अब ट्रेन में मिलेगा सफारी जैसा आनंद:भोपाल-जबलपुर जनशताब्दी में लगेगा कांच की छत वाला कोच, सीट भी घूमेगी; जानिए कितना चार्ज
By manu Mishra 9July 2022
भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से जबलपुर के बीच चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में जल्द विस्टाडोम कोच जोड़ा जाएगा। इस कोच की खासियत है इसकी कांच वाली छत। यानी ट्रेन में टिप-टिप गिरती बारिश की बूंदें देख सकेंगे। टिमटिमाते तारों को भी। बड़ी-बड़ी कांच वाली खिड़कियां और 180 डिग्री तक घूमने वाली कुर्सियां भी इस कोच को खास बनाती हैं।
चेन्नई में बने इस कोच में पैसेंजर्स को फ्री वाई-फाई फैसिलिटी रहेगी। कोच 44 सीटर होगा। रेलवे काउंटर या IRCTC की वेबसाइट पर रिजर्वेशन करा सकेंगे। ऑप्शन में विस्टाडोम चुनना होगा। रेलवे PRO सूबेदार सिंह ने बताया कि अभी किराया और यात्रा की तारीख तय नहीं हुई है। हालांकि सूत्रों की मानें, तो किराया AC चेयरकार से ज्यादा होगा। जनशताब्दी में एसी चेयर कार का किराया 565 रुपए है। विस्टाडोम के लिए इससे ज्यादा राशि देनी होगी।
इस कोच को और कौन सी खूबियां खास बनाती हैं, जानिए…
X (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); X
कोच में एक ऑब्जर्वेशन लाउंज बनाया गया है। इसमें तीनों तरफ से कांच की बड़ी-बड़ी विंडो हैं। यहां खड़े होकर यात्री नजारों को और बेहतर तरीके से देख सकेंगे।
सबसे खास इसका ग्लास रूफ टॉप (छत) है। यह नैनो टेक्नोलॉजी से बनाया गया है। लाइट शुरू होते ही यह रूफ टॉप पूरी तरह शीशे की तरह पारदर्शी हो जाएगा।
कोच की सीट 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। दो सीट एक साथ जुड़ी हैं। इन्हें घुमाकर आप पीछे की ओर वाली सीट की तरफ भी मुंह कर सकते हैं। हर सीट में चार्जिंग पॉइंट दिया गया है।
फ्री वाई-फाई तो होगा ही, फिल्म और सॉन्ग्स भी प्ले किए जाएंगे। रेलवे के स्पेशल पैकेज और टूरिस्ट स्पॉट की भी जानकारी दी जाएगी।
दोनों तरफ ऑटोमैटिक स्लाइडिंग गेट हैं। गेट के पास ही मल्टी-टियर स्टील के रैक बनाए गए हैं। इसी में पैसेंजर को लगेज रखना होगा।
माइक्रोवेव ओवन, कॉफी मेकर और रेफ्रिजरेटर के साथ एक मिनी पेंट्री कार है।
सुरक्षा के लिए कोच 6 CCTV कैमरे से लैस है। छत और खिड़कियों का कांच लेमिनेटेड ग्लास से बना है। इससे ये टूटेंगे नहीं।
फायर अलार्म है। दो इमरजेंसी विंडो हैं। विंडो के ऊपर एक हैंडल दिया गया है। इसको खींचते ही रबर निकल जाएगी। इससे विंडो का ग्लास अंदर की तरफ गिर जाएगा और पैसेंजर्स को बाहर निकलने के लिए रास्ता बन जाएगा।
यही रूट क्यों चुना गया?
रानी कमलापति से जबलपुर का रूट इसलिए चुना गया, क्योंकि इस रूट पर जंगल, पहाड़ और भरपूर हरियाली है। जंगली जानवर भी देखने को मिल जाते हैं। पचमढ़ी, समरधा के जंगल, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व इसी रूट पर है। बुदनी के पास मिडघाट का जंगल है। यहां ट्रेन 360 डिग्री तक घूमती है। होशंगाबाद से पिपरिया के बीच झरने बहते हैं। पैसेंजर्स ट्रेन के गेट पर खड़े होकर नजारे देखते हैं, ऐसे में विस्टाडोम कोच में लोग सेफ रहकर खूबसूरत वादियों को निहार सकते हैं।
रानी कमलापति से जबलपुर के पूरे रूट में खूबसूरत वादियां, झरने, पहाड़ और जंगल हैं।
सांप सी गुजरती है ट्रेन, थम सी जाती हैं सांसें:VIDEO… मिडघाट का 2 Km घुमावदार ट्रैक; यहां एक ही दिशा में आ जाते हैं इंजन और पिछला डिब्बा
इन स्टेशन से करा सकेंगे टिकट
जबलपुर से रानी कमलापति स्टेशन के बीच यह ट्रेन होशंगाबाद, इटारसी, पिपरिया, गाडरवाड़ा, करेली, नरसिंहपुर, श्रीधाम, मदन महल में रुकेगी।
ट्रेन का टाइम टेबल
रानी कमलापति से यह ट्रेन शाम 5.40 बजे रवाना होती है। जबलपुर स्टेशन पर यह रात 10.55 बजे पहुंचती है। इसी तरह जबलपुर से यह सुबह 5.30 बजे चलकर रानी कमलापति स्टेशन सुबह 11 बजे पहुंचती है।