
नई दिल्ली । भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 16 मई के आसपास आने की संभावना है। इससे 15 मई तक बंगाल की दक्षिण खाड़ी के मध्य भागों में एक अवसाद बनेगा और 16 मई की शाम तक दक्षिण‑पश्चिम और उससे सटे पश्चिम‑मध्य खाड़ी में एक चक्रवाती तूफान में तेजी आ सकती है।
आईएमडी ने कहा कि सिस्टम (चक्रवात) के साथ स्थिति दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीपों पर 16 मई के आसपास दक्षिण‑पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के अनुकूल हो जाएगा। इसके प्रभाव से 15 मई से दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान सागर पर प्रतिकूल मौसम की संभावना है। चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि प्रणाली निरंतर निगरानी में है और संबंधित राज्य सरकारों को नियमित रूप से सूचित किया जा रहा है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात मानसून की प्रगति में मदद करेगा, जो इस साल सामान्य रहने की संभावना है। केरल में मॉनसून की शुरुआत की तारीख एक जून है, जो देश में चार महीने लंबे वर्षा के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है।
महापात्र ने कहा कि इस वर्ष से आईएमडी ने 1960–2019 के आंकड़ों पर देशभर के कई हिस्सों के लिए मानसून की शुरुआत और वापसी की तारीखों को भी संशोधित किया है। पिछली तारीखें 1901 से 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में, मानसून मौजूदा सामान्य तिथियों की तुलना में 3–7 दिनों की देरी से आएगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लिए, मानसून की नई सामान्य शुरुआत की तारीख 23 जून से 27 जून तक संशोधित की गई है। इसी तरह, मुंबई और कोलकाता के लिए 10 से 11 जून तक और चेन्नई में 1 से 4 जून तक की तारीखों को संशोधित किया गया है।





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