Breaking News
[the_ad id='4127']
[the_ad id="4127"]

चमगादड़ों में होते हैं घातक वायरस, जो फैलाते हैं इबोला, सार्स और कोरोना जैसी महामारियां

नई दिल्‍ली । कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति और सवालों के बीच इसके वाहक बने चमगादड़ों पर कई देशों में रिसर्च चल रही है। चीन में ऐसी ही रिसर्च जनवरी में उस वक्‍त की गई थी, जब वुहान समेत पूरे देश में कोरोना वायरस के मामले हजारों में पहुंच चुके थे। यह  खोज यूनान प्रांत में मौजूद चूना पत्‍थर की गुफाओं में की गई थी। इस खोज को अमेरिका की गैर लाभकारी संस्‍था इको-हेल्‍थ एलाइंस ने अंजाम दिया था। इस रिसर्च के दौरान वैज्ञानिक यहां से चमगादड़ों के जालों, थूक और खून समेत कई तरह के नमूने एकत्रित किए। इस दौरान वैज्ञानिकों का दल विशेष सुरक्षा सूट पहने हुए था। आपको बता दें कि इको-हेल्थ एलाइंस नए घातक वायरसों की पहचान करने और बचाव करने में मदद करता है। इको-हेल्‍थ एलांइस के अध्‍यक्ष और वैज्ञानिक पीटर दासजाक इससे पहले भी इस तरह की खोज कर चुके हैं।
आपको बता दें कि पूरी दुनिया में चमगादड़ों से सृजित करीब 500 घातक वायरस खोजे जा चुके हैं। वर्ष 2003 और वर्ष 2004 में भी इस तरह के घातक वायरस की खोज की गई थी। वैज्ञानिकों का कहना है कि अब तक खोजे गए घातक वायरस और दुनिया के लिए समस्‍या बना नोवेल कोरोना वायरस इनसे करीब 96 फीसदी तक मेल खाता है। खुद पीटर ही बीते 10 वर्षों में 20 से ज्यादा देशों में खतरनाक वायरस की खोज कर चुके हैं। इन वैज्ञानिकों के लिए खोज का माध्‍यम केवल चमगादड़ ही नहीं बनते हैं बल्कि दूसरे जानवर भी होते हैं। जहां तक चमगादड़ों की बात है तो आपको यहां पर यह भी बता देते हैं कि अब तक हुई रिसर्च में यह बात काफी सामने आई है कि चमगादड़ों के जरिए ही यह वायरस पहले चीन में और फिर पूरी दुनिया में फैला है।
आस्‍ट्रेलिया में चमगादड़ों की सबसे बड़ी गुफा है जहां पर लाखों चमगादड़ पाए जाते हैं। इन पर शोध करने वालों के लिए आस्‍ट्रेलिया की यह गुफा काफी बड़ी सुविधा भी है। गौरतलब है कि चीन के वैज्ञानिक और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के प्रमुख वैज्ञानिक शी जेंगली ने चमगादड़ों से मिलने वाले वायरस पर काफी समय तक शोध किया है। लांसेट जर्नल में छपे रिसर्च पेपर में उन्‍होंने लिखा था कि अपने शोध के लिए उन्‍होंने चमगादड़ों का जो मल एकत्रित किया था उसमें नोवेल कोरोना वायरस के मिलने की पुष्टि हुई थी। उन्‍होंने यह खोज वर्ष 2013 में की थी। नवंबर-दिसंबर के दौरान जब यह बीमारी चीन में फैल रही थी तब इस वायरस का पहले से मौजूद वायरस से मिलान किया गया था। उस वक्‍त इन दोनों में 96 फीसद मेल सामने आया था।
वैज्ञानिक मानते हैं कि कोरोना वायरस का केवल चमगादड़ ही संवाहक नहीं रहा होगा। जो भी जानवर इनके संपर्क में आया होगा वही इसका वाहक बन गया होगा। इनमें बिल्ली, ऊंट, पैंगोलिन और दूसरे स्तनपायी जानवार हो सकते हैं। ये जानवर इंसानों के आसपास ही होते हैं। इस वजह से ये वायरस इंसानों के संपर्क में आया होगा और फिर एक के बाद एक लोग इससे प्रभावित होते गए होंगे। चमगादड़ों में बड़ी संख्या में घातक वायरस होते हैं जो इबोला, सार्स और कोविड-19 जैसी महामारियों का कारण बनते हैं।
See also  अजमेर के हिस्ट्रीशीटर का विवादित बयान:नूपुर शर्मा को मारने वाले को घर देने का ऑफर, केस दर्ज होते ही फरार हो गया By manu Mishra 6July 2022 हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती का विवादित बयान सामने आया है। इसमें खुलेआम नूपुर शर्मा को मारने की धमकी दे रहा है। मारने वाले को इनाम के तौर पर घर देने का भी ऐलान किया है। सलमान ने यह भी कहा- यह मुल्क पहले जैसा नहीं रहा। 4 जुलाई को वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। मामला अजमेर के दरगाह थाना क्षेत्र का है। बयान सामने आने के बाद पुलिस तुरंत एक्टिव हो गई। सलमान चिश्ती की तलाश की जा रही है। वह फरार है। पूरे मामले पर अजमेर ASP विकास सागवान ने कहा- बयान जानकारी में आया है। नशे की हालत में यह वीडियो बनाया गया है। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घर पर ही बनाया वीडियो सलमान अजमेर के मुस्लिम मोची मोहल्ले का रहने वाला है। घर पर ही वीडियो बनाया है। बयान का वीडियो खुद खादिम सलमान चिश्ती ने शूटकर वायरल किया। करीब दो मिनट 50 सेकेंड के इस वीडियो में सलमान ने खुलेआम नूपुर शर्मा को धमकी दी है। 13 मुकदमे पहले से दर्ज थे सलमान पर दो हत्या, दो हत्या के प्रयास सहित कुल 14 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 12 मामले में बरी हो चुका है। 4 जुलाई को एक और मुकदमा दर्ज हो गया है। एएसपी विकास सांगवान ने बताया कि सलमान की तलाश के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
Facebook
Twitter
LinkedIn

Related Posts

[the_ad id='4119']
Verified by MonsterInsights