शारीरिक कमजोरी दूर करने के आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय –
दूध, सर्करा और मुई छत्ता इन तीनों को उबाल कर थोड़ा ठंडा होने पर उसका सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है।
सफ़ेद पेठे के बीज के अंदरूनी हिस्से को पीस कर उस आटे को घी मे सेक कर उसमे थोड़ा सर्करा मिला लें और इस तैयार पदार्थ के लड्डू बना लें। और प्रति दिन सेवन करें। इस प्रयोग से शरीर शक्तिवान बनेगा और कमजोरी दूर होगी।
शहद में काली मिर्च का चूर्ण मिला कर प्रति दिन उसका सेवन करने से शरीर के स्नायु मज़बूत होंगे। निर्गुण्डी के तैल की मालिश करने से पैरों की कमजोरी दूर होती है।
सौ से डेढ़ सौ ग्राम धनिया पीस कर पानी में उबाल लें। जब यह घोल 25% जितना रह जाए तब इसे आग से उतार लें। इस गाढ़े मिश्रण का नित्य सेवन करने से दिमागी कमजोरी दूर होती है। जुकाम दूर होता है, और आँखों की रोशनी में आई हुई कमी दूर होती है।
छाछ पीने से आंतों का रोग नहीं होता है। पाचन शक्ति बढ़ती है। छाछ में काली मिर्च और नमक मिश्रित कर के पीने से शरीर को काफी लाभ होता है। छाछ पीने से पेट साफ रहता है और पेट साफ रहने से बीमारियाँ नहीं होती है। और कमजोरी नहीं आती है।
उड़द पचने में भारी होते हैं, पर शक्तिवर्धक होते हैं। रात को उड़द की दाल भिगो कर रख लें और फिर सुबह में उसे पीस कर 1 चम्मच देशी घी और आधा चम्मच शहद मिला कर उसे खा लेने से शरीर बलवान बन जाता है। इस पदार्थ को खाने के बाद शक्कर (मिश्री) मिला दूध पना चाहिए। उड़द की दाल छिलके सहित खाने से शरीर में चरबी बढ़ती है। तथा कमजोरी दूर होती है।
दिन में दो बार शंखपुष्पी का रस पीने से शरीर की कमजोरी दूर होती है। एक बार में 10-15ml रस पिये। सुबह में एक या दो सेब खा कर उस के ऊपर गुनगुना गरम मीठा दूध पीने से शारीरीक कमजोरी दूर होती है। सेब खाने से हृदय गति भी ठीक रहती है। मस्तिष्क को भी लाभ होता है।