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दाऊद के राइटहैंड रियाज भाटी का दोस्त है..जबलपुर का बिशप:मुंबई में 3 करोड़ में किया जिमखाने का सौदा, 35 केस में है आरोपी

ईसाई धर्मगुरु के घर से 1.65 करोड़ कैश मिला:जबलपुर में मकान-ऑफिस पर EOW का छापा, स्कूल फीस के करोड़ों रुपए धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर किए




दाऊद के राइटहैंड रियाज भाटी का दोस्त है..जबलपुर का बिशप:मुंबई में 3 करोड़ में किया जिमखाने का सौदा, 35 केस में है आरोपी

दाऊद के राइटहैंड रियाज भाटी का दोस्त है..जबलपुर का बिशप:मुंबई में 3 करोड़ में किया जिमखाने का सौदा, 35 केस में है आरोपी

जबलपुर में EOW के छापे में मिली बेहिसाब संपत्ति का मालिक बिशप पीसी सिंह, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के राइट हैंड रियाज भाटी का दोस्त है। बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा 3 करोड़ रुपए में किया था। मुंबई पुलिस ने इसका एग्रीमेंट भी रियाज भाटी से जब्त किया था। मिशनरी की अचल संपत्ति को खुद के फायदे के लिए बेचने का यह अकेला मामला नहीं है।

उत्तरप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में ऐसे ही मामलों में बिशप पीसी सिंह और उसके साथियों पर 107 मामले दर्ज हैं। इनमें से करीब 35 केस में बिशप पीसी सिंह नामजद आरोपी है। यह दावा पीएमओ, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) समेत अन्य जांच एजेंसियों से बिशप की शिकायत करने वाले नितिन लॉरेंस ने किया है। नितिन लॉरेंस छत्तीसगढ़ में एक्टिविस्ट हैं।

2017 में किया जिमखाना का सौदा
‘द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस” के चेयरमैन और ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह ने धर्मांतरण के बाद ईसाई धर्म अपनाया था। वह मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है। मुंबई में जॉन विल्सन कॉलेज एंड सोसायटी के नजदीक की जमीन पर चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (CNI) ने जिमखाना बनाया हुआ है। CNI के सीनेट में बिशप मेंबर थे। 2017 में उन्हें सीनेट का मॉडरेटर चुन लिए गए। इसी दौरान मॉडरेटर की हैसियत से उन्होंने रियाज भाटी से जिमखाना का सौदा कर लिया।

जिमखाना को लीज पर देने के बदले बिशप ने रियाज से करीब 3 करोड़ रुपए बतौर एडवांस भी लिए थे। यहां तक कि इसके लिए सीनेट की मंजूरी भी नहीं ली गई। इस बीच, मुंबई पुलिस ने एक मामले में रियाज भाटी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ और तलाशी में पुलिस को सौदे का एग्रीमेंट मिला था, जिसे बिशप डॉ. सिंह ने फर्जी बताया। सीनेट की मंजूरी के बिना जिमखाने को लीज पर दिए जाने का और जमीन सरकारी होने का खुलासा हुआ। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने संबंधित एग्रीमेंट को निरस्त घोषित कर दिया।

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छत्तीसगढ़ के एक्टिविस्ट नितिन लॉरेंस ने केंद्रीय एजेंसियों को बिशप पीसी सिंह की शिकायत की थी।

चार्टर्ड प्लेन में घूमता है बिशप सिंह शिकायतकर्ता नितिन लॉरेंस के मुताबिक लग्जरी लाइफ का शौकीन बिशप प्रॉपर्टी कारोबारी पॉल दिनाकरन का भी दोस्त है। दिनाकरन को भी जमीन खरीदने का शौक है। इस शौक को पूरा करने का काम बिशप पीसी सिंह ने किया। इसके बाद न सिर्फ मोटी रकम कमाई, बल्कि पॉल दिनाकरन के चार्टर्ड प्लेन का भी उपयोग वह करता है। नितिन के मुताबिक दिनाकरन का विमान, नागपुर हवाई अड्‌डे पर स्थाई रूप से खुद के उपयोग के लिए पार्क कराया हुआ है। बिशप इसी विमान से परिवार समेत घूमता है।

बिशप पीसी सिंह अपने दोस्त के प्लेन में घूमता है।

5 राज्यों के 10 शहरों में धोखाधड़ी के 35 केस दर्ज
‘द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस’ के चैयरमेन बिशप पीसी सिंह के खिलाफ उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में धोखाधड़ी के 35 मामले दर्ज हैं। ये मामले संबंधित राज्यों के 10 शहरों में अलग–अलग समय पर सोसायटी की जमीन बेचने, सोसायटी के बजट का दुरुपयोग करने और आर्थिक गड़बड़ी की शिकायतों की जांच के बाद दर्ज हुए हैं।

मनमर्जी से बढ़ाया चेयरमैनशिप का कार्यकाल
CNI के रिकॉर्ड के मुताबिक बिशप डॉ. पीसी सिंह को अक्टूबर 2017 में सीनेट के 27 डायोसिस में अध्यक्ष चुना गया था। उनका कार्यकाल तीन साल का था। वर्ष 2020 में कार्यकाल खत्म होने पर कोविड का हवाला देकर उन्होंने स्वयं ही अपना कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा लिया। इसके बाद से अब तक चुनाव नहीं कराए। उल्टा बिशप ने मिशनरी की कई जमीनों को खुद के फायदे के लिए लीज पर देकर और बेचकर मुनाफा कमाया।

बिशप पर इन शहरों में दर्ज हैं केस
उत्तरप्रदेश के प्रयागराज, हजरतगंज, जौनपुर, कानपुर, झांसी, जालना, जाफराबाद, यमुनानगर, राजस्थान के अजमेर, जयपुर, मोहाली में केस दर्ज हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के महासमुंद, रायपुर, पंजाब के मौरिंदा सिविल लाइन में केस दर्ज हैं।

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चेयरमैन बिशप पीसी सिंह ने पैसों को धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर और खुद के निजी कामों में खर्च करके पद का दुरुपयोग किया। गुरुवार को कार्रवाई के दौरान घर पर बेटा पीयूष (लाल घेरे में) मिला।

बिहार से आकर बिशप बनने तक का सफर
बिशप का जन्म 12 दिसंबर 1962 को बिहार के समस्तीपुर में हुआ था। 1986 में वह जबलपुर आ गया। यहां जबलपुर डायोजियन में बतौर वर्कर जॉइन कर लिया। यहां से छत्तीसगढ़ के भाटपारा भेज दिया गया। फिर जबलपुर की रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन, पीजी किया। यूएसए से क्रिश्चियन आध्यात्मिकता में डॉक्टरेट किया। 29 अक्टूबर 1987 में नोरा सिंह से शादी हुई। पहली बार 1988 में जबलपुर के क्राइस्ट चर्च का पादरी बनाया गया। इसके बाद, बिलासपुर में भी पादरी रहा। 1995 से 1999 तक CNI जबलपुर का प्रेसबिटर का चार्ज रहा। 13 अप्रैल 2004 में पीसी सिंह को जबलपुर डायोस का चौथा बिशप बनाया गया। पीसी सिंह के नेतृत्व में जबलपुर, कटनी और सिवनी में 6 स्कूल चल रहे हैं। पीसी सिंह को 3 अक्टूबर 2014 में CNI का डिप्टी मॉडरेटर बनाया गया। 2017 में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस का मॉडरेटर बनाया गया।

मुख्यमंत्री ने भी बिशप के बारे में ली जानकारी
मामले में CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब तक मिले दस्तावेजों में रुपयों का उपयोग धर्मांतरण या अन्य गैर कानूनी कार्यों में करने की आशंका है। शुक्रवार को सीएम ने EOW के अफसरों की मीटिंग बुलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 3 स्तर पर जांच करने के लिए कहा है। वहीं, प्रदेश के सभी ट्रस्टों की जमीनों की जांच कराने की भी बात उन्होंने की है। बैठक में एडीजी आदर्श कटियार और ईओडब्ल्यू डीजी अजय शर्मा मौजूद थे। पूरी खबर पढ़ें…

दाऊद के राइटहैंड रियाज भाटी का दोस्त है..जबलपुर का बिशप:मुंबई में 3 करोड़ में किया जिमखाने का सौदा, 35 केस में है आरोपी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को EOW की बैठक लेकर जानकारी ली।

2.7 करोड़ के फीस घोटाले से बना अरबों का मालिक
EOW एसपी देवेंद्र सिंह ने बताया कि ‘द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया डायोसिस’ के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह और तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार बीएस सोलंकी के खिलाफ शिकायत मिली थी। इन दोनों पर 2.7 करोड़ रुपए के फीस घोटाले का आरोप है। दरअसल, संस्था को अलग-अलग शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की फीस से करीब 2.7 करोड़ रुपए मिले थे। चेयरमैन बिशप पीसी सिंह ने इन पैसों को धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर और खुद के निजी कामों में खर्च करके पद का दुरुपयोग किया। दोनों ने यह गड़बड़ी वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2011-12 के बीच की।

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बताया जाता है कि बिशप ने सरकार से स्कूल खोलने के नाम पर जमीन ली, लेकिन उस जगह आलीशान बिल्डिंग बनाकर किराए पर दे दिया। इससे लाखों रुपए किराया भी आ रहा है। इसके अलावा, नेपियर टाउन में शासकीय जमीन को लीज पर लिया। यहां इंडियन ओवरसीज बैंक, भारतीय खाद्य निगम और बारात घर को किराए पर दे रखा था।

बिशप के जबलपुर स्थित घर से करीब साढ़े 14 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा भी मिली थी।

ये है मामला
जबलपुर में गुरुवार को EOW ने बिशप पीसी सिंह के घर छापा मारा था। ट्रस्ट संस्थाओं की लीज रिन्युअल में धोखाधड़ी, 7 करोड़ से अधिक का टैक्स न चुकाने के मामले सामने आए। पीसी सिंह ने स्कूल से आए बच्चों की फीस के ढाई करोड़ से ज्यादा रुपए धार्मिक संस्था और खुद पर खर्च कर दिए। छापे में 17 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज, 48 बैंक खाते, 1 करोड़ 65 लाख से अधिक नकद, 18 हजार 352 यूएस डॉलर, 118 पाउंड समेत 8 फोर व्हीलर गाड़ियां बरामद हुई।

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