नई दिल्ली| केंद्र की सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। दरअसल, याचिका केंद्र द्वारा पुनर्विकास योजना की भूमि उपयोग में बदलाव को सूचित करने को लेकर दायर की गई थी। सरकार द्वारा सेंट्रल विस्टा को पुनर्विकसित करने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है और इसके लिए 2024 डेडलाइन तय की गई है। केंद्र सरकार की यह योजना करीब 20 हजार करोड़ रुपये की है और इसी साल केंद्र ने संसद, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक जैसी संरचनाओं द्वारा चिह्नित लुटियंस दिल्ली के केंद्र में लगभग 90 एकड़ भूमि से संबंधित भूमि उपयोग में बदलाव को अधिसूचित किया गया था।
क्या है विस्टा प्रोजेक्ट
संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और इसके आसपास राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले हरित क्षेत्र में मौजूद सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना को आकार दिया जाएगा। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के दायरे में मौजूद ‘सेंट्रल विस्टा क्षेत्र’ को 2021 तक नया रूप दिया जाना है। जबकि मौजूदा और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक संसद भवन की नई इमारत का निर्माण 2022 तक और तीसरे चरण में सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर समेकित करने के लिये प्रस्तावित समग्र केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक करने का लक्ष्य है।
संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और इसके आसपास राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले हरित क्षेत्र में मौजूद सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना को आकार दिया जाएगा। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के दायरे में मौजूद ‘सेंट्रल विस्टा क्षेत्र’ को 2021 तक नया रूप दिया जाना है। जबकि मौजूदा और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक संसद भवन की नई इमारत का निर्माण 2022 तक और तीसरे चरण में सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर समेकित करने के लिये प्रस्तावित समग्र केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक करने का लक्ष्य है।
क्या होगा विस्टा में
सेंट्र्ल विस्टा परियोजना के तहत नए सचिवालय में 10 भवन बनाए जाएंगे। संसद भवन के ठीक बगल में नया संसद बनाया जाएगा। नॉर्थ और साउथ ब्लाक को एक कर म्यूजियम में परिवर्तित किया जाएगा, साथ ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) को उसके वर्तमान स्थल से कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है। प्रस्तावित योजना के अनुसार, विभिन्न मंत्रालयों के लिए एक साझा केंद्रीय सचिवालय निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आईजीएनसीए इमारत के अलावा उद्योग भवन, निर्माण भवन, शास्त्री भवन, उपराष्ट्रपति आवास सहित नौ अन्य इमारतों को ध्वस्त किया जा सकता है। इसके अलावा राष्ट्रीय अभिलेखागार के मॉडल को भी बदला जाएगा।
सेंट्र्ल विस्टा परियोजना के तहत नए सचिवालय में 10 भवन बनाए जाएंगे। संसद भवन के ठीक बगल में नया संसद बनाया जाएगा। नॉर्थ और साउथ ब्लाक को एक कर म्यूजियम में परिवर्तित किया जाएगा, साथ ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) को उसके वर्तमान स्थल से कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है। प्रस्तावित योजना के अनुसार, विभिन्न मंत्रालयों के लिए एक साझा केंद्रीय सचिवालय निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आईजीएनसीए इमारत के अलावा उद्योग भवन, निर्माण भवन, शास्त्री भवन, उपराष्ट्रपति आवास सहित नौ अन्य इमारतों को ध्वस्त किया जा सकता है। इसके अलावा राष्ट्रीय अभिलेखागार के मॉडल को भी बदला जाएगा।
पीएम आवास में भी होगा परिवर्तन
नए प्रस्तावित योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास और कार्यालय में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा। केंद्र सरकार का कहना है कि झोपड़ियों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण लगभग 90 एकड़ प्रमुख भूमि बर्बाद हो गई है। इस जगह का उपयोग साउथ ब्लॉक के पीछे प्रधानमंत्री के लिए नया आवास और ऑफिस बनाने के लिए किया जाएगा। दोनों को इस तरीके से बनाया जाएगा कि प्रधानमंत्री आवास से ऑफिस पैदल भी जा सकें। इसके अलावा उपराष्ट्रपति के आवास को भी बदला जाएगा। उपराष्ट्रपति का नया पता नार्थ ब्लॉक के उत्तर में प्रधानमंत्री के घर के ठीक सामने होगा।
नए प्रस्तावित योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास और कार्यालय में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा। केंद्र सरकार का कहना है कि झोपड़ियों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण लगभग 90 एकड़ प्रमुख भूमि बर्बाद हो गई है। इस जगह का उपयोग साउथ ब्लॉक के पीछे प्रधानमंत्री के लिए नया आवास और ऑफिस बनाने के लिए किया जाएगा। दोनों को इस तरीके से बनाया जाएगा कि प्रधानमंत्री आवास से ऑफिस पैदल भी जा सकें। इसके अलावा उपराष्ट्रपति के आवास को भी बदला जाएगा। उपराष्ट्रपति का नया पता नार्थ ब्लॉक के उत्तर में प्रधानमंत्री के घर के ठीक सामने होगा।
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक बनेगा म्यूजिम
वर्तमान में नार्थ और साउथ ब्लॉक में केंद्र सरकार के अहम मंत्रालय हैं। इनमें वित्त, रक्षा और गृह के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय शामिल है। लेकिन नए प्रस्तावित संरचना के तहत दोनों ब्लॉक को मिलाकर इसे केंद्रीय म्यूजियम बना दिया जाएगा। इन विभागों के मंत्रियों का कार्यालय भी कॉमन सचिवालय में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
वर्तमान में नार्थ और साउथ ब्लॉक में केंद्र सरकार के अहम मंत्रालय हैं। इनमें वित्त, रक्षा और गृह के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय शामिल है। लेकिन नए प्रस्तावित संरचना के तहत दोनों ब्लॉक को मिलाकर इसे केंद्रीय म्यूजियम बना दिया जाएगा। इन विभागों के मंत्रियों का कार्यालय भी कॉमन सचिवालय में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
इंडिया गेट से अधिक नहीं होगी किसी भी बिल्डिंग की ऊंचाई
अभी सेंट्रल विस्टा में 51 में से सिर्फ 22 मंत्री ही बैठते हैं। आने वाले समय में सभी एक साथ बैठेंगे। इसमें कुल 10 बिल्डिंग बनाए जाएंगे, जहां लगभग 70 हजार केंद्रीय कर्माचारी काम करेंगे। प्रस्तावित भवनों में से किसी की भी ऊंचाई इंडिया गेट से अधिक नहीं होगी। सभी भवनों को अंडरग्राउंड रास्तों से जोड़ा जाएगा। सभी भवन केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन से सीधे जुड़े होंगे। सेंट्रल विस्टा पश्चिम में राष्ट्रपति भवन से लेकर मदर टेरेसा क्रेसेंट तक फैला होगा। यह इंडिया गेट से लेकर यमुना के पूर्व के किनारे में फैला होगा। नए प्रस्तावित संरचना के तहत लुटियंस का लैंडमार्क पूरी तरह से बदल जाएगा। सेंट्रल विस्टा में यमुना नदी के किनारे ‘न्यू इंडिया’ गार्डन भी बनाए जाएंगे। इसमें देश की आजादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य को संरचनाओं में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए सरकार डिजाइन प्रतियोगिता का भी आयोजन करने जा रही है। नया प्रस्तावित संसद भवन उसी परिसर में बनेगा, जहां अभी संसद भवन है। पहले पुराने संसद भवन को संग्रहालय में परिवर्तित करने की योजना थी। अब इसके कुछ हिस्सों का इस्तेमाल करने की बात कही जा रही है।
अभी सेंट्रल विस्टा में 51 में से सिर्फ 22 मंत्री ही बैठते हैं। आने वाले समय में सभी एक साथ बैठेंगे। इसमें कुल 10 बिल्डिंग बनाए जाएंगे, जहां लगभग 70 हजार केंद्रीय कर्माचारी काम करेंगे। प्रस्तावित भवनों में से किसी की भी ऊंचाई इंडिया गेट से अधिक नहीं होगी। सभी भवनों को अंडरग्राउंड रास्तों से जोड़ा जाएगा। सभी भवन केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन से सीधे जुड़े होंगे। सेंट्रल विस्टा पश्चिम में राष्ट्रपति भवन से लेकर मदर टेरेसा क्रेसेंट तक फैला होगा। यह इंडिया गेट से लेकर यमुना के पूर्व के किनारे में फैला होगा। नए प्रस्तावित संरचना के तहत लुटियंस का लैंडमार्क पूरी तरह से बदल जाएगा। सेंट्रल विस्टा में यमुना नदी के किनारे ‘न्यू इंडिया’ गार्डन भी बनाए जाएंगे। इसमें देश की आजादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य को संरचनाओं में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए सरकार डिजाइन प्रतियोगिता का भी आयोजन करने जा रही है। नया प्रस्तावित संसद भवन उसी परिसर में बनेगा, जहां अभी संसद भवन है। पहले पुराने संसद भवन को संग्रहालय में परिवर्तित करने की योजना थी। अब इसके कुछ हिस्सों का इस्तेमाल करने की बात कही जा रही है।
राष्ट्रीय बायोडायवर्सिटी पार्क और सेंट्रल एवेन्यू
सेंट्रल विस्टा के पश्चिम में लगभग 48 एकड़ भू-भाग पर राष्ट्रीय बायोडायवर्सिटी पार्क बनाए जाएंगे। इसमें ग्लास हाउस का निर्माण किया जाएगा। राजपथ के पास के जगह को सेंट्रल एवेन्यू में शामिल किया जाएगा। जहां आम लोगों के लिए टॉयलेट, बेंच और पार्किंग की व्यवस्था होगी। यहां अंडरग्राउंड रास्ते भई बनाए जाएंगे।
सेंट्रल विस्टा के पश्चिम में लगभग 48 एकड़ भू-भाग पर राष्ट्रीय बायोडायवर्सिटी पार्क बनाए जाएंगे। इसमें ग्लास हाउस का निर्माण किया जाएगा। राजपथ के पास के जगह को सेंट्रल एवेन्यू में शामिल किया जाएगा। जहां आम लोगों के लिए टॉयलेट, बेंच और पार्किंग की व्यवस्था होगी। यहां अंडरग्राउंड रास्ते भई बनाए जाएंगे।






Users Today : 0
Users This Month : 93
Total Users : 233051
Views Today :
Views This Month : 148
Total views : 54010



