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विश्व हाइपरटेंशन दिवस: हर चार में से एक व्यक्ति को होता है हाइपरटेंशन

नई दिल्ली | कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच में ऐसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिससे लोगों का ध्यान पूरी तरह से हट गया है लेकिन यह स्वास्थ्य समस्याएं हर साल लाखों लोगों की जान लेती हैं। ऐसी ही एक मेडिकल कंडीशन हाइपरटेंशन है जिसके बारे में सही समय पर अगर ध्यान ना दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। इतना ही नहीं, हर 4 में से एक व्यक्ति को हाइपरटेंशन की समस्या होती है लेकिन उन्हें ना तो उसके लक्षण के बारे में पता होता है और ना ही वह इसके प्रति सतर्क रहते हैं। आइए विश्व हाइपरटेंशन दिवस 2020 पर हाइपरटेंशन से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में जानते हैं।
 पहले जानें क्या है हाइपरटेंशन?
हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेल और अंधेपन के जोखिम को बढ़ाती है। यह दुनिया भर में समय से पूर्व होने वाली मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। WHO के मुताबिक दुनियाभर में 1.13 बिलियन लोगों को हाइपरटेंशन है। हाइपरटेंशन के मुख्य कारण में खराब खान-पान, व्यायाम न करना, शराब और तंबाकू का सेवन करना माना जाता है।
 
विश्व हाइपरटेंशन दिवस को इसलिए मनाया जाता है ताकि पूरी दुनिया के लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके। इस बार विश्व हाइपरटेंशन दिवस पर इसकी थीम, “मीजर योर बल्ड प्रेशर, कंट्रोल इट और लिव लॉन्गर ( Measure your blood pressure, control it and live longer)” है। इसका मतलब यह है कि अपने ब्लड प्रेशर को चेक करिए, इसे कंट्रोल करिए और लंबे समय तक जीवित रहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर चार में से एक पुरुष और हर पांच में से एक महिला को हाइपरटेंशन की समस्या होती है। फिर भी लोग इसको नजरअंदाज करते हैं। हाइपरटेंशन से जुड़ी कुछ खास जानकारी के बारे में आपको आगे बताया जा रहा है।

हाइपरटेंशन के कारण इस तरह होती हैं मौतें
हाइपरटेंशन के कारण कई प्रकार की मेडिकल कंडीशन भी पनपने लगती है जिसके कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है। नीचे ऐसी ही कुछ मेडिकल कंडीशन के बारे में बताया जा रहा है जिनका खतरा हाइपरटेंशन की वजह से बढ़ जाता है…
हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
स्ट्रोक आ सकते हैं।
किडनी फेल हो सकती है।
अंधेपन का खतरा बढ़ जाता है।
इसके लक्षण क्या हैं?
भयानक सिरदर्द।
थकान या भ्रम।
देखने में समस्या महसूस होना।
सीने में दर्द।
सांस लेने मे तकलीफ होना।
अनियमित रूप से दिल की बढ़ने वाली धड़कन।
यूरिन में ब्लड दिखना
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