को तथा प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी के निवर्तन पर 200 अतिरिक्त बसें प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की सेवा में लगाई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार इस विश्वव्यापी कोरोना संकट के समय अपने प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की सकुशल एवं सम्मानजनक वापसी पूरी प्रतिबद्धता से कर रही है। अब तक भारत सरकार के सहयोग से 14,00,000 से अधिक प्रवासी कामगार, श्रमिक सुरक्षित उत्तर प्रदेश में आये हैं।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने रविवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो अपलोड कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि मैं आपसे निवेदन कर रही हूं, ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को इजाजत दीजिए।
वहीं इस पर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि ज्यादातर प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र और पंजाब जैसे कांग्रेस शासित राज्यों से आ रहे हैं। प्रियंका गांधी को ये बसें उन राज्यों में भेजनी चाहिए। वह इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर के वहां से मजदूरों को बस से उत्तर प्रदेश भेजें।